Published - 10 Jan 2022 by Tractor Junction
सरकार की ओर से किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है जिससे किसानों को लाभ हो रहा है। वहीं प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी सरकार की ओर से योजना चलाई जा रही है। जैसा कि भारत में हर साल अति बारिश, बाढ़ और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल को नुकसान पहुंचता है। इसे देखते हुए बिहार राज्य सरकार की ओर से किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से फसल नुकसान का मुआवजा दिए जाने निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। इस योजना का नाम फसल सहायता योजना है। आइए आज हम आपको ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से इस योजना की जानकारी दे रहे ताकि राज्य के किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
किसानों के लिए फसल बीमा योजना देश में लागू की गई है जिसके तहत किसानों को फसल नुकसान की भरपाई की जाती है। इसी तर्ज पर बिहार सरकार ने अपने स्तर पर राज्य के किसानों को फसल नुकसान की भरपाई करने के लिए फसल सहायता योजना चला रखी है। इस योजना में किसान की फसल का बीमा किया जाता है और प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने पर उसे मुआवजा प्रदान किया जाता है। बता दें कि जिन राज्यों ने पीएम फसल बीमा योजना से दूरी बना रखी है वे अपने स्तर पर संचालित बीमा योजना के अनुरूप किसानों को फसल नुकसान की भरपाई करते हैं। ऐसे राज्यों में बिहार भी शामिल है जो किसानों को फसल नुकसान मुआवजा देता है। इसके लिए किसानों को अपने खेत में बोई गई फसल का पंजीयन करना होता है।
राज्य के किसान फसल सहायता योजना के तहत अभी अपनी रबी फसलों का पंजीयन करा सकते हैं। इस योजना में राज्य में उपजाई जाने वाली अधिकांश मुख्य फसलों को शामिल किया गया है। राज्य के किसान योजना के तहत गेहूं, रबी मकई, मसूर, अरहर, चना, ईख, आलू, राई-सरसों, प्याज का पंजीयन अभी करा सकते हैं।
बिहार फसल सहायता योजना के तहत राज्य के किसानों को पंजीकृत फसलों के लिए प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अनुदान/मुआवजा राशि प्रदान जाएगी। राज्य द्वारा निर्धारित अनुदान राशि के अनुसार प्राकृतिक कारणों से 20 प्रतिशत तक फसल नुकसान होने पर 7,500 रुपए प्रति हेक्टेयर तथा 20 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसानी होने पर पर 10,000 रुपए प्रति हैक्टेयर किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान की जाएगी।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत अलग-अलग फसलों के पंजीकरण के लिए तारीख का निर्धारण अलग-अलग किया गया है जो इस प्रकार है-
1. गेहूं - 26 फरवरी 2022
2. रबी मकई- 26 फरवरी 2022
3. चना- 31 जनवरी 2022
4. मसूर- 15 फरवरी 2022
5. अरहर- 28 मार्च 2022
6. राई-सरसों- 31 दिसंबर 2021
7. ईख / गन्ना- 28 फरवरी 2022
8. प्याज- 15 फरवरी 2022
9. आलू- 31 जनवरी 2022
रैयत और गैर-रैयत दोनों तरह के किसान फसल सहायता योजना के तहत अपना पंजीयन करा सकते हैं। योजना के तहत किसानों को किसी तरह का कोई प्रीमियम शुल्क नहीं देना होता है। यह नि:शुल्क है। योजना के तहत किसानों को अधिकतम 2 हैक्टेयर तक नुकसान की भरपाई की जाती है।
किसान सहायता योजना के तहत राज्य के किसान फसलों का बीमा ऑनलाइन करा सकते हैं। इसके लिए किसान पास सीएससी सेंटर या खुद से भी आवेदन कर सकते हैं। यदि आप स्वयं ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इसकी अधिकारिक वेबसाइट https://pacsonline.bih.nic.in/fsy/ जाकर आपको आवेदन करना होगा। रजिस्ट्रेशन से पहले किसान के पास 13 नंबर का पंजीयन संख्या होना जरूरी है जो कि किसान https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर पंजीकरण कर प्राप्त कर सकते हैं।
फसल सहायता योजना में आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
फसल सहायता योजना बिहार के तहत रैयत तथा गैर रैयत दोनों प्रकार के किसान फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके लिए रैयत तथा गैर रैयत किसानों को निम्न अनुसार दस्तावेज की आवश्यकता होगी।
• आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
• आवेदन करने वाले का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर
• आवेदन करने वाले किसान का बैंक खाता का विवरण
• आवेदन करने वाले किसान का फोटो
भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र
स्वघोषणा प्रमाण पत्र
रैयत भूस्वामी का प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद (31 मार्च 2021 के पश्चात निर्गत) https://pacsonline.bih.nic.in/fsy/Public/FarmerSelfDeclaration.pdf यहां से घोषणा पत्र के लिए फार्म डाऊनलोड करें।
स्व- घोषणा-पत्र (चयनित फसल एवं बुवाई का रकबा का सही और पूर्ण विवरण)
स्व- घोषणा प्रमाण पत्र
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