Posted On - 12 Nov 2020
दीपावली से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने देशवासियों को खास सौगात दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का ऐलान करके किसानों, मजदूरों, श्रमिकों, व्यापारियों सहित हर वर्ग को राहत प्रदान की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने धनतेरस से एक दिन पहले गुरुवार को पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि कोरोना के कारण डगमगाई अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। मोदी सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत 3.0 का ऐलान किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण काल में नए रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना की शुरुआत की थी।
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आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज / आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या है (atam nirbhar bharat)
कोरोना वायरस की मार से भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 12 मई 2020 को देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक राहत पैकेज, आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की की थी। इस आत्मनिर्भर भारत अभियान 2020 के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई थी जो देश की जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत है। अब इसके तीसरे चरण का शुभारंभ किया गया है।
केंद्र की मोदी सरकार ने आत्म निर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत 2 लाख 65 हजार 80 करोड़ रुपए की 12 घोषणाएं की है। यह जीडीपी का करीब 15 फीसदी है। आत्मनिर्भर भारत 3.0 की प्रमुख 12 घोषणाएं नीचे दी गई हैं।
ऐसे कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे और उनकी सैलरी 15 हजार रुपये से कम है उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। जो लोग कोरोना काल के दौरान अगस्त से सितंबर तक नौकरी में नहीं थे, लेकिन उसके बाद पीएफ से जुड़े हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। इस योजना का लक्ष्य यह है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ें और पीएफ का फायदा उठायें।
सरकार किसानों को फर्टिलाइजर खरीदने के लिए सब्सिडी के रूप में 65 हजार करोड़ रुपए देगी। इससे 14 करोड़ किसानों को फायदा होगा। देश में खाद की खपत 2019-20 के मुकाबले 17.8 फीसदी बढ़ी है।
यह कोरोना लॉकडाउन के दौर में घर लौटे मजदूरों के लिए सरकार की व्यापक सोच वाली योजना है। पीएम गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
पीएलआई स्कीम के तहत केंद्र सरकार अगले पांच साल के दौरान 1.46 लाख करोड़ रुपए का प्रोत्साहन देगी। पीएलआई स्कीम एक आउटपुट आधारित प्रोत्साहन योजना है जिसमें निर्माता/उत्पादक यदि किसी सामान का उत्पादन करता है तो उसे सरकार की तरफ से पहले से निर्धारित प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत 5-7 साल के लिये नकद प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसमें सभी उभरते हुए महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया जाता है। इन निर्माण क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, उन्नत रसायन विज्ञान और सोलर पावर सिस्टम शामिल हो सकते हैं।
पीएम शहरी आवास योजना की मदद से देश में 12 लाख नए, 18 लाख पुराने घरों का निर्माण पूरा हो सकेगा। इसके लिए 18 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इस योजना में कुल 30 लाख मकान बन सकेंगे। यह बजट में घोषित 8 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त होगा। इसमें 78 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
केंद्र सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की समय-सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी है। आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजी स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभ उठाया है।
निर्माण क्षेत्र की कंपनियों को को अब कान्ट्रेक्टस के लिए परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के रूप में 5-10 फीसदी की जगह सिर्फ 3 फीसदी रकम रखनी होगी। यह राहत ३१ दिसंबर 2021 तक मिलेगी।
डवलपर्स और घर खरीदारों को इनकम टैक्स में राहत दी गयी है। इससे रियल एस्टेट को बूस्ट मिलेगा और मध्य वर्ग को राहत मिलेगी। सर्कल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू में अंतर को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का फैसला किया गया है।
केंद्र सरकार एनआईआईएफ के डेट प्लेटफॉर्म में 6000 करोड़ रुपए इक्विटी के रूप में निवेश करेगी।
प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए एक्जिम बैंक को 3000 करोड़ रुपये लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में दिए जाएंगे।
सरकार ने कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर पर अगले साल तक 10,200 करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है।
कोविड पर रिसर्च के लिए 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। यह फंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग को मिलेगा। यह कोविड टीका बनाने के लिए नहीं, बल्कि उसके बारे में रिसर्च के लिए होगा। कोविड टीके का खर्च अलग होगा।
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