जानें, पीएलआईएसएफपीआई योजना की खास बातें और लाभ?
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए 10,900 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य देश को वैश्विक स्तर पर फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर लाना है तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों के ब्रांडों को बढ़ावा देना है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय योजना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) को मंजूरी दी गई है। इस योजना में 10,900 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
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पीएलआईएसएफपीआई योजना का उद्देश्य
- उन खाद्य विनिर्माण संस्थाओ को प्रोत्साहन जो निर्धारित न्यूनतम बिक्री के साथ मजबूत भारतीय ब्रांडों के उद्भव को प्रोत्साहित करने के लिए प्रसंस्करण क्षमता के विस्तार और विदेशों में ब्रांडिंग के लिए निवेश करने के इच्छुक हैं।
- वैश्विक खाद्य विनिर्माण चैपियनों के निर्माण का समर्थन करना।
- वैश्विक दृश्यता और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में व्यापक स्वीकृति के लिए खाद्य उत्पादों के चुनिंदा भारतीय ब्रांड को मजबूत करना।
- ऑफ-फार्म नौकरियों के रोजगार के अवसर बढ़ाना।
- कृषि उपज के लाभकारी मूल्य और किसानों को अधिक आय सुनिश्चित करना ।
पीएलआईएसएफपीआई योजना मुख्य विशेषताएं
- 10900 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र योजना।
- पहला घटक चार मुख्य खाद्य उत्पाद खंडों अर्थात रेडी टू कुक/रेडी टू ईट (आरटीसी/आरटीई) खाद्य पदार्थ जिसमे मिलेट्स उत्पाद भी शामिल है, प्रसंस्कृत फल और सब्जियां, समुद्री उत्पाद, मोजरेला चीज के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने से संबंधित है।
- इन खंडों में फ्रि रेंज-अंडे, पोल्ट्री मीट, अंडा उत्पादों सहित एसएमई के अभिनव/जैविक उत्पादों को भी उपरोक्त घटक के तहत कवर किया गया है।
- चयनित आवेदक को निवेश करना होगा, जैसा कि पहले दो वर्षों अर्थात 2021-22 और 2022-23 में संयंत्र और मशीनरी में अपने आवेदन (निर्धारित न्यूनतम के अधीन) में उद्धृत किया गया है।
- 2020-21 में किए गए निवेश को भी अनिवार्य निवेश को पूरा करने के लिए गिना जाएगा।
- अभिनव/जैविक उत्पाद बनाने के लिए चयनित संस्थाओं के लिए निर्धारित न्यूनतम बिक्री और अनिवार्य निवेश की शर्तें लागू नहीं होंगी।
- दूसरा घटक मजबूत भारतीय ब्रांडों के उद्भव को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशों में ब्रांडिंग और विपणन के लिए समर्थन से संबंधित है।
- विदेशों में भारतीय ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए, इस योजना में स्टोर ब्रांडिंग, शेल्फ स्पेस रेंटिंग और मार्केटिंग के लिए आवेदक संस्थाओं को अनुदान देने की परिकल्पना की गई है।
- स्कीम 2021-22 से 2026-27 तक 6 वर्ष की अवधि में लागू की जाएगी।
पीएलआईएसएफपीआई योजना से होने वाले लाभ
- इस योजना के लागू होने से प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ेगी और ताकि 33,494 करोड़ रुपए का अनुमानित प्रसंस्कृत खाद्य तैयार होगा।
- इस योजना के द्वारा वर्ष 2026-27 तक लगभग 2.5 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
कैसे लागू की जाएगी पीएलआईएसएफपीआई योजना?
यह योजना पूरे देश में के लिए लागू की गई है। इस योजना का दायित्व परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) पर रहेगा। पीएमए आवेदनों/ प्रस्तावों के मूल्यांकन, समर्थन के लिए पात्रता के सत्यापन, प्रोत्साहन वितरण के लिए पात्र दावों की जांच के लिए उत्तरदायी होगी। योजना के तहत 2026-27 में समाप्त होने वाले छह वर्षों के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान होगा। वर्ग विशेष के लिए देय योग्य प्रोत्साहन अगले वर्ष में भुगतान के लिए देय रहेगा। योजना की निगरानी, केंद्र में मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता वाले सचिवों के अधिकार संपन्न समूह द्वारा की जाएगी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय योजना के अंतर्गत कवरेज के लिए आवेदकों के चयन को स्वीकृति देगा, प्रोत्साहन रूप में धन स्वीकृत और जारी करेगा। योजना क्रियान्वयन के लिए विभिन्न गतिविधियों को कवर करते हुए मंत्रालय वार्षिक कार्य योजना तैयार करेगा। कार्यक्रम में तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन और बीच की अवधि में समीक्षा का प्रावधान है।
पीएलआईएसएफपीआई योजना के मुख्य परिणाम: अनुमानित बिक्री, निवेश, रोजगार और निर्यात
- प्रोत्साहन का संवितरण राशि- 10,790 करोड़ रुपए
- बिक्री में वृद्धि- 6 वर्ष- 1,20,267 करोड़ रुपए
- 6वें वर्ष में वृद्धिशील बिक्री- 33,494 करोड़
- संचयी अतिरिक्त निवेश- 6,057 करोड़
- निर्यात बिक्री में वृद्धि- 6 वर्ष में 27,816 करोड़ रुपए
- वर्ष -5 के अंत में रोजगार वृद्धि (संख्या)- 2,47,730 करोड़ लोग।
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