गन्ना किसानों को जल्द किया जाएगा बकाया राशि का भुगतान

Share Product प्रकाशित - 25 Mar 2025 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

गन्ना किसानों को जल्द किया जाएगा बकाया राशि का भुगतान

जानें, अब तक प्रदेश के धान किसानों को कितना मिला भुगतान और कितना है बकाया

गन्ने की खेती (Sugarcane Cultivation) करने वाले किसानों के लिए खुशखबर है। गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) को जल्द ही बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। इसे लेकर राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल भी गन्ना किसानों की 88 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जा चुका है और शेष बची हुई बकाया राशि का भी जल्द ही भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में गन्ना किसानों के हित में कई बडे़ और अहम फैसले लिए गए हैं। सरकार के इन फैसलों से प्रदेश में गन्ना व चीनी के उत्पादन में बढ़ाेतरी के साथ ही इसके आर्थिक विकास में भी उन्नति हुई है। योगी सरकार की ओर से गन्ना किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के साथ ही उनकी आय में बढ़ोतरी के भी प्रयास किए जा रहे हैं। 

छाता व मथुरा बंद पड़ी चीनी मिल फिर से शुरू

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयास से प्रदेश की छाता व मथुरा में 2009 से बंद पड़ी चीनी मिल को दुबारा से शुरू किया गया है ताकि किसानों की आय बढ़े और उनका गन्ना स्थानीय स्तर पर ही बिक जाए ताकि उनका ट्रांसपोर्ट का खर्च नहीं लगे। छाता व मथुरा चीनी मिल खुलने से किसान काफी खुश हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार ने पिपराइच डिस्टिलरी के लिए ई–निविदाओं की प्रक्रिया शुरू की है जिसके पूरी होते ही निर्माण कार्य भी जल्द शुरू हो जाएगा। यूपी सरकार की ओर से 2025–26 के बजट में छाता व मथुरा में 300 टीडीसी क्षमता की चीनी मिल और पिपराईच, गोरखपुर में 120 केपीएलडी की एथेनॉल डिस्टलरी की स्थापना की घोषणा की गई थी। वर्तमान में दोनों इकाइयों के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है और अगले माह में निविदा प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। 

चीनी मिलों की क्षमता 3000 टीडीएस तक बढ़ी

प्रदेश में चीनी मिलों की क्षमता को 2000 टीडीएस से बढ़ाकर 3000 टीडीएस की जा रही है। इसके साथ ही मिल की क्षमता 4900 टीडीएस तक भी बढ़ाई जा सकेगी। मिल की स्थापना क्षेत्र के गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) के लिए एक बड़ी सौगात है। इसके साथ ही गोरखपुर जिले में स्थित पिपराइच की शुगर मिल में एथनॉल डिस्टलरी की स्थापना के लिए बजट में 90 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। वर्तमान में 120 केपीएलडी क्षमता की एथनॉल की डिस्टलरी की स्थापना के लिए निविदा प्रक्रिया भी अंतिम चरण में हैं जो अगले माह पूरी होते ही निर्माण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।  

पिछले 8 सालों में गन्ना किसानों को हुआ रिकार्ड भुगतान

यूपी की योगी सरकार ने पिछले 8 सालों में गन्ना किसानों  (Sugarcane Farmers) को 2.80 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया है जो अपने आप में रिकार्ड है। जबकि पिछली सरकारों के कार्यकाल में गन्ना किसान दस–दस सालों तक गन्ना विक्रय की बकाया राशि के भुगतान के लिए परेशान रहते थे। यदि भुगतान पर नजर डाले तो पिछली सरकारों ने 1995 से लेकर 2017 तक, इन 22 सालों के दौरान गन्ना किसानों को मात्र 66.703 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। इस साल भी प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बजट में 475 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। इसमें से 88 प्रतिशत राशि का वितरण किया जा चुका है और शेष राशि का वितरण भी किसानों को जल्द किया जाएगा। 

Tractor Junction Application

शेष राशि के भुगतान की प्रक्रिया जल्द होगी पूरी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गन्ना किसानों  (Sugarcane Farmers) की बकाया शेष राशि का भुगतान जल्द ही पूरी करने की प्रक्रिया चल रही है। किसानों को समय पर भुगतान से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसी के साथ गन्ना और उससे संबंधित उत्पादों के उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी ने बागपत में अपनी एक सभा में इसे एक ऐतिहासिक कार्य बताया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गन्ना किसान व गन्ने के उत्पाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 1.09 लाख करोड़ रुपए का जीवीए (Gross Value Added) में योगदान दे रहा है। 

यूपी में अभी कितना है गन्ने का रेट (Sugarcane Rate in UP) 

वर्तमान में यूपी अगेती किस्मों के लिए 370 रुपए प्रति क्विंटल रेट तय दिया जा रहा है। वहीं सामान्य प्रजाति के गन्ने के लिए 360 रुपए प्रति क्विंटल रेट है और अनुपयुक्त प्रजाति के गन्ने के लिए 355 रुपए प्रति क्विंटल रेट चीनी मिलों द्वारा किसानों को दिया जा रहा है। हालांकि यूपी किसानों ने इस मूल्य को कम बताते हुए इसे 400 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग की थी, लेकिन चालू पेराई सीजन की शुरुआत से ही यूपी की चीनी मिलें गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी के पक्ष में नहीं थीं। चीनी उद्योग का कहना था कि उनकी बढ़ती लागत व गन्ने से कम रिकवरी के कारण वे गन्ने का रेट बढ़ाने की स्थिति में नहीं है जिसे राज्य सरकार ने भी सही माना और यूपी बजट में गन्ने की रेट में बढ़ोतरी को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई जिससे किसान को निराशा हाथ लगी। बता दें कि यूपी में 8 साल के दौरान गन्ने के मूल्य में कुल 55 रुपए रुपए की बढ़ोतरी की गई है।

अभी किस राज्य में कितना है गन्ने का रेट (Sugarcane Rate Other State) 

अलग–अलग गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने का राज्य एडवाइरी प्राइज यानी एसएपी अलग-अलग निर्धारित किया हुआ और इन राज्यों में उसी रेट पर किसानों से गन्ने की खरीद की जाती है। देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने का एसएपी इस प्रकार है-

  • उत्तर प्रदेश में गन्ने का एसएपी 370 रुपए प्रति क्विंटल है। 
  • पंजाब में गन्ने का एसएपी 401 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
  • हरियाणा में गन्ने का एसएपी 400 रुपए प्रति क्विंटल है। 
  • उत्तराखंड में गन्ने का एसएसपी 375 रुपए प्रति क्विंटल है। 
  • बिहार में गन्ने का मूल्य 375 रुपए प्रति क्विंटल है। 

बता दें कि बिहार में चीनी मिलों द्वारा किसानों से गन्ना 365 रुपए प्रति क्विंटल से ही खरीद जाएगा जबकि बढ़े हुए 10 रुपए का भुगतान प्रदेश सरकार की ओर से किया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी (FRP) पेराई सत्र 2024–25 के लिए 340 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इससे नीचे किसी राज्य में गन्ने की खरीद नहीं की जा सकती है। हालांकि सभी राज्यों में गन्ने का एसएपी (SAP) केंद्र द्वारा घोषित एफआरपी से अधिक होता है।

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों वीएसटी ट्रैक्टरमहिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

हमसे शीघ्र जुड़ें

Call Back Button
scroll to top