प्रकाशित - 13 Feb 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
प्याज की खेती (Onion cultivation) करने वाले किसानों के लिए खुशखबर है। सरकार की ओर से प्याज किसानों को अपनी प्याज की उपज को सुरक्षित रखने हेतु गोदाम बनाने के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। खास बात यह है कि किसानों को प्याज गोदाम बनाने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। ऐसे में किसान सिर्फ आधा पैसा लगाकर प्याज गोदाम का निर्माण कर सकते हैं। इस योजना के तहत किसान 25 मीट्रिक टन क्षमता का गोदाम बना सकते हैं। इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से गोदाम की लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
अक्सर देखा जाता है कि प्याज उत्पादक किसानों को बाजार में प्याज की सही कीमत नहीं मिल पाती है और किसान अपनी प्याज की उपज खराब होने के डर से औने–पौने दाम पर बेच देते हैं जिससे उन्हें नुकसान होता है। कई बार तो उनकी प्याज की लागत तक नहीं निकल पाती है। किसानों को प्याज का बेहतर भाव मिले, इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को प्याज गोदाम बनाने के लिए अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। हाल ही में लोकसभा सत्र में प्याज भंडारण गोदाम के लिए किसानों को दी जाने वाली सहायता को लेकर सवाल किया गया जिसका जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना के बारे में जानकारी दी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की ओर से किसानों को प्याज भंडारगृह यानी गोदाम बनाने के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से देश में बागवानी के समग्र विकास के लिए “समेकित बागवानी विकास मिशन” (MIDH) का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को 25 मीट्रिक टन क्षमता वाले कम लागत वाले प्याज भंडारण स्ट्रक्चर के लिए प्रति इकाई लागत 1.75 लाख रुपए पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता था, लेकिन महंगाई बढ़ने क साथ अब सरकार ने इकाई लागत की राशि को बढ़ा दिया है। अब किसानों को प्याज गोदाम के लिए पहले से अधिक अनुदान मिलता है। पिछले 10 सालों के दौरान प्याज भंडारण बनाने के लिए आवश्यक विभिन्न घटकों की इनपुट लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए MIDH दिशा–निर्देशों के साथ ही लागत मानदंडों को भी संशोधित किया गया है। जिसके तहत लागत को 25 मीट्रिक टन की क्षमता के लिए 10,000 रुपए प्रति मीट्रिक टन तक बढ़ा दिया है। जिसमें पात्रताधारियों को परियोजना लागत पर 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके अलावा देश में प्याज भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए उच्च क्षमता यानी 1,000 मीट्रिक टन की अधिकतम क्षमता के साथ कम लागत वाले प्याज भंडारण को बढ़ावा देने के लिए भी आवश्यक प्रावधान किए गए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि एमआईडीएच स्कीम के तहत सभी जल्द खराब होने वाली बागवानी फसलों को शामिल किया गया है। इसके अलावा उद्योग मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के एक घटक के रूप में समेकित शीत शृंखला, मूल्य संवर्धन व संरक्षण अवसंरचना योजना काे भी कार्यान्वित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य बागवानी और गैर–बागवानी उत्पादों के फसलोपरांत नुकसान को कम करना और किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य प्रदान करना है। इसके अलावा बागवानी सहित जल्द खराब होने वाली फसलों के विकास के लिए गतिविधियां, अन्य विभिन्न योजनाओं जैसे– राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) आदि संचालित है।
जिन किसानों के सामने प्याज खुदाई के बाद इसके भंडारण की सुविधा नहीं है, उन किसानों को सही मंडी भाव में अपनी फसल बेचने के लिए सरकार की ओर से 25 मीट्रिक क्षमता का प्याज गोदाम बनाने के लिए इसकी निर्धारित लागत 1.75 लाख रुपए का 50 प्रतिशत यानी अधिकतम 87,500 रुपए की सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए वही किसान आवेदन कर सकते हैं जिसके पास कृषि योग्य भू-स्वामित्व एवं सिंचाई स्त्रोत हो और जो किसान प्याज की खेती कर रहा है और कम लागत की प्याज भंडारण संरचना का निर्माण करना चाहता हो।
यदि आप प्याज भंडारण या प्याज गोदाम के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आप इसके लिए ई–मित्र केंद्र या सीएससी सेंटर पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको आधार कार्ड/जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल सहित जरूरी डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होगी। प्याज गोदाम निर्माण के बाद गठित कमेटी इसका सत्यापन करेगी। गोदाम के भौतिक सत्यापन के बाद सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। प्याज गोदाम के लिए आवेदन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने निकटतम कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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