Published - 27 Jan 2022 by Tractor Junction
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक फसल बीमा योजना भी है। इसके तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है। ठीक इसी तरह अब मछली पालकों को भी प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई राज्य सरकार की ओर से की जाएगी। इसके लिए बिहार राज्य सरकार की ओर से राज्य के मछली पालक किसानो के लिए मत्स्य-फसल बीमा योजना शुरू की गई है। इसके तहत मछली पालकों को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी। इतना ही नहीं मछलियों का बीमा कराने पर मछली पालकों को 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ भी दिया जाएगा। इसके लिए राज्य के मछली पालक किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इच्छुक किसान इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसान एवं मछली पालकों को मत्स्य-फसल बीमा योजना की जानकारी दे रहे हैं ताकि वे इसका लाभ उठा सकें।
बिहार सरकार की ओर से राज्य के मछली पालकों को प्राकृतिक आपदा से होने वाली आकस्मिक क्षति की भरपाई के लिए मत्स्य फसल बीमा योजना शुरू की गई है। इस योजना में मछली पालक अपनी मछलियों का बीमा करा सकते हैं। इस योजना की खास बात ये हैं कि इसमें प्रीमियम की आधी राशि राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। इससे मछली पालकों को सिर्फ आधा प्रीमियम जमा कराना होगा। यानि बहुत ही कम प्रीमियम पर मछली पालक अपनी मछलियों का बीमा इस योजना के तहत करा सकते हैं। इस योजना के तहत एक वर्ष के अंदर मछली मरने या किसी अन्य प्रकार से नुकसान होने पर मछली पालक को इसकी भरपाई की जाएगी।
मत्स्य फसल-बीमा योजना में मछली पालन के अंतर्गत आने वाले विभिन्न घटकों (अवयवों) को शामिल किया गया है। ये उप योजनाएं इस प्रकार से है-
ऊपर बताई गई तीनों योजनाओं के लिए मछली पालने वाले किसानों को कुछ प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा। मत्स्य फसल-बीमा योजना के तहत दी गई तीनों उप योजनाओं के लिए प्रीमियम राशि सरकार की ओर से निर्धारित कर दी है। यह प्रीमियम राशि इस प्रकार से देय होगी-
ऊपर बताई गई तीनों उप योजनाओं के लिए सभी प्रीमियम राशि पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी राज्य सरकार की ओर से दी जा रही है। इस योजना में मछली पालक किसान जितनी प्रीमियम राशि का भुगतान करेगा। इस पर राज्य सरकार की ओर से 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। सब्सिडी की राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी। यानि किसान मछलीपालक को पहले प्रीमियम की राशि का पूरा भुगतान बीमा कंपनी को करना होगा। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली 50 प्रतिशत सब्सिडी की राशि मछलीपालक किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इस तरह आधे प्रीमियम पर मछली पालक किसान अपनी मछलियों का बीमा करा सकेंगे।
जैसा कि हम ऊपर आपको बता चुके हैं कि मत्स्य फसल-बीमा योजना के तहत तीन प्रकार की योजनाओं को शामिल किया गया है। सभी के लिए बीमा राशि तय कर दी गई है। योजना के तहत यह बीमा राशि 80 प्रतिशत नुकसान होने पर दी जाएगी।
मत्स्य फसल बीमा योजना के तहत शामिल किए गए तीनों घटकों में बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके तहत जो मछली पालक किसानों को नुकसान के एवज में जो राशि दी जाएगी, वे इस प्रकार से है-
मत्स्य फसल बीमा योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से कुछ पात्रता सुनिश्चित की गई है, जो इस प्रकार से हैं-
मत्स्य फसल बीमा योजना के तहत नुकसान की भरपाई के लिए घटना के 24 घंटे के अंदर मछली पालक किसान को जिला मत्स्य पदाधिकारी को सूचना देनी होगी। वहीं जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा 48 घंटे के अंदर संबंधित बीमा कंपनी को सूचित करना आवश्यक होगा।
मत्स्य फसल बीमा योजना में आवेदन करने वाले मछली पालक किसानों कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इसलिए आवेदन से पहले ये दस्तावेज अपने पास रखें ताकि आवेदन करने में कोई परेशानी नहीं हो। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं।
बिहार राज्य के इच्छुक मछली पालक किसान इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2022 तक है। आप इसके लिए आवेदन स्वयं के लैपटाप या कंप्यूटर से या फिर कॉमन सर्विस सेंटर से कर भी सकते हैं। योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन इसकी अधिकारिक वेबसाइट https://fisheries.ahdbihar.in/ पर भरे जाएंगे।
मत्स्य फसल बीमा योजना में ऑनलाइन आवदेन करना होगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार से है-
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