Published - 15 Jul 2020 by Tractor Junction
हर साल प्राकृतिक आपदा, असमय बारिश ओलावृष्टि से किसानों की फसल को नुकसान पहुंचता है। इसके लिए सरकार द्वारा फसल बीमा योजना चलाई गई है। इस योजना के तहत किसान को फसल का बीमा कराने पर नुकसान होने की दशा में नुकसान की भरपाई के लिए बीमा दावों का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में खरीफ की फसलों को प्राकृतिक आपदा, असमय बारिश व ओलावृष्टि के कारण काफी नुकसान पहुंचा, साथ ही रबी की फसल में भी नुकसान हुआ। इससे किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ी। जहां अन्य राज्यों में किसान को फसली नुकसानी का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है, वहीं छत्तीसगढ़ राज्य ने सबसे पहले किसानों को फसली नुकसानी के मुआवजे की भरपाई की है।
इस योजना के तहत बीमा कंपनी द्वारा जिन किसानों ने अपनी फसल बीमा करवा रखा था उन किसानों के दावों का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया गया है। इसके अंतर्गत 1 लाख 12 हजार 805 किसानों को 495 करोड़ 98 लाख रुपए की रबी की फसल की दावा राशि का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य के 25 जिलों के किसानों को रबी फसल में नुकसानी का मुआवजा दिया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य के 1 लाख 12 हजार 805 किसानों को रबी फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए 495 करोड़ 98 लाख रुपए की दावा राशि का भुगतान बीमा कंपनियों द्वारा किया गया। इन 25 जिलों में बीमा दावों का भुगतान प्राकृतिक आपदा के कारण निर्धारित उपज से वास्तविक उपज कम प्राप्त होने के आधार पर किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों द्वारा रबी फसलों के बीमा के लिए बीमा कंपनियों को 57 करोड़ 94 लाख रुपए के कुल प्रीमियम भुगतान किया गया था।
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