किसानों के लिए खुशखबरी: अब साहूकारों से भी सरकारी रेट पर मिलेगा कर्ज

Share Product प्रकाशित - 09 Dec 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

किसानों के लिए खुशखबरी: अब साहूकारों से भी सरकारी रेट पर मिलेगा कर्ज

अब नहीं चलेगी साहूकारों की मनमानी, सरकारी रेट पर देना होगा किसानों को कर्ज

किसानों को खेती के कई कामों के लिए पैसों की आवश्यकता होती है, जैसे- बीज, खाद, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि कामों के लिए उन्हें पैसा उधार लेना पड़ता है। गांव में छोटे किसान इन चीजों को खरीदने के लिए अपने ही गांव के साहूकारों से पैसा उधार ले लेते हैं, जो किसानों को ऊंची ब्याज दर पर पैसा उधार देते हैं और किसानों का फायदा उठाते हैं। ऐसे साहूकारों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने साहूकारों को सरकारी रेट पर किसानों को कर्ज देने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं साहूकारों द्वारा निर्देश का पालन नहीं करने पर उसके विरूध कार्रवाई की जाएगी। किसानों के लिए ये अहम फैसला मध्यप्रदेश सरकार ने किया है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए फैसले की जानकारी दे रहे हैं और साथ ही अन्य योजनाओं के संबंध में जो मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है उनकी भी जानकारी आपसे साझा कर रहे हैं। तो बने रहिये हमारे साथ।

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सरकार द्वारा तय ब्याज पर ही किसानों को ऋण दें साहूकार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोई निजी साहूकार, ब्याज देने वाला व्यक्ति लायसेंस लेकर और सरकार द्वारा तय ब्याज दर पर ही ग्रामीणों को ऋण दे सकेगा। अवैध रूप से दिए गए ऋण शून्य हो जाएंगे। दरअसल मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय के लिए ऐतिहासिक निर्णय लेकर पेसा एक्ट लागू किया गया है और उसी के तहत साहूकारों को ये निर्देश दिए गए हैं। हालांकि सरकार ने केसीसी से लोन की सुविधा किसानों दे रखी है। इसके तहत किसान बैंक से कम ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं। केससी पर सरकार की ओर से किसानों को 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है।

मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट का हो रहा है प्रभावी क्रियान्वयन

दरअसल मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया जाकर पेसा एक्ट लागू किया गया है। इसमें प्रत्येक जनजातीय ग्राम की अलग से ग्राम सभा होगी और उसे अधिकार संपन्न बनाया जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि ग्राम के लोग पेसा एक्ट की भावना को समझे और उसे अपने ग्राम हित में लागू करें। मध्यप्रदेश में लागू पेसा एक्ट को प्रभावी क्रियावन्यन के लिए राज्य सरकार ने कई और अहम निर्णय लिए है जो इस प्रकार से हैँ-

महानरेगा की होगी मॉनिटरिंग

ग्राम पंचायत में एक वर्ष में जो पैसा आता है उससे क्या किया जाये, यह ग्राम सभा तय करेगी। यदि गांव के मजदूरों को कोई दूसरे स्थान पर ले जाता है तो उसे ग्राम सभा से इसकी अनुमति लेना होगी। बाहरी व्यक्ति गांव में आता है तो उसे भी ग्राम सभा की अनुमति लेनी होगी। मनरेगा के कार्यों की मॉनिटरिंग ग्राम सभा करेगी। कार्य का मस्टर रोल भी ग्राम सभा में रखा जाएगा।

जल, जंगल और जमीन का मिलेगा अधिकार

पेसा एक्ट में आपको जल, जंगल और जमीन का अधिकार मिलता है। अब हर साल ग्राम की ग्राम सभा में पटवारी और फारेस्ट गार्ड नक्शा, खसरे की नकल, बी-1 की कापी लेकर आएंगे और ग्रामवासियों को पढ़ कर सुनाएंगे। गड़बड़ी पाई गई तो ग्राम सभा सुधार करेगी। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकारी योजना के लिए जमीन देने की अनुमति देगी ग्राम सभा

अब किस सरकारी कार्य और योजना के लिए जमीन देना है, यह ग्राम सभा तय करेगी। ग्राम की भूमि का बिना ग्राम सभा की अनुमति के भू-अर्जन नहीं किया जा सकेगा। किसी जनजातीय भाई की जमीन पर कोई व्यक्ति बहला-फुसला कर, शादी के माध्यम से अथवा धर्मांतरण द्वारा कब्जा नहीं कर पाएगा। गांव की गिट्टी, पत्थर, रेती आदि की खदानों की नीलामी होनी है या नहीं यह ग्राम सभा तय करेगी। खदान पहले जनजातीय सोसायटी को, फिर ग्राम की बहन को और फिर पुरूष को प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी।

मछली पालन, सिंघाड़ा उत्पादन पर भी होगा ग्राम सभा का अधिकार

गांव के तालाबों का प्रबंधन, उनमें मछली पालन, सिंघाड़ा उत्पादन आदि का अधिकार ग्राम सभा का होगा और प्राप्त आमदनी पर ग्रामवासियों का हक होगा। सौ एकड़ तक के सिंचाई तालाब और बांधों का प्रबंधन ग्राम सभा के पास होगा। हर्र, बहेड़ा, ऑवला, गोंद, करंज आदि वनोपज संग्रह और बेचने का अधिकार ग्राम सभा को होगा। वह इनके मूल्य भी निर्धारित कर सकेगी। वनोपज की आमदनी भी ग्राम सभा के पास आएगी। जनजातीय भाइयों को अब तेन्दूपत्ता तोड़ने और बेचने का अधिकार होगा। साथ ही आमदनी भी उनके खाते में जाएगी। आगामी 15 दिसम्बर तक ग्राम सभा तय कर ले कि वह इस वर्ष तेन्दूपत्ता संग्रहण करेगी या नहीं।

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ग्राम सभाओं को और क्या दिए गए हैं अधिकार

इसके अलावा इस एक्ट के तहत ग्राम सभा को और भी अधिकार दिए गए हैं जिसमें गांव के छोटे-छोटे झगड़ों के निराकरण के लिए ग्राम शांति एवं विवाद निवारण समिति गठित की जाएगी, जो उनका निपटारा करेगी। जिन मामलों में एफआईआर दर्ज होती है, उसकी जानकारी पुलिस द्वारा ग्राम सभा को देना होगी। बाजारों, मेलों, त्योहारों का प्रबंधन ग्राम सभा कर सकेगी। आंगनवाड़ी, छात्रावास, स्कूल, आश्रम शालाएं, अस्पताल के प्रबंधन का अधिकार भी ग्राम सभाओं के पास होगा।

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