न्याय योजना : खेत में काम करने वाले किसान मजदूरों को मिलेंगे 6 हजार रुपए

Share Product Published - 30 Jul 2021 by Tractor Junction

न्याय योजना : खेत में काम करने वाले किसान मजदूरों को मिलेंगे 6 हजार रुपए

राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना : पूरक बजट में 200 करोड़ का प्रावधान

केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इसका लाभ किसानों सहित मजदूरों व अन्य कृषि से जुड़े लोगों को मिल रहा है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार ने किसान मजदूरों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरुआत की है। इस योजना से खेत में मजदूरी पर काम करने वाले लोगों को फायदा होगा। इस योजना के तहत इन भूमिहीन मजदूर किसानों को 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 6 हजार रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। यह राशि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत दी जाएगी। राज्य विधानसभा में पूरक बजट पर चर्चा के दौरान इसकी घोषणा की गई। 

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योजना के लिए बजट में किया गया है 200 करोड़ का प्रावधान

छत्तीसगढ़ सरकार की यह योजना वित्त वर्ष 2021-22 से लागू होगी। इस योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से पूरक बजट में इसके लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 2485.59 करोड़ रुपए का पहला पूरक बजट विधानसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों का राज्य है और राज्य सरकार उन्हें न्याय देने को संकल्पित है। 


इन्हें मिलेगा योजना का फायदा

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूरी न्याय योजना लांन्च की जाएगी। इसके तहत ऐसे परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनके पास खेती की जमीन नहीं है और मनरेगा या अन्य किसी के खेत में कृषि मजदूरी करते हैं। इस योजना के तहत धोबी, नाई, लोहार और पुजारी भी लाभान्वित होंगे। ये योजना इसी साल लागू की जाएगी और इसके लिए पूरक बजट में से 200 करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है। 


छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से बदली किसानों की जिंदगी

इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य में चल रही कई योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने छोटे गांवों, गलियों, कस्बों और मोहल्लों में लोगों की जिंदगी को बदला है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना और राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाखों लोगों को फायदा मिला है। उन्होंने कहा कि लोन माफी, सिंचाई टैक्स छूट, एमएसपी और वन उत्पादों की खरीद से आदिवासियों और जंगलों पर निर्भर लोगों को फायदा हुआ है। बघेल ने कहा कि हमें छत्तीसगढ़ विकास मॉडल पर गर्व है। हमारे छत्तीसगढ़ मॉडल ने ना सिर्फ राज्य के लोगों को बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में इस तरह की परिस्थिति में रहने वाले लोगों को उम्मीद दी है।


राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसान हो रहे हैं लाभान्वित

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने किसानों के हित राजीव गांधी किसान न्याय योजना चला रखी है। इस योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में फसल उत्पादकता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 21 मई 2020 को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर की थी। इस योजना के तहत खरीफ सीजन 2019-20 में पंजीकृत लगभग 19 लाख किसानों को कृषि आदान सहायता के रूप में 5628 करोड़ रुपए की आदान सहायता राशि दी गई है। चार किश्तों में यह राशि किसानों के बैंक खाते में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अंतरित की गई है। 


किसानों को धान पर प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी की व्यवस्था

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 19 मई 2021 को आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के हित में कई अहम निर्णय लिए गए थे जिसका किसानों को फायदा होगा। इसमें प्रमुख रूप से धान किसानों को इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय शामिल है। इसके अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए भी इनपुट सब्सिडी की व्यवस्था भी सरकार की ओर से की गई है।  जो इस प्रकार से हैं- 

  • अब खरीफ वर्ष 2020-21 में किसानों से क्रय किए गए धान पर 9,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। 
  • आगामी वर्षों में भी खरीफ सीजन में धान उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। 
  • इसी तरह वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया था, वह यदि धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल उत्पादित करते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उसे प्रति एकड़ 9,000 रुपए के स्थान पर 10,000 रुपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों को 3 वर्षों तक यह अनुदान मिलेगा। 
  • इसके अलावा खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9000 रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। 
  • छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,000 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। 


बहुआयामी गोधन न्याय योजना से पशुपालक किसान हो रहे हैं लाभान्वित

छत्तीसगढ़ सरकार की बहुआयामी गोधन न्याय योजना 20 जुलाई 2020 हरेली पर्व के दिन से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत पशुपालकों से गोबर की खरीद की जाती है और इस गोबर से गौठानों में वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जाता है। छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना का संचालन सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव में निर्मित गौठानों के माध्यम से किया जा रहा है। इन्हीं गोठानों में गोधन न्याय योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट टांकों का निर्माण किया गया है, जिनमें स्व सहायता समूहों की महिलाएं जैविक खाद का निर्माण कर रही हैं। इस योजना के तहत पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद की जाती है। और खरीदे गए गोबर से वर्मीकंपोस्ट तैयार कर किसानों को 8 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जाता है। इससे एक ओर गोबर के विक्रय से किसानों को पैसा मिल रहा है वहीं दूसरी ओर किसानों को खेत के लिए सस्ता खाद प्राप्त हो रहा है। इससे जिले में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। बता दें कि गोठान योजना के लिए वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इस योजना के तहत गोबर खरीद को लेकर अब तक गोबर विक्रेता किसानों, पशुपालकों और संग्राहकों को 80 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

 

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