Published - 28 Oct 2020
by Tractor Junction
पीएम कुसुम योजना के नाम पर किसानों से रुपए ठगने के मामले सामने आने के बाद सरकार ने फिर से एडवाइजरी जारी कर किसानों को ऐसी बेवसाइटों से सावधान रहने को कहा है जो पीएम कुसुम योजना में पंजीकरण कराने के नाम पर किसान से पैसा लेती हैं। इसके लिए सरकार ने किसानों को पुरानी एडवाइजरी एक बार फिर से जारी कर ऐसे लोगों व ऐसी ऑनलाइन चल रही बेवसाइटों से सचेत रहने को कहा है। आजकल देखने में आ रहा है कि सोशल मीडिया पर कई फर्जी बेवसाइट पीएम कुसुम योजना के नाम पर चल रही हैं। इसमें खास बात ये हैं कि ये बेवसाइट अपने को सरकारी होने का दावा करती हैं जिससे हमारे भोले-भाले गांव के किसान इनके झांसे में आ जाते हैं और फिर शुरू होता है इन बेवसाइटों के माध्यम से किसान को ठगने का खेल। ऐसी कई शिकायतें पहुंचने के बाद सरकार ने किसानों को ऐसी बेवसाइटों से सावधान रखने की सलाह देने के साथ ही कुछ एडवाइजरी भी जारी की है जिसे हर किसान को जानना बेहद जरूरी है ताकि संभावित हानि से बचा जा सके।
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एमएनआरई ने पीएम कुसुम योजना के नाम पर किसानों को धोखा देने वाली इन अवैध वेबसाइटों के झांसों से बचाने के लिए 18 मार्च 2019, 3 जून 2020 और 10 जुलाई 2020 को लाभार्थियों के लिए एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने की सलाह दी। मंत्रालय ने कहा था कि किसान ऐसी किसी भी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन फीस जमा नहीं करें और ना ही कोई जानकारी साझा करें। एमएनआरई की आधिकारिक वेबसाइट www.mnre.gov.in पर पीएम कुसुम योजना के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
अक्षय ऊर्जा मंत्रालय ने पीएम कुसुम योजना का लाभ लेने वाले किसानों को ठगी से बचाने के लिए फर्जी वेबसाइटों के बारे में एक बार फिर सतर्क किया है। जांच के दौरान मंत्रालय ने पाया कि फर्जी वेबसाइट www.pmkusumyojana.co.in और www.punjabsolarpumps.com किसानों को ठग रही हैं। इस पोर्टल ने पीएम कुसुम योजना के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल होने का दावा किया है। केंद्र सरकार ने फिर लोगों को सलाह दी है कि वे इन फर्जी वेबसाइटों को रुपए या जानकारी नहीं दें।
किसान को इन फर्जी वेबसाइटों से बचने के लिए सबसे पहले इन वेबसाइटों की हकीकत जानना जरूरी है। इसके लिए आप सबसे पहले इन वेबसाइटों पर अपनी कोई भी निजी जानकारी नहीं दें। जानकारी साझा करने से पहले अपने सपीप के कृषि विभाग से अवश्य संपर्क करें और इस वेबसाइट के बारे में जानकारी दें ताकि वे आपकों सही सलाह दे सके। ध्यान रहे कई फर्जी वेबसाइट सरकारी होने का दावा करने के साथ ही किसानों को मोटी सब्सिडी का लालच देकर उनसे निजी जाकारियां हासिल कर लेती है और बाद में पंजीकरण के नाम पर और इसके बाद पम्प या सौलर प्लांट लागाने को लेकर मोटी रकम वसूल लेती है। पर इसके बाद भी किसान को सौलर प्लांट स्कीम का लाभ नहीं मिल पाता।
इसके अलावा ये वेबसाइटस् किसान व आम जनता से जुड़ी निजी जानकारियों को अन्य कंपनियों को भी उपलब्ध करती है जिनकी ऐवज में इन्हें काफी रकम अन्य कंपनियों से मिलती है। इस तरह ये वेबसाइट खुद तो ठगी करती ही साथ अन्य कंपनियों को आपकी निजी जानकारियों को शेयर कर देती है जिससे आगे अन्य कंपनियां भी इन आपकी निजी जानकारियों से लाभ लेना शुरू कर देती है। इस तरह इन फर्जी वेबसाइट्स का खेल एक नेटवर्क की तरह कार्य करता है। इसलिए किसान व आम जनता इन वेबसाइटों के झांसे में न आएं और सही जानकारी प्राप्त करके ही योजना के लिए आवेदन करें।
कई वेबसाइट फर्जी पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से किसानों से रुपए तथा निजी जानकारी एकत्रित कर रही है। आम जनता को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए, अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने पहले लाभार्थियों और आम जनता को ऐसी किसी भी वेबसाइटों पर पंजीकरण शुल्क नहीं जमा करने और अपनी जानकारी साझा करने से सतर्क रहने की सलाह दी थी। इस संबंध में एमएनआरई मंत्रालय का कहना है कि सरकार किसी भी वेबसाइट के जरिये पीएम कुसुम योजना के लाभार्थियों का पंजीकरण नहीं कर रही है। लिहाजा, पंजीकरण करने का दावा करने वाली तमाम वेबसाइट्स संदिग्ध और धोखाधड़ी करने वाली हैं। मंत्रालय ने अपील की है कि ऐसे किसी फर्जी वेबसाइट के बारे में जानकारी मिलने पर तुरंत जानकारी सूचना दें। योजना के लाभार्थियों की पात्रता और योजना को लागू करने संबंधी पूरी जानकारी मंत्रालय के वेबसाइट पर दी गई है। इसके अलावा मंत्रालय ने एक टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर 1800-180-3333 भी जारी किया है।
देश में किसानों को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर करने के लिए तथा अक्षय (सौर) ऊर्जा को बढ़ाने के लिए वर्ष 2018-19 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत किसानों को कृषि पंपों के सौरीकरण के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप देने के लिए राज्य सरकारों के द्वारा पंजीकरण करवाए जाते हैं जिसमें कुछ राज्य सरकारें अपनी तरफ से भी किसानों को सब्सिडी देती है जिससे कुछ राज्यों में किसानों को 60 प्रतिशत से अधिक सब्सिडी भी मिलती है।
पीएम-कुसुम योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (प्रधानमंत्री-कुसुम) योजना के तहत कृषि पंपों के सौरीकरण के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इस योजना को राज्य सरकार के विभागों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है जिसमें किसानों को केवल बाकी का 40 प्रतिशत ही विभाग को जमा करवाना होता है। इस योजना की विस्तार से जानकारी के लिए अपने निकटतम कृषि विभाग से संपर्क करें या एमएनआरई की आधिकारिक वेबसाइट www.mnre.gov.in पर जाकर पीएम कुसुम योजना के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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