प्रकाशित - 12 Nov 2022
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए कई प्रकार की योजनाएं सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उनकी आय में बढ़ोतरी करना है। इसी क्रम में राजस्थान सरकार की ओर से भी केंद्रीय योजनाओं के साथ ही राज्य स्तर पर चलाई जा रही योजनाओं के जरिये किसानों को लाभ प्रदान किया जा रहा है। राजस्थान सरकार की इन्हीं योजनाओं में से एक योजना सौर कृषि आजीविका योजना है जो किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर सकती है। इस योजना के जरिये किसान अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। इस योजना से किसानों को सिंचाई के लिए बिजली के साथ ही पैसा कमाने का अवसर मिलेगा।
कृषि आजीविका योजना राजस्थान के लिए एसकेएवाई पोर्टल लांन्च किया गया है। इसके माध्यम से जो किसान इस योजना का लाभ चाहते हैं वे पंजीकरण करा सकते हैं। अब तक इस याेजना के तहत 7217 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि अब तक 34621 से अधिक लोगों ने योजना के पोर्टल को विजिट किया है। बता दें कि ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने 17 अक्टूबर, 2022 को सौर कृषि आजीविका योजना के पोर्टल www.skayrajasthan.org.in का शुभारंभ किया था। यह पोर्टल किसानों एवं विकासकर्ताओं को किसानों की बंजर/अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना में मदद करेगा।
राजस्थान सरकार की सौर कृषि आजीविका योजना के तहत प्रदेश सरकार किसानों की बंजर और अनुपयाेगी भूमि लीज पर लेगी और उस पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगी। किसानों को अपनी बंजर और अनुपयोगी भूमि किराया सरकार की ओर से दिया जाएगा जिससे उन्हें अतिरिक्त आय होगी। इस योजना की खास बात ये हैं कि इसके तहत किए गए बिजली उत्पादन को आसपास के इलाके के लोगों को सप्लाई किया जाएगा। इस योजना से प्रदेश में बिजली की खपत में कमी आएगी और सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बिजली उत्पादन में हो सकेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम्स भास्कर.ए.सावंत ने सर्किलवार अधीक्षण अभियन्ताओं से योजना की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिए कि इस योजना का प्रदेश के किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए सभी अभियन्ता समन्वय से कार्य करते हुए विशेष प्रयास करें। इस योजना के तहत स्थापित होने वाले सौर ऊर्जा संयत्रों से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इनसे उत्पादित होने वाली बिजली आस-पास के क्षेत्र के किसानों को ही मिलेगी और उनको दिन के समय कृषि कार्य के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
समीक्षा बैठक में बताया कि योजना के शुभारंभ के बाद किसानों एवं विकासकर्ताओं का अच्छा रेस्पान्स मिल रहा है और अब तक 34621 से अधिक लोगों ने योजना के पोर्टल को विजिट किया है। योजना के तहत 7217 किसानों ने अपनी बंजर/अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना के लिए एसकेएवाई पोर्टल पर पंजीकरण कराया हैं। इसके साथ ही 753 सौर ऊर्जा संयत्रों के विकासकर्ताओं ने भी पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। 14 किसानों व 14 विकासकर्ताओं ने निर्धारित फीस भी जमा करवाई है। उन्होंने बताया कि अलवर व जयपुर जिले के किसानों ने योजना में अधिक उत्साह दिखाया है। इसमें अलवर जिले में 3 औंर जयपुर जिले में 7 किसानों ने अपनी भूमि का पंजीकरण निर्धारित फीस के साथ विभिन्न जीएसएस के लिए कराया है और पोर्टल पर जमीन के डाक्यूमेन्ट भी अपलोड कर दिए है। डिस्कॅाम अधिकारियों द्वारा भूमि के सत्यापन के पश्चात् इन जीएसएस के लिए डिस्कॉम द्वारा षीघ्र ही टेण्डर जारी करने की प्रक्रिया की जाएगी।
श्री सावंत ने बताया कि किसानों व विकासकर्ताओं को योजना के बारे में जानकारी प्रदान के लिए शीघ्र ही डिस्कॉम स्तर पर डेडीकेटेड हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी। जिसके नम्बर पर कार्यालय समय में किसान व विकासकर्ता कॉल करके और अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि आजीविका योजना शुरुआत की गई है। इस याेजना के तहत किसानों की बंजर और अनुपयोगी भूमि पर डवलपर के माध्यम से सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा जिससे किसानों को अतिरिक्त कमाई होगी। इस योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए सरकार से सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
सौर कृषि आजीविका योजना से विकासकर्ता भी संयंत्र लगाने के लिए पीएम कुसुम योजना के तहत केन्द्रीय अनुदान (लागत का 30% ) प्राप्त कर सकेंगे। प्रदेश सरकार द्वारा भूमि मालिक/किसान, विकासकर्ता तथा संबंधित डिस्कॉम या कंपनी के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध किया जाएगा ताकि भूमि मालिक/किसान को जोखिम से सुरक्षा प्रदान की जा सके। इस निर्णय से सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ने से ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम होने से पर्यावरण प्रदूषण का स्तर कम होगा तथा आमजन को राहत मिलेगी।
डेवलपर को पंजीकरण के समय 5900 रुपए फीस के रूप में जमा करनी होगी। वहीं किसान को पंजीकरण शुल्क के रूप में 1180 रुपए का भुगतान करना होगा। इसके बाद ही भूमि का डिस्कॉम द्वारा आवेदन की जांच करके भूमि का सत्यापन किया जाएगा।
सौर कृषि आजीविका योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको इसके पोर्टल https://www.skayrajasthan.org.in/OuterHome/Index पर पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के लिए भूमि मालिकों और डेवलपर्स के लिए जो पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई हैं वे इस प्रकार से हैं।
इस योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए किसान को पोर्टल www.skayrajasthan.org.in पर किसान लॉग इन व डेवलपर लॉग इन में से ऑप्शन चुनकर रजिस्टर बटन पर क्लिक करके मोबाइल नंबर, नाम और ओटीपी डालकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। डेवलपर को पंजीकरण के समय 5900 रुपए फीस के रूप में जमा करना होगा। रजिस्ट्रेशन करने के बाद प्राप्त यूजर आईडी और पासवर्ड की मदद से लॉगिन करना होगा। इसके आगे की प्रक्रिया किसान और डेवलपर दोनों के लिए अलग-अलग प्रकार की होगी। लॉगिन करने के बाद लिस्ट में उपयुक्त 33/11 किलोवाट सब स्टेशन का चयन करना होगा। इसके बाद स्क्रीन पर एक आवेदन फार्म खुलने पर जरूरी दस्तावेज अपलोड के बाद पंजीकरण शुल्क 1180 रुपए का भुगतान कर दें। इसके बाद भूमि का डिस्कॉम द्वारा आवेदन की जांच करके भूमि का सत्यापन किया जाएगा।
यदि आप इस योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले इस योजना के संबंध में विभागीय वेबसाइट में जो किसानों/भूस्वामियों के लिए पंजीकरण के लिए जो दिशा- निर्देश दिए गए हैं उन्हें अवश्य एक बार पढ़ लेना चाहिए। इससे आपको रजिस्ट्रेशन में आसानी होगी और योजना से संबंधित नियमों की भी जानकारी आपको हो जाएगी।
सरकार की इस योजना में आवेदन करने के लिए किसानों को कुछ दस्तावेजों की जरुरत पड़ेगी जो इस प्रकार से है-
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