Published - 06 Oct 2020 by Tractor Junction
कृषि कानून के विरोध में देश में चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच हरियाणा सरकार किसानों के लाभार्थ कई योजनाएं शुरू करने जा रही है। इसके लिए हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार का दावा है कि इसका मकसद नवीनतम कृषि पद्धतियों तथा बेहतर वित्तीय प्रबंधन से अपने कृषि उत्पादन बढ़ाने में अन्य किसानों की मदद करने के लिए प्रेरित करना है।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने मीडिया को बताया कि कृषि क्षेत्र में कुछ अलग करने वाले प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘प्रगतिशील किसान सम्मान योजना’, ‘प्रगतिशील किसान ट्रेनर’ और ‘किसान मित्र योजना’ शुरू की जाएगी। इसमें पहला पुरस्कार 5 लाख रुपए, दूसरा और तीसरा पुरस्कार 3-3 लाख रुपए के प्रदान किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि पुरस्कार योजना पर सालाना 70 से 75 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका का मानना है इन योजनाओं से किसानों को बेहतर उत्पादन में मदद मिलेगी तथा नवीनतम तकनीक के प्रयोग से कृषि में सुधार होगा।
इस योजना के तहत, 10 प्रगतिशील किसानों को 10 एकड़ या 10 एकड़ से अधिक की कृषि योग्य भूमि की श्रेणी में पुरस्कृत किया जाएगा। इनमें से आठ प्रगतिशील किसानों को 16 लाख रुपए के पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। चौथे, पांचवें, छठे, सातवें और आठवें पुरस्कार में एक-एक लाख रुपए प्रगतिशील किसानों को दिए जाएंगे। ऐसे ही, पांच से 10 एकड़ भूमि वाले प्रगतिशील किसानों के लिए, प्रत्येक को 50,000 रुपए के 100 पुरस्कार दिए जाएंगे। इसी तरह, 5 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों के लिए, प्रति एकड़ 10,000 रुपए का पुरस्कार निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्र किसानों को इस उद्देश्य के लिए गठित समिति के समक्ष पुरस्कार के लिए आवेदन करना होगा। प्रगतिशील किसानों को भी इस समिति में शामिल किया जाएगा।
इस योजना के तहत प्रगतिशील किसान कम से कम आसपास के 10 किसानों का एक समूह बनाएगा और उन्हें सर्वश्रेष्ठ कृषि प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करके प्रगतिशील किसान के रूप में आगे बढ़ाएगा। इससे अन्य किसानों को भी नई तकनीक के बारे में जानकारी हो सकेगी जिससे बेहतर उत्पादन में मदद मिलेगी।
इस योजना के तहत प्रगतिशील किसान किसान मित्र के रूप में काम करेंगे और एक किसान मित्र 100 किसानों का समूह बनाएगा। प्रगतिशील किसान वित्तीय प्रबंधन को बनाए रखने में भी किसानों की मदद करेंगे। सरकार की ओर से जल्द ही राज्य के प्रगतिशील किसानों की एक डायरेक्टरी प्रकाशित की जाएगी और किसानों की सहायता के तहत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए महत्वपूर्ण परिपत्र व पत्र भेजे जाएंगे।
मुख्यमंत्री के अनुसार राज्य में भूमि की जोत लगातार कम हो रही है। ऐसे किसानों की सहायता के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं जिनके पास छोटे-छोटे खेत हैं और वे पूरी तरह से कृषि पर निर्भर हैं। ऐसे किसानों को मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन व दुग्ध उत्पादन आदि के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि उनकी आय बढ़ सके। ऐसे किसानों को उनकी उपज की मार्केटिंग के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी। किसानों के लिए अनुबंधित खेती एक सुनिश्चित आय में सहयोग करेगी।
इसके अलावा राज्य में वीटा बूथों की संख्या को भी 700 से बढ़ाकर 4,000 करने का फैसला लिया गया है। दूध के अलावा, ताजे फल और सब्जियां भी इन बूथों पर उपलब्ध कराई जाएंगी। हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से भी एग्री-प्रोडक्ट्स बेचने के लिए 2000 रिटेल आउटलेट्स खोले जाएंगे।
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