Posted On - 17 Jul 2020
हम सभी भारतीय नागरिक होने के साथ ही इस देश के उपभोक्ता भी है। उपभोक्ता से तात्पर्य वस्तु के क्रय करने वाले से है। हम सभी अपनी आवश्यकता की वस्तुएं बाजार से क्रय करते हैं। कभी-कभी उपभोक्ता को बाजार से क्रय की गई वस्तु से शिकायत होती है। पर प्रभावी कानून नहीं बन पाने से उसकी शिकायतों का संतुष्टिपूर्ण निरस्तारण नहीं हो पाता है और उपभोक्ता अपने आप को ठगा सा महसूस करता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उपभोक्ताओं की समस्याओं व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए देश की मोदी सरकार अब कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट -2019 लागू करने जा रही है। बहुत ही जल्द ये एक्ट पूरे देश में लागू किया जाएगा है। इसके तहत उपभोक्ताओं को कुछ विशेष अधिकार दिए जाएंगे जिससे उपभोक्ताओं की समस्याओं का निस्तारण शीघ्र हो सकेगा।
समाचार पत्र व मीडिया में प्रकाशित खबर के हवाले से उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो 20 जुलाई 2020 को या अगले हफ्ते किसी भी दिन यह अधिनियम लागू किया जा सकता है। यह नया कानून उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का स्थान लेगा। मोदी सरकार ने इस अधिनियम में कई बदलाव किए हैं। उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने पिछले ही दिनों कहा था, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के नियमों का मसौदा तैयार हो चुका है। पीएम मोदी के दिशा-निर्देश में एक ऐसा कानून बना है, जिसको लागू हो जाने के बाद अगले 50 सालों तक देश में कोई और कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का स्थान लेगा। मोदी सरकार ने इस अधिनियम में कई बदलाव किए है। जैसे आम उपभोक्ता, उपभोक्ता की शिकायतें, उपभोक्ता कहां शिकायत करे आदि। इसके अलावा नए कानून में उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर भी कार्रवाई की जाएगी। अब इस कानून के लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता से संबंधित की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर हो सकेगी कार्रवाई : नए कानून में उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर भी कार्रवाई की जाएगी। नए उपभोक्ता कानून आने के बाद उपभोक्ता विवादों को समय पर, प्रभावी और त्वरित गति से निपटारा किया जा सकेगा। नए कानून के तहत उपभोक्ता अदालतों के साथ-साथ एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण बनाया गया है। इस प्राधिकरण का गठन उपभोक्ता के हितों की रक्षा कठोरता से हो इसके लिए की गई है। नए कानून में उपभोक्ता किसी भी सामान को खरीदने से पहले भी उस सामान की गुणवत्ता की शिकायत सीसीपीए में कर सकती है।
मामला दर्ज कराने में होगी आसानी : कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता न्यायालयों में मामला दर्ज करा सकेगा। पहले के कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। इसको आप ऐसे समझ सकते हैं। मान लीजिए कि आप बिहार के रहने वाले हैं और मुंबई में सामान खरीदते हैं। मुबंई के बाद आप गोवा चले जाते हैं और वहां पता चलता है कि आपने जो सामान खरीदा है उसमें खराबी है तो आप गोवा के ही किसी उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर आप बिहार लौट जाते हैं तो आप नजदीक के किसी भी उपभोक्ता फोरम में उसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पहले के उपभोक्ता कानून में इस तरह की सुविधा नहीं थी। आपने जहां से सामान खरीदा है वहीं जा कर आपको शिकायत दर्ज करानी पड़ती थी।
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