प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : यूपी में किसानों को फसल बीमा से जोडऩे का अभियान शुरू

Share Product Published - 01 Jul 2021 by Tractor Junction

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : यूपी में किसानों को फसल बीमा से जोडऩे का अभियान शुरू

जानें, इस अभियान के पीछे सरकार की मंशा और किसानों को इससे क्या लाभ

किसानों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर यूपी सरकार एक अभियान चलाने जा रही है। इस अभियान की शुरुआत 1 जुलाई से की जा रही है। इसके तहत किसानों को फसल बीमा के लाभ बताकर अधिक से अधिक किसानों को पीएम फसल बीमा योजना से जोड़ा जाएगा ताकि अधिक से अधिक किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल सकें। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार पीएम फसल बीमा योजना से किसानों को जोडऩे का उत्तरप्रदेश सरकार का यह सात दिवसीय अभियान 1 जुलाई से शुरू होगा और राज्य के 75 विकास प्रखंडों पर विशेष केंद्रित रहेगा। इन प्रखंडों में दलित किसानों की संख्या ज्यादा है जबकि फसल बीमा योजना में उनकी संख्या कम है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अलग-अलग जिलों के आठ प्रखंडों की पहचान की है, जहां पर काफी कम संख्या में किसानों ने इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया है।

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इन जगहों पर पीएम फसल बीमा के लिए रजिस्ट्रेशन सबसे कम

पीएम फसल बीमा योजना के तहत कम रजिस्ट्रेशन वाले प्रखंड बहराइच जिले का रकाबगंज, श्रावस्ती का सिरसिया, बलरामपुर का उतरौला, सिद्धार्थनगर का लोटान, फतेहपुर का हथगांव, चित्रकूट का रामनगर, सोनभद्र का बागनी और चंदौली का नियमताबाद है। इसके अलावा राज्य सरकार ने वाराणसी के सेवापुरी, गोरखपुर के कैम्पियरगंज और देवरिया के पथेरदेवा की पहचान की है, जहां पर किसानों की इस योजना में सहभागिता काफी कम है।


बैंक और जनसुविधा केंद्रों को जोड़ा जाएगा

अपर मुख्य सचिव (कृषि) देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि किसानों को योजना में शामिल करने के लिए उनके घर पर लोग जाएंगे। काफी बीमा कंपनियां इस अभियान के लिए आगे आई हैं। चतुर्वेदी ने बताया कि जुलाई और दिसंबर महीने का पहला सप्ताह खरीफ और रबी फसलों के बीमा के लिए समर्पित किया जाएगा। बीमा कंपनियों के अलावा इस अभियान में बैंक और जन सुविदा केंद्र को भी जोड़ा जाएगा ताकि ज्याद से ज्यादा किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल सके। इस अभियान को लेकर जिला अधिकारियों को भेजे गए संदेश में अपर मुख्य सचिव (कृषि) ने किसानों को जोडऩे के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लेने को भी कहा है। पत्र में कहा गया है कि क्षेत्रीय टीवी चैनलों के माध्यम से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ के बारे में बताया जाए। कृषि विभाग ने अधिकारियों से कहा है कि प्रचार गाडिय़ों का रूट ऐसे तय किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा पंचायत और प्रखंड को कवर किया जा सके। इसके साथ ही गांवों में कैम्प और बैठक करने की भी सलाह दी गई है।


क्या है पीएम फसल बीमा योजना

प्राकृतिक आपदा में फसलों को नुकसान पहुंचने पर केंद्र सरकार ने किसानों को उसकी भरपाई के लिए फरवरी 2016 में अति महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ की शुरुआत की थी। पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत ओले पडऩा, जमीन धसना, जल भराव, बादल फटना और प्राकृतिक आग से नुकसान पर खेतवार नुकसान का आंकलन कर भुगतान किया जाता है। यह योजना बुवाई चक्र के पूर्व से लेकर फसल की कटाई के बाद तक के लिए सुरक्षा प्रदान करती है, जिसमें सुरक्षित की गई बुवाई और फसल सत्र के मध्य में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के लिए सुरक्षा भी प्रदान करना शामिल है।


अब तक कितने किसान जुड़े चुके हैं पीएम फसल बीमा योजना से

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से देश के काफी किसान जुड़ चुके हैं और सरकार की ओर से भी यही प्रयास जारी है कि अधिक से अधिक किसान इस योजना से जुड़ सकें। इसके लिए व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। हर साल इस योजना में नए किसान शामिल हो रहे है। अब तक करीब 5.5 करोड़ से अधिक किसानों से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं। बता दें कि वर्तमान समय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना विश्व स्तर पर किसान भागीदारी के मामले में सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है और प्रीमियम के मामले में तीसरी सबसे बड़ी योजना है। 


पीएम फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई तक

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा कराने के लिए समयसीमा 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। यदि ऋणी किसान योजना में शामिल नहीं होना चाहते तो वे बैंकों में लिखित आवेदन करके योजना से बाहर हो सकते हैं। अगर ऋणी किसान स्कीम से बाहर होने के लिए तय सीमा में बैंक में आवेदन नहीं करता तो बैंक उसकी फसलों का बीमा करने के लिए अधिकृत होंगे। गैर ऋणी किसान ग्राहक सेवा केंद्र या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से अपनी फसल का बीमा करवा सकता है।


पीएम फसल बीमा योजना में शामिल होने से पहले किसान जान लें ये महत्वपूर्ण बातें / प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ

  • पीएम फसल बीमा योजना के तहत बुआई के 10 दिन के अंदर किसान को पीएमएफबीवाई का अप्लीकेशन भरनी होती है। बीमा की रकम का लाभ तभी मिलेगा जब आपकी फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से ही खराब हुई हो।
  • पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत बुवाई से कटाई के बीच खड़ी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, रोगों व कीटों से हुए नुकसान की भरपाई की जाती है। 
  • खड़ी फसलों को स्थानीय आपदाओं, ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटने, आकाशीय बिजली से हुए नुकसान की भरपाई की जाती है।
  • फसल कटाई के बाद अगले 14 दिन तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसलों को बेमौसम चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से हुई क्षति की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर क्षति का आकलन कर बीमा कंपनी भरपाई करेगी।
  • प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण फसल की बुवाई न कर पाने पर भी किसान को बीमा का लाभ मिलता है।
  • खरीफ की फसल के लिए किसान को 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम देना पड़ता है। इसके अलावा वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए किसानों को 5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।
  • पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसान को कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जिनमें आवेदन करने वाले किसान की एक फोटो, आईडी कार्ड, एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर, खेत में फसल बुवाई का प्रमाण या सबूत देना होगा। 
  • फसल खराबे की सूचना किसान को 72 घंटे के दौरान बीमा कंपनी को आवश्यक है। 


पीएम फसल बीमा योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए यहां कर सकते हैं संपर्क

यदि आप इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी किए गए टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। टोल फ्री नंबर 1800 180 2117 है। इसके अलावा बैंक शाखा या बीमा कंपनी से संपर्क करके भी इस योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।  

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