गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति जारी, इन किसानों को भी मिलेगी प्राथमिकता

Share Product प्रकाशित - 15 Sep 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति जारी, इन किसानों को भी मिलेगी प्राथमिकता

जानें, पेराई सत्र-2024-25 के लिए सट्‌टा नीति में क्या किए गए है प्रावधान

गन्ने की खेती (Sugarcane Cultivation) करने वाले किसानों के लाभार्थ गन्ने की कटाई से पूर्व गन्ने की सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी की जाती है ताकि गन्ने की पेराई सत्र के दौरान किसानों को अपना गन्ना बेचने में कोई परेशानी नहीं हो। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश जो कि गन्ना उत्पादन में देश में नंबर वन स्थान रखता है, उसने प्रदेश में पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ने के सट्‌टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है। इसमें राज्य के छोटे किसानों को गन्ना बेचने में प्राथमिकता दी जाएगी। इस गन्ना सट्‌टा नीति में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई सुविधाजनक और लाभकारी प्रावधान किए गए हैं।

इस बार गन्ना सट्‌टा और आपूर्ति नीति में क्या किए गए हैं प्रावधान

यूपी सरकार ने इस बार गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति के तहत गन्ना किसानों के लिए कई सुविधाजनक और लाभकारी प्रावधान किए हैं जो इस प्रकार से हैं-

  • पहली बार गन्ना समिति के नए किसान सदस्यों का सट्‌टा पेराई सत्र 2023-24 में संबंधित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति या संबंधित जिले की गन्ना उत्पादकता का 65 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो, उसकी सीमा तक गन्ना सट्‌टा का लाभ प्रदान किया जाएगा।
  • पहली बार नए समिति सदस्यों जिनके पास पेडी या शरदकालीन पौधा है, ऐसे किसानों की पर्चियां 6वें पक्ष में लगाई जाएगी।
  • जिन किसानों के पास पौधा गन्ना है, उनकी पर्चियां 7वें पक्ष में लगाई जाएंगी।
  • गन्ना समिति के 30 सितंबर 2024 तक बनाए गए नए सदस्यों द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों की जांच की जाएगी और नियमानुसार सदस्यता दिलाई जाएगी।
  • इन नए सदस्यों का सट्‌टा बनाते हुए 15 नंवबर तक अंतिम कैलेंडर जारी किया जाएगा।
  • गन्ना समितियों के नए सदस्यों को पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना आपूर्ति की सुविधा दी जाएगी।
  • गन्ना आपूर्ति नीति में छोटे गन्ना किसानों की आपूर्ति को शामिल किया जाएगा। इसके लिए सट्टा नीति में 72 क्विंटल तक के सट्‌टा धारक गन्ना किसानों को छोटे किसानों की श्रेणी में माना जाएगा।
  • छोटे गन्ना किसानों की पेडी गन्ने की पर्चियां 01 से 03 पक्ष में तथा पौधे गन्ने की पर्चियां 07 से 09 में जारी की जाएंगी।
  • प्रथम बार छोटे गन्ना किसानों, जिनका सट्‌टा 36 क्विंटल तक है, की पेडी गन्ने की पर्चियां प्रथम पक्ष में और पौधे गन्ने की पर्चियां सातवें पक्ष में जारी किए जाना अनिवार्य किया गया है।
  • जो किसान गन्न की खेती में ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन अतिरिक्त सट्टे में अस्वीकृत किस्मों के गन्ने को शामिल नहीं किया जाएगा।
  • इस बार गन्ना सट्टा नीति में पहली बार अतिरिक्त बॉन्डिंग पेडी एवं शरदकालीन पौधाधारक किसानों को 6 वें पक्ष में अतिरिक्त बान्डिंग की सुविधा दी जाएगी।
  • अतिरिक्त सट्‌टे की सुविधा गन्ना किसानों को मुफ्त में दी जाएगी।

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क्या है गन्ना सट्‌टा

गन्ना सट्‌टा नीति के अनुसार आपूर्ति हेतु निर्धारित गन्ने की मात्रा जिसमें मूल कोटा, अतिरिक्त बांडिंग तथा कुल गन्ना उत्पादन के अधिकतम 85 प्रतिशत तक की सामान्य बढ़ोतरी सम्मिलत होती है, इसे ही गन्ना सट्टा कहा जाता है। नई सट्टा नीति से उत्तर प्रदेश के छोटे गन्ना किसानों को भी लाभ होगा।

क्या है गन्ना पर्ची कैलेंडर

गन्ना पर्ची कैलेंडर में किसानों को गन्ना की बिक्री से संबंधित सभी जानकारियों दी जाती है। इसमें चीनी मिल का नाम, पर्ची की तारीख, पंची का नंबर, पर्ची की मात्रा, पर्ची का मूल्य आदि बातों की जानकारी दी हुई होती है। गूगल प्ले स्टोर से गन्ना पर्ची कैलेंडर ऐप काे डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के माध्यम से यूपी की सभी चीनी मिलों की गन्ना पर्ची कैलेंडर देखा जा सकता है।

यांत्रिक गन्ना कटाई की दी अनुमति

गन्ना सट्‌टा और आपूर्ति नीति में पहली बार यांत्रिक गन्ना कटाई की अनुमति प्रदान की गई है। इसके तहत जो चीनी मिल अपने क्षेत्र में यांत्रिक गन्ना कटाई को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करना चाहती हैं, उन्हें इस संबंध में चीनी मिल यांत्रिक गन्ना कटाई से संबंधित बिंदुओं जैसे- यांत्रिक गन्ना कटाई दर व बाह्य सामग्री आदि पर इच्छुक किसानों से सहमति प्राप्त करने के बाद केन इंप्लीमेंटशन कमेटी को प्रस्तुत करेगी। इसके बाद केन इंप्लीमेंटेशन कमेटी की ओर से संबंधित सहकारी गन्ना विकास समिति के सचिव से आवश्यक विचार-विमर्श किया जाएगा और इसके बाद ही यांत्रिक गन्ना कटाई के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

किसानों के लिए टोल फ्री नंबर की सुविधा

यूपी के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी के अनुसार किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए मुख्यालय स्तर पर कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है जिसका टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 है। इसके जरिये किसान सीधे अपनी शिकायतें दर्ज कराकर समाधान करा सकते हैं। गन्ना विकास विभाग पेराई सत्र 2024-25 में चीनी मिलों के समय पर एवं सुचारू रूप से संचालित किए जाने के लिए समुचित व्यवस्था कर रहा है ताकि गन्ना पेराई सत्र के दौरान किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो।

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