Published - 24 Feb 2021 by Tractor Junction
सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं चला रखी है जिससे उन्हें खेती करने में आसानी हो सके और उन्हें आर्थिक रूप से परेशान नहीं होना पड़े। किसानों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाने के लिए इन सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी दी जाती है। इस दिशा में केंद्र व राज्य सरकारें दोनों ही अपने-अपने स्तर पर नियमानुसार इनके लिए सब्सिडी देती हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि आज भूमिगत जल के लगातार दोहन के चलते जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है। इससे आने वाले समय में जल संकट उत्पन्न होने का खतरा बना हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ड्रिप और स्प्रिंकलर इंस्टॉलेशन अपनाने वाले किसानों को सिंचाई के लिए सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध करा रही है जिससे भूमिगत जल का सही और उचित उपयोग होने के साथ ही इसके अत्यधिक दोहन पर लगाम लग सके। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों को सिंचाई के विभिन्न संसाधन उपलब्ध करवाने करा रही है। इसके लिए सरकारी ओर से कई लाभकारी योजनाओं की शुरुआत की गई है। हाल ही में हरियाणा सरकार ने प्रदेशभर में सिंचाई के पानी की कमी को दूर करने के उद्देश्य से सूक्ष्म सिंचाई के विभिन्न साधनों के बारें में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ( PMKSY ) के घटक सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत प्रदेश सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर इंस्टॉलेशन अपनाने वाले किसानों को सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसके तहत किसानों को 100 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल सकती है। इसके लिए कुछ नियम व शर्ते भी है। उसी के अनुसार किसानों को सब्सिडी का लाभ मिल सकता है। आइए जानतें हैं कैसे किसान भाई इस योजना से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
सूक्ष्म सिंचाई एवं कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण (मिकाडा) के एक प्रवक्ता द्वारा मीडिया को बताए अनुसार इस ’सूक्ष्म सिंचाई पहल’ के तहत किसानों को तीन योजनाओं की शुरुआत की गई है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है।
सहायक बुनियादी ढांचे (एसटीपी नहर/रजवाहा), खेत में तालाब, सोलर पंप और खेत में एमआई (ड्रिप/स्प्रिंकलर) की स्थापना के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और नहर आधारित परियोजना के लिए है। पहली योजना के लिए खेत में बने तालाब के साथ 100 प्रतिशत एम.आई. (ड्रिप और स्प्रिंकलर इंस्टॉलेशन) को अपनाने के लिए हलफनामे के रूप में अग्रिम शपथ-पत्र अनिवार्य है।
सहायक बुनियादी ढांचे (रजवाहा), खेत में तालाब, सोलर पंप और खेत में एमआई (ड्रिप/स्प्रिंकलर) की स्थापना के साथ नहर आधारित परियोजनाओं के लिए है।
यह तीसरी योजना उनके लिए है, जहां पानी के स्रोत ट्यूबवैल, ओवरफ्लो करने वाले तालाब, खेत में बने टैंक और खेत में बने एमआई (ड्रिप/स्प्रिंकलर) हैं।
माइक्रो सिंचाई परियोजना के लिए न्यूनतम 25 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है। एक व्यक्ति या किसानों का एक समूह भी इसके लिए पात्र होने के लिए एक साथ आ सकते हैं। सूक्ष्म सिंचाई आधारित परियोजनाओं के लिए आवेदन करने के लिए समुदाय आधारित होने के कारण सभी हितधारक किसानों की सहमती आवश्यक है। किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली लागत का 5 प्रतिशत और टैंक के निर्माण के लिए मुफ्त भूमि प्रदान करना है, जैसे 25 एकड़ चक के लिए 2 कनाल भूमि।
सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी के अनुसार सब्सिडी प्राप्त निम्न दस्तावेज होना आवश्यक है-
यह योजना पुर्णत: ऑनलाइन एवं पारदर्शी है । सरकार के द्वारा योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गये हैं किसान https://cadaharyana.nic.in/ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसान आवेदन पात्र के लिंक पर मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड ओटीपी प्राप्त होगा जिससे वह लॉग इन कर सकते हैं। किसान अधिक जानकारी के लिए सूक्ष्म सिंचाई एवं कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण से संपर्क कर सकते हैं।
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