प्रकाशित - 16 Sep 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ कई प्रकार की योजनाएं चलाई गई हैं जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। इन्हीं योजनाओं में से एक पीएम फसल बीमा योजना भी है। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा कारणों से फसल को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है। इस योजना के तहत किसानों की फसलों का बीमा किया जाता है। यदि बीमित फसल में प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान होता है तो किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाता है। ये योजना भारत के अधिकांश राज्य लागू है। राजस्थान में फसल बीमा को लेकर हाल ही में समीक्षा बैठक हुई जिसमें किसानों को बारिश से हुए फसलों को नुकसान का मुआवजा शीघ्र देने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें मुख्य सचिव ने राज्य के किसानों को लंबित बीमा क्लेम के शीघ्र निस्तारण के लिए बीमा कंपनियों से संपर्क कर किसानों को मुआवजा दिलावाकर राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि खरीफ-2022 में फसल कटाई का ऑनलाइन रिकार्ड शत प्रतिशत होना चाहिए। इसके लिए कृषि अधिकारी अपने जिला कलक्टरों से समन्वय स्थापित करें। समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के आयुक्त कानाराम ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत विगत तीन वर्षों में अब तक 16 हजार करोड़ के बीमा क्लेम वितरित किए जा चुके हैं।
बैठक में कृषि विभाग के आयुक्त कानाराम ने कहा कि इस वर्ष खरीफ -2022 में करीब 2.20 करोड़ की फसल बीमा पॉलिसियां की गई हैं। इसके तहत 66 लाख हैक्टेयर क्षेत्र का बीमा किया जा चुका है। इस वर्ष मानसून के दौरान अधिक बारिश से जल भराव के कारण जिन किसानों को फसल को नुकसान हुआ हैं, उसका सर्वे का कार्य भी जारी हैं। सर्वे के बाद किसानों को फसल नुकसान का उचित मुआवजा शीघ्र ही दिलवाया जाएगा।
पीएम फसल बीमा योजना के नियमों के अनुसार यदि किसान की फसल में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होता है तो उसे फसल बीमा के तहत मुआवजा दिया जाता है। इसके लिए किसान को जिस बीमा कंपनी से उसने बीमा कराया है उसे 72 घंटे के अंदर सूचना देनी होती है। इसके बाद कंपनी द्वारा सर्वे के लिए नियुक्त किए गए अधिकारी खेत में फसल का सर्वे करके फसल खराबे की रिपोर्ट बनाते हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर ही किसानों को फसल बीमा के तहत मुआवजे की राशि दी जाती है।
पीएम फसल बीमा योजना (PM Crop insurance Scheme) के प्रावधानों के अनुसार ओलावृष्टि या बारिश से फसल नुकसान होने के 72 घंटे के अंदर किसान को बीमा कंपनी इसकी जानकारी देना जरूरी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों को मुआवजा तभी मिलता है जब वो समय से नुकसान की जानकारी संबंधित कंपनी को दे दें। किसान फसल नुकसान की सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर या क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के माध्यम दे सकते हंै। इसके अलावा प्रभावित बीमित किसान जिलों में कार्यरत बीमा कंपनी, कृषि कार्यालय अथवा संबंधित बैंक को भी हानि प्रपत्र भरकर सूचना दे सकते हैं।
जो किसान पीएम फसल बीमा का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें पहले अपनी फसल को बीमा करना होगा। ये बीमा साल में दो बार किया जाता है। एक खरीफ सीजन और दूसरा रबी सीजन की फसलों के लिए किया जाता है। बीमा कराने वाले किसान को खरीफ फसलो के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम अदा करना होता है। शेष प्रीमियम राज्य और केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है। इस तरह इस योजना के जरिये बहुत ही कम प्रीमियम पर अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या फिर फसल बीमा कंपनी के एजेंट के माध्यम से फार्म भर सकते हैं। आवेदन के लिए किसानों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, खेती की जमीन के कागजात, बैंक खाता पास बुक की कॉपी, पते का सबूत, बीमा कराने वाले किसान का फोटो आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
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