Posted On - 29 Dec 2020
देश में केंद्र सरकार की ओर से किसानों और पशुपालकों के लिए कई योजनाएं चला रखी है। वहीं राज्य सरकारों ने भी किसानों के लाभार्थ कई योजनाएं शुरू की है। इसी क्रम में उत्तरप्रदेश सरकार ने किसानों व पशुपालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से "मैत्री" योजना चल रही है। इसके तहत गौसेवकों को चार माह का कृत्रिम गर्भाधान का प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें एक माह का सैद्धांतिक प्रशिक्षण कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थानों में एवं 3 माह का प्रायोगिक प्रशिक्षण जिलों के कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों/पशु चिकित्सालयों में दिया जाता है। प्रशिक्षण उपरांत उन्हें कृत्रिम गर्भाधान किट प्रदान की जाती है ताकि वह क्षेत्र में जाकर कृत्रिम गर्भाधान कार्य एवं अन्य कार्य प्रारंभ कर सकें।
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मैत्री द्वारा कार्य प्रांरभ करने के उपरंात उन्हें 3 वर्षों के लिए टेपरिंग ग्रांट दिए जाने का प्रावधान है। जिसमें प्रथम वर्ष में राशि 1500 रुपए प्रतिमाह, द्वितीय वर्ष में राशि रुपए 1200 प्रतिमाह एवं तृतीय वर्ष में रुपए 800 प्रतिमाह टेपरिंग ग्रांट के रूप में दी जाती है।
गोवंशीय पशुओं की देसी नस्ल सुधार एवं कृत्रिम गर्भाधान आदि उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जिससे देसी नस्ल के पशुओं में दुग्ध उत्पादन को बढाकर पशुपालकों की आय में वृद्धि की जा सके, इसके लिए देश भर में राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना चलाई जा रही है। योजना के कई घटक है उनमें से एक घटक जिसके तहत गोवंशीय पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान हेतु किसानों के घर पर गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान (एआई) सेवाओं की व्यवस्था के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मैत्री की स्थापना की जा रही है। उत्तरप्रदेश राज्य में मैत्री की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इच्छुक व्यक्ति योजना के तहत अभी आवेदन कर सकते हैं।
पशुपालकों के द्वार पर कृत्रिम गर्भधान सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार की राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत नवीन मैत्री (मल्टी परपज ए.आई. तकनीशियन इन रूलर इंडिया) के चयन हेतु 1250 मैत्री सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग-888, एस.सी. 212 एवं एस.टी.-150 पद के लिए 3 माह का प्रशिक्षण प्रदान कर स्वरोजगार के उद्देश्य से प्रदेश के चिन्हित 35 जनपदों हेतु आवेदन कर सकते हैं।
उत्तरप्रदेश के अभी 35 जनपदों, अम्बेडकरनगर, अमेठी, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलरामपुर, बांदा, बस्ती, देवरिया, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, जालौन, जौनपुर, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर, महाराजगंज, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सिध्हार्थनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सुल्तानपुर, उन्नाव, वाराणसी, सोनभद्र, मऊ, बलिया एवं ललितपुर में स्थापित किया जाना है।
निर्धारित प्रारूप पर आवेदन-पत्र एवं उसके साथ शैक्षणिक एवं निर्धारित आह्र्ताओं से संबंधित प्रमाण-पत्र की स्व प्रमाणित छाया प्रतियां, आवेदन पत्र के साथ अपना पता लिखा एक लिफाफा (27 रुपए का डाक टिकट सहित) अनुसूचित / जाति / अनुसूचित जनजाति श्रेणी सक्षम स्तर द्वारा जारी जाती प्रमाण-पत्र की स्वप्रमाणित छाया-प्रति संलग्न कर संबंधित पशुचिकित्साधिकारी / उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी के कार्यालय में दिनांक 31.12.2020 सायं 5.00 बजे तक व्यक्तिगत रूप से जमा कर सकते हैं। संबंधित पशुचिकित्साधिकारी/ उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा आवेदन-पत्रों को भरने में सहायता की जाएगी।
चयनित अभ्यर्थियों को चयन के बाद इस आशय का शपथ-पत्र देना होगा कि वे स्वरोजगारी के रूप में कार्य करेंगे। सरकारी सेवा में किसी भी स्थिति में संविलयन का कोई अधिकार नहीं होगा तथा इसके लिए कभी दावा नहीं करेंगे। आवेदन-पत्र का प्रारूप नियम व शर्तें एवं मैत्री का जनपदीय लक्ष्य परिषद् की वेबसाइट http://upldb.up.gov.in/ पर उपलब्ध है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31.12.2020 को सायं 5.00 बजे तक निर्धारित है अत: इच्छुक लाभार्थी इससे पूर्व अपना आवेदन जमा कर सकते हैं।
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