प्रकाशित - 07 Jun 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को साकार रूप दिया जा रहा है। आज हर क्षेत्र में डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है। इतना ही नहीं कृषि क्षेत्र का भी डिजिटलाजेशन देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में सरकार की ओर से घरौनी योजना के प्रमाण-पत्र भी डिजिटल रूप से वितरित किए जा रहे हैं। इस योजना की खास बात ये है कि आप स्वयं अपने मकान का स्वामित्व पत्र डिजिटल सिस्टम से प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। बात करें उत्तरप्रदेश की तो यहां इसके लिए घरौनी योजना चलाई जा रही है। वास्तव में यह योजना स्वामित्व योजना का ही रूप है जिसे यूपी सरकार ने घरौनी योजना नाम से शुरू किया है। इस योजना के तहत लोगों को उनके मकान का मालिकाना हक दिलाया जाएगा।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको यूपी सरकार की घरौनी योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
केंद्र सरकार की ओर से पीएम स्वामित्व योजना का संचालन देशभर में किया जा रहा है। इसके तहत लोगों को उनके आवास का मालिकाना हक प्रदान किया गया है। इसी तर्ज पर यूपी सरकार की ओर से घरौनी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत हर मकान का यूनिक आईडी नंबर दर्ज होगा। यह आईडी नंबर 13 अंकों का होगा। इसमें पहले छह अंक गांव के कोड को दर्शाएंगे। वहीं अगले पांच अंक आबादी के प्लॉट नंबर को दर्शाएंगे एवं आखिरी के दो अंक उसके संभावित विभाजन को दर्शाएंगे। इस यूनिक आईडी को प्राप्त करके ग्रामीण अपने मकान का मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत आपको बकायदा प्रमाण-पत्र दिया जाएगा जो यह बताएगा कि अमुक मकान आपका है और आप ही इसके असली हकदार या मालिक है।
पीएम स्वामित्व योजना की तर्ज पर यूपी में शुरू की गई घरौनी योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाना है। इसके तहत उन्हें घरौनी प्रमाण-पत्र या घरौनी कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। इसमें लोगों के पुस्तैनी मकानों या उनके जमीन के ब्यौरे के प्रमाण-पत्र को घरौनी कहा गया है। घरौनी को आवासीय अभिलेख या प्रॉपर्टी कार्ड भी कहा जा सकता है। आप इसे इस तरह से समझ सकते हैं जैसे खेत की जमीन का लेखा-जोखा खतौनी में होता है, ठीक उसी प्रकार घर की जमीन का लेखा-जोखा घरौनी में किया गया है। इस तरह ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों के खेत व मकान का लेखा-जोखा सरकार के पास रहेगा। यदि आप चाहे तो इसे डाउनलोड करके ऑनलाइन भी देख सकते हैं। इस तरह आप अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन देख सकेंगे।
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत 24 अप्रैल 2020 में की गई थी, यूपी में इस योजना को ही घरौनी योजना के नाम से प्रचारित किया जा रहा है। इस योजना के तहत ग्रामीण अपनी जमीन का मालिकाना हक प्राप्त कर सकेंगे यानि घरौनी प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना की अवधि 2021 से बढ़ाकर वर्ष 2025 तक कर दी गई है। साथ ही साढ़े छह लाख ग्रामीणों को इस योजना में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
घरौनी योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे प्रदेश के भू-माफियाओं पर लगाम लगेगी और ग्रामीणों की जमीन पर कोई कब्जा भी नहीं कर पाएगा। अक्सर देखा गया है कि गांवों में जमीनी विवाद के चलते लड़ाई-झगड़े की घटनाएं होती हैं, लेकिन इस योजना से इन जमीनी विवादों पर लगाम लगेगी और जमीन के मालिक को अपना मालिकाना हक मिल सकेगा। यह योजना ऑनलाइन है। आप स्वयं भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
बैंक, लोन देने से पहले कुछ गिरवी रखती है। उसके बाद ही लोन देती है। बैंक संपत्ति पर लोन देती है। इसके लिए आवश्यक है कि जमीन का मालिकाना हक आपके नाम हो तभी आपको लोन मिल सकता है। ऐसे में प्रदेश सरकार की घरौनी योजना आपके लिए काफी लाभकारी साबित होगी। आप इस योजना के तहत मिले घरौनी प्रमाण-पत्र के जरिये आसानी से बैंक से लोन ले पाएंगे।
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना या घरौनी योजना के तहत जमीन के मालिकाना हक का प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए आपको इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार से हैं
यदि आप ग्रामीण क्षेत्र से हैं और आप घरौनी प्रमाण-पत्र ऑनलाइन डाउनलोड करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना या घरौनी योजना के तहत एसएमएस भेजा जाएगा। आपको इस एसएमएस को अच्छी तरह पढ़ना है। इस एसएमएस में एक लिंक भी दी गई होगी। इसे ओपन करके आप अपनी संपत्ति का घरौनी कार्ड आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे।
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