Published - 05 Mar 2021 by Tractor Junction
बारिश, ओलावृष्टि, तूफान, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसल को हर साल नुकसान होता है। इसके लिए पीएम फसल बीमा योजना के तहत इसकी भरपाई की जाती है। जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया है, उन्हें किसान प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए पोर्टल पर एंट्री कराना जरूरी होता है। इसके लिए किसानों को बैंक में जाकर फसल बीमा के पोर्टल पर प्रविष्टि (इंट्री ) करवाना पड़ती है। जो किसान खरीफ 2019 में फसल बीमा का लाभ बैंक के पोर्टल पर एंट्री नहीं होने या गलत एंट्री के कारण नहीं ले पाए थे, उनके लिए मध्यप्रदेश राज्य में पुन: पोर्टल खोला गया है। राज्य के ऐसे किसान 10 मार्च तक एंट्री करवा करवा कर फसल बीमा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मंत्रालय में लीड बैंक के अधिकारियों को बीमा पोर्टल में अधिक से अधिक किसानों को जोड़े जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकतम किसानों को लाभान्वित करने के लिए बीमा पोर्टल को पुन: शुरू करने के साथ ही 10 मार्च तक पंजीयन करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री पटेल ने बताया है कि फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए पोर्टल में 27 लाख से अधिक किसानों को जोड़ा जाना है। लीड बैंक अधिकारियों ने बताया कि अब तक 18 लाख किसान ही जुड़ पाए हैं। श्री पटेल ने 10 मार्च तक पोर्टल को चालू रखते हुए और 6 लाख किसानों को जोडऩे के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि 6 लाख किसानों के और जुड़ जाने से बीमे की राशि बढक़र 6 हजार करोड़ हो जाएगी। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद केंद्र सरकार से चर्चा कर मंत्री पटेल ने बीमे के पोर्टल को पुन: खुलवाया है।
सुबोध पाठक, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, विकास खंड उज्जैन द्वारा मीडिया को बताए अनुसार खरीफ 2019 में फसल बीमा के पोर्टल पर एंट्री नहीं होने या गलत एंट्री होने से कई किसान इसके लाभ से वंचित रह गए थे, उज्जैन जिले में ऐसे किसानों की संख्या करीब 7 हजार है। राज्य के ऐसे ही किसानों की सुविधा के लिए शासन द्वारा 1 मार्च से 10 मार्च तक पुन: एंट्री करने के लिए पोर्टल खोला गया है। अत: ऐसे किसानों से निवेदन है कि वे अपने बैंक में संपर्क कर एंट्री कराना सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें फसल बीमा का लाभ मिल सके।
पीएम फसल बीमा योजना ( Prime Minister Crop Insurance Scheme ) में फसल खराब होने पर बीमा कंपनी किसान की हानि की भरपाई करती है। इसके लिए किसान को बीमा करना जरूरी होता है। बीमित किसान को प्राकृतिक आपदा से फसल हानि होने की स्थिति में बीमा का लाभ कब मिलेगा इस बारे में कई किसान नहीं जानते हैं इससे कई किसानों को बीमा कराने के बाद भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पाता है।
यदि फसल प्राकृतिक आपदा जैसे- बारिश, ओलावृष्टि, बाढ़, तूफान आदि से खराब होती है तो इसकी सूचना किसान को 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को देनी होगी। इसके बाद फसल नुकसान की भरपाई मिलेगी। जानकारों का कहना है कि जैसे किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करवाने के बाद बीमा क्लेम के लिए बीमा कंपनी को सूचित करना पड़ता है उसी तरह से फसल नुकसान होने पर भी बीमा कंपनी को सूचित करना जरूरी होता है।
किसानों की ओर से प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की सूचना बीमा कंपनी को मिलने के बाद बीमा कंपनी किसान के खेत का मुआयना करने के लिए कंपनी का व्यक्ति या अधिकारी आता है और फसल नुकसान का आकलन करता है। इसके बाद किसान को फसल बीमा योजना के तहत नुकसान की भरपाई की जाती है।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की शुुरुआत 13 जनवरी 2016 को की थी। इसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा पीएमएफबीवाई योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें हालांकि किसानों को 5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। पीएमएफबीवाई में प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के मामले में बीमा प्रीमियम को बहुत कम रखा गया है। इससे पीएमएफबीवाई तक हर किसान की पहुंच बनाने में मदद मिली है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ( PM Fasal Bima Yojana ) के लिए ऑफलाइन (बैंक जाकर) और दूसरा ऑनलाइन, दोनों तरीके से फॉर्म लिए जा सकते हैं। फॉर्म ऑनलाइन भरने के लिए आप http://pmfby.gov.in/ लिंक पर जा सकते हैं। और यदि आप फॉर्म ऑफलाइन लेना चाहते हैं तो नजदीकी बैंक की शाखा में जाकर फसल बीमा योजना का फॉर्म भर सकते हैं।
पीएम फसल बीमा योजना ( Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana ) के लिए किसान को अपना फोटोग्राफ, आईडी कार्ड के तौर पर पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या आधार कार्ड देना होगा। इसके अलावा पते के प्रमाण के तौर पर भी इन्हीं दस्तावेजों में से किसी एक को दिया जा सकता है। अपने खेती के दस्तावेज रखने होंगे और खसरा नंबर की जानकारी देनी होगी। प्रधान, पटवारी या सरपंच के लेटर को पेश करना होगा कि किसान ने फसल बोई है। अगर आपने किसी अन्य व्यक्ति के खेत को किराए पर लेकर फसल बोई है तो अग्रीमेंट के दस्तावेज दिखाने होंगे। क्लेम की राशि सीधे आपके बैंक खाते में ही आए, इसके लिए यह जरूरी होगा कि आप एक कैंसल चेक भी सौंपें।
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