Published - 19 May 2022 by Tractor Junction
केंद्र सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई लाभकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसी के साथ राज्य सरकार ने भी अपने स्तर पर किसानों के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य में यहां के किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को अदान राशि के तौर पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपए दिए जाते हैं। इस योजना की वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रथम किस्त की राशि किसानों को 21 मई को उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी। बता दें कि प्रदेश के 18 लाख 43 हजार किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर 21 मई को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रदेश के किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए प्रथम किश्त की राशि का भुगतान करने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर सभी जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और सभी जिला मुख्यालय मुख्यमंत्री बघेल द्वारा राशि अंतरण के कार्यक्रम से वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहेंगे।
किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना के तहत 21 मई को आयोजित होने वाले जिला स्तरीय कार्यक्रम में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 की प्रथम किस्त के रूप में करीब 1700 करोड़ रुपए किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। इस योजना के तहत बीते 2 वर्षों में किसानों के खाते में 12 हजार 209 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। बता दें कि इससे पहले 2020 में योजना की पहली किस्त 21 मई 2020 को, दूसरी किस्त 20 अगस्त और तीसरी किस्त एक नवंबर 2020 को और चौथी किस्त 21 मार्च 2021 को दी गई थी।
राज्य सरकार की ओर से किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना के तहत चार किश्तों में भुगतान किया जाता है। राज्य के कृषि मंत्री के अनुसार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को इस वर्ष 5703 करोड़ रुपए की आदान राशि का भुगतान चार किश्तों में किया जाना है। इसमें पहली किश्त के रूप में करीब 1700 करोड़ रुपए का भुगतान 21 मई के दिन किया जाएगा।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ की सभी प्रमुख फसलों के साथ ही उद्यानिकी फसलों को भी शामिल किया गया है। इन फसलों के उत्पादक किसानों को प्रति वर्ष 9 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी राशि दी जा रही है। कोदो, कुटकी, रागी उत्पादक किसानों को भी इसका लाभ दिया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि किसान वहां धान के बदले कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रुपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसानों को तीन वर्षों तक इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राज्य में फसल उत्पादकता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 21 मई 2020 को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से खरीफ सीजन 2019-20 में पंजीकृत करीब 19 लाख किसानों को कृषि अदान सहायता के रूप में 5628 करोड़ रुपए की जारी की गई थी। इस योजना के तहत खरीफ सीजन में धान उत्पादक किसानों को प्रति वर्ष 9 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से गोधन न्याय योजना की शुरुआत 21 जुलाई 2020 को की गई थी। इसके तहत राज्य में पहली बार किसानों से गोबर खरीदने की शुरुआत की गई। गोधन योजना को दो चरण में चलाया जा रहा है जिसमें पहले चरण में राज्य के 2240 गौशालाओं को जोड़ा गया है, फिर कुछ ही दिनों में 2800 गोठनों का निर्माण होने के बाद दूसरे चरण में भी गोबर खरीदा जा रहा है। छत्तीगढ़ राज्य में गौठानों में गाय के गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाई जा रही है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा गाय के गोबर दीवार पेंट, अगरबत्ती, धूप बत्ती सहित खिलौने आदि वस्तुओं का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा गाय के गोबर से सीएनजी भी बनाई जा रही है। बता दें कि गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार यहां के किसानों से 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदती है।
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