प्रकाशित - 13 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
15 अगस्त के अवसर पर किसानों के लिए एक खुशखबरी आई है। किसानों को अब निरंतर शून्य ब्याज योजना का लाभ दिया जाएगा। इस योजना के संबंध में मध्यप्रदेश सरकार ने बीते दिनों मंत्री-परिषद की बैठक ली जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना का आगे भी यथावत जारी रखने का निर्णय लिया है। अब ये योजना वर्ष 2022-23 में भी निरंतर जारी रहेगी। इससे प्रदेश के लाखों किसानों को लाभ होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में पिछले दिनों मंत्रालय में मंत्री परिषद की बैठक हुई। इसें मंत्री परिषद ने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण दिए जाने की योजना को वर्ष 2022-23 में निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया है। बता दें कि यह ऋण किसानों को सहकारी बैंकों /प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) से दिया जाता है। इसमें किसानों को सरकार की ओर से तीन लाख रुपए तक के ऋण पर अनुदान का लाभ दिया जाता है। इस योजना के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर सस्ता लोन मिलता है। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध करा रही है। इस योजना के तहत किसान अपनी कृषि आवश्यकताओं के लिए अल्पकालीन ऋण ले सकते हैं।
मध्य प्रदेश राज्य के किसानों को सहकारी बैंकों /प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) से ऋण लेने पर ब्याज में अनुदान दिया जाएगा। मंत्रि-परिषद ने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण दिए जाने की योजना को वर्ष 2022-23 में निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया है। योजना में वर्ष 2022-23 के लिए बेसरेट 10 प्रतिशत रहेगा। खरीफ 2022 सीजन के लिए ड्यू डेट 28 मार्च 2023 और रबी 2022-23 सीजन के लिए ड्यू डेट 15 जून 2023 रहेगी। निर्धारित बेसरेट 10 प्रतिशत के अधीन खरीफ और रबी सीजन में अल्पावधि फसल ऋण लेने वाले सभी किसानों के लिए 3 प्रतिशत (सामान्य) ब्याज अनुदान तथा निर्धारित ड्यू डेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान प्रोत्साहन स्वरूप राज्य शासन द्वारा दिया जाएगा। यह योजना वर्ष 2012-13 से लागू है। इसमें 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि फसल ऋण पर राज्य शासन ब्याज अनुदान उपलब्ध कराता है।
केंद्र सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को 4 फीसदी की दर से लोन उपलब्ध कराती है। हालांकि, बैंकों से लोन 9 फीसदी की दर पर ही मिलता है, लेकिन सरकार इस कार्ड के जरिए 2 फीसदी की सब्सिडी देती है। वहीं, किसान इस लोन को समय पर चुका दें तो उसे 3 फीसदी की और छूट मिल जाती है। यानी कि किसान को सिर्फ 4 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना पड़ता है। यदि किसान समय पर ऋण चुका देता है तो उसे बिना ब्याज के ऋण मिल जाता है।
शून्य ब्याज योजना से पशुपालक और मत्स्य पालकों को भी जोड़ा गया है। इनको भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। पशुपालक पशु खरीदने के लिए लोन ले सकते हैं। जिन पशुपालक किसान या मत्स्य पालक किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हैं वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके तहत उन्हेें 2 लाख रुपए का ऋण मिल सकता है।
ग्राम सेवा सहकारी समितियां वास्तव में किसान को 7 प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसली ऋण देती हैं। जबकि समितियों को कर्ज के लिए पैसा सहकारी बैंक से 5 प्रतिशत ब्याज पर मिलता है। यानि ग्राम सेवा सहकारी समिति 2 प्रतिशत मार्जिन पर काम करती है। अपेक्स बैंक फसली कर्जे बांटने के लिए सहकारी बैंकों को 4.70 प्रतिशत ब्याज पर पैसा उपलब्ध कराता है। यानि बैंकों को सिर्फ 0.30 प्रतिशत मार्जिन ही मिलता है। जो किसान ठीक समय पर अपना लोन चुका देते हैं। उन्हें राज्य सरकार 4 प्रतिशत और केंद्र सरकार 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान देती है। इसलिए किसान का ऋण बिना ब्याज का हो जाता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बीते बुधवार को मंत्री-परिषद की बैठक में और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम का सुदृढीकरण करते हुए स्थापना व्यय के लिए पृथक बजट का प्रावधान करने का निर्णय लिया गया। निगम में मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष का गठन करने के अलावा इसके तहत मुख्यमंत्री उद्यम शक्ति योजना का अनुमोदन किया गया।
मुख्यमंत्री उद्यम शक्ति योजना में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, मुख्यमंत्री उद्यम कांति योजना तथा मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना की लाभान्वित महिला हितग्राहियों के बैंकों से स्वीकृत प्रकरणों पर दो फीसदी ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
साथ ही उपरोक्त योजनाओं से वित्त पोषित महिला उद्यमियों के उत्पाद की विपणन व्यवस्था और बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज स्थापित करने के लिए एसआरएलएम / एनयूएलएम में परियोजना प्रबंधन इकाई एवं निगम में परियोजना प्रकोष्ठ स्थापित करने का अनुमोदन किया गया।
निगम के गठित तेजस्विनी समूहों को आजीविका मिशन मोड में लाने के लिए तेजस्विनी कार्यक्रम में उपलब्ध राशि में से 10 करोड़ रुपए ग्रामीण आजीविका मिशन को देने का अनुमोदन किया गया।
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