Published - 12 Jun 2021 by Tractor Junction
देश के अधिकांश राज्यों में भू-जल स्तर काफी नीचे चला गया है। इससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता में कमी आई है। हालांकि राज्यों सरकारों की ओर से किसानों के लिए सिंचाई परियोजनाएं भी चलाई जा रही है। लेकिन निरंतर गिरते भूजल और कम बारिश के चलते इन योजनाओं से किसानों को सीमित मात्रा में ही पानी की उपलब्ध हो पाता है। इसका परिणाम ये हो रहा है कि किसान अधिक पानी वाली फसल के उत्पादन से दूरी बनाने लग गए हैं। क्योंकि इन फसलों की उत्पादन लागत अधिक होने से किसानों को कम मुनाफा ही मिल पा रहा है। इसी बता को ध्यान में रखते हुए अब कई राज्य सरकारें किसानों को अधिक पानी वाली फसल जिनमें चावल प्रमुख है उसकी खेती से दूरी बनाने की सलाह दे रही हैं। इसी क्रम में हरियाणा सरकार ने अपने यहां मेरा पानी मेरी विरायत योजना चला रखी है। इस योजना के तहत किसानों से चावल की खेती की जगह अन्य खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार किसानों को चावल की जगह अन्य खेती करने पर प्रति एकड़ 7 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि किसानों को दे रही है। योजना के तहत जो भी इच्छुक किसान धान की खेती छोडक़र अन्य फसल लगाना चाहते हैं वह अभी पंजीकरण कर योजना का लाभ ले सकते हैं। राज्य सरकार ने आवेदन की अंतिम तिथि 25 जून 2021 निर्धारित की है।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
हरियाणा में पिछले वर्ष से मेरा पानी-मेरी विरासत योजना चलाई जा रही है। इसके तहत धान की फसल बुआई वाली भूमि में 50 प्रतिशत से अधिक भूमि पर अन्य फसल बोने पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को 7,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जाती है। पहले वर्ष की अच्छी सफलता के बाद योजना को दूसरे वर्ष भी जारी रखा गया है।
हरियाणा के किसानों को मेरा पानी मेरा विरासत योजना के तहत धान के बदले दूसरी फसलों की खेती पर 7,000 रुपए की इनपुट सब्सिडी दे रही है। राज्य के किसान मक्का/ सोयाबीन/ ग्वार/ मूंग/ मूंगफली/ कपास /सब्जी/ चारा/ बागवानी तथा अन्य फसल बोने पर योजना का लाभ ले सकते हैं।
मक्का खरीद के दौरान मंडियों में मक्का सुखाने के लिए मशीनें लगाई जाएगी ताकि किसानों को पर्याप्त नमी के आधार पर उचित मूल्य मिल सके। मक्का की मशीनों द्वारा बिजाई करने हेतु लक्षित खंडों में किसानों को मक्का बिजाई मशीनों पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। फसल विविधिकरण के अंतर्गत अपनाई गई फसल की बीमा राशि / किसान के हिस्से की राशि को सरकार द्वारा दिया जाएगा। फसल विविधिकरण अपनाने वाले किसानों को सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने पर कुल लागत का केवल जी.एस.टी. ही देना होगा।
पिछले वर्ष से राज्य में मेरा पानी-मेरा विरासत योजना लागू होने के बाद राज्य में वर्ष 2020-21 के खरीफ सीजन में किसानों ने 96,000 एकड़ भूमि में धान की फसल को छोडक़र अन्य फसल को अपनाया है। बता दें कि राज्य में इस योजना के लागू होने के बाद राज्य सरकार ने किसानों से धान की खेती छोडऩे का आग्रह किया था और इसके लिए अनुदान की घोषणा की थी। इसका असर ये हुआ कि राज्य के कई किसानों नेे धान की खेती को छोडक़र अन्य फसलों के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया जिससे न केवल पानी की बचत हुई बल्कि किसानों का मुनाफा भी बढ़ा।
इस योजना में आवेदन करने वाला किसान हरियाणा का स्थायी निवासी होना चाहिए। इसके अलावा जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी उनमें आवेदक का आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक एकाउंट पासबुक, कृषि योग्य भूमि के कागजात, आवेदक का स्वयं का मोबाइल नंबर, आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो देनी होगी।
मेरा पानी मेरा विरासत योजना के लिए किसान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से पंजीकरण करा सकते हैं। किसान अपने क्षेत्र के खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में संपर्क करके स्कीम में अपने नाम को पंजीकृत करवाकर सकते हैं।
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