Published - 07 Aug 2021 by Tractor Junction
किसानों को सिंचाई कार्य में सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सोलर पंपों पर सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा राज्य सरकार भी अपने स्तर पर इसकी खरीद पर सब्सिडी प्रदान करती है। इसी क्रम में झारखंड राज्य सरकार की ओर से 8 हजार किसानों को 96 प्रतिशत सब्सिडी पर सोलर पंप दिए जाएंगे। मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार राज्य सरकार की एजेंसी जेरेडा इस वर्ष सितंबर तक 7940 किसानों को सोलर मोटर पंप सब्सिडी पर देगी। बताया जा रहा है कि इसमें जेरेडा द्वारा 66 प्रतिशत और केंद्र सरकार द्वारा 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। लाभुक को केवल चार प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा।
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सोलर पंप सब्सिडी योजना के तहत दो एचपी का मोटर लेने पर तीन हजार रुपए, तीन एचपी के मोटर पर पांच हजार रुपए और पांच एचपी के मोटर पर सात हजार रुपए किसानों को देना होगा। मोटर की लागत दो से ढाई लाख रुपए तक है।
इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध कराने के लिए जेरेडा की ओर से जिलों में एजेंसियों का निर्धारण कर दिया है, जो किसानों के यहां सोलर पंप लगाएंगे। इनमें टाटा पावर सोलर सिस्टम, श्री एलेक्ट्रोना एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, सीआरआइ पंप्स प्राइवेट लिमिटेड, इकोजेन सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, वीआरजी एनर्जी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, श्री सावित्र सोलर प्रालि, सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड व पर्ल इंडिया मार्केटिंग सर्विस प्राइवेट लिमिटेड है।
पीएम कुसुम योजना ( Kusum Yojana ) केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत मिलने वाले सोलर पंप से किसानों का पेट्रोल व डीजल का खर्च बचेगा जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि खेतों में सिंचाई के साधन हमेशा उपलब्ध रहेंगे। इस योजना के जरिये राज्य के किसान अपने खेतों में सोलर सिस्टम लगाकर सौर ऊर्जा से पंपसेट चलाकर दिन के समय ही अच्छे से सिंचाई कर सकते हैं जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।
झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पीएम कुसुम योजना के तहत सबसे ज्यादा सब्सिडी मिलती है। इस योजना के कंपोंनेंट बी के तहत लगने वाले सौर ऊर्जा आधारित पंप की लागत पर होने वाले खर्च पर केंद्र सरकार 30 प्रतिशत और राज्य सरकार 67 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है। इस तरह से किसान को मात्र 3 से 4 फीसदी राशि पर सौर ऊर्जा पंप दिया जा रहा है।
सोलर पंप पर सब्सिडी के लिए राज्य के कई जिलों के किसानों ने आवेदन किया है। इसमें जिला गुमला में 169, देवघर में 141, रांची में 676, हजारीबाग में 720, प.सिहभूम में 500, खूंटी में 546, चतरा में 329, पलामू में 535, दुमका में 307, गोड्डा मेें 586, पाकुड़ में 95, साहेबगंज में 154, जामताड़ा में 0, कोडरमा में 352, गिरिडीह में 620, बोकारो में 332, धनबाद में 280, रामगढ़ में 239, लोहरदगा में 153, सरायकेला खरसावां में 279, गढ़वा में 02, सिमडेगा में 464, पूर्वी सिंहभूम में 421, लातेहार में 170 किसानों ने आवेदन किया है।
किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना के तहत केंद्र सरकार देशभर में सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी डीजल/बिजली के पंप को सोलर ऊर्जा से चलाने की योजना बनाई है। कुसुम योजना का एलान पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के द्वारा केंद्र सरकार के आम बजट 2018-19 में किया गया था। बता दें कि बजट 2020-2021 कुसुम योजना के तहत 20 लाख सोलर पंप किसानों सब्सिडी पर दी जाएगी। इससे डीजल की खपत और कच्चे तेल के आयात पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार की कुसुम योजना देश के किसानों को दो तरह से फायदा पहुंचाएगी। एक तो उन्हें सिंचाई के लिए फ्री में बिजली मिलेगी और दूसरा अगर वह अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजते हैं तो उससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा सौर ऊर्जा उपकरण लगवाने करने के लिए किसानों को मात्र 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। बाकी रकम केंद्र सरकार किसानों को बैंक खाते में सब्सिडी के तौर पर देगी। कुसुम योजना में बैंक किसानों को लोन के रूप में 30 प्रतिशत रकम देंगे। तो वहीं, सरकार किसानों को सब्सिडी के रूप में सोलर पंप की कुल लागत का 60 प्रतिशत रकम देगी।
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