प्रकाशित - 19 Nov 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी दी जाती है। इस योजनाओं का लाभ लेकर किसान अपनी कृषि संबंधी अनेक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। इन योजनाओं में से एक योजना सोलर पंप योजना है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध कराएं जाते हैं ताकि किसानों को सिंचाई कार्य में आसानी हो सके। इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से सौर ऊर्जा नीति 2022 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब किसानों को सोलर पंप पर लगाने पर पहले से अधिक सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा। सोलर पंप अब 90 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाएगा। इससे किसानों को अब सस्ती दर पर सिंचाई के लिए सोलर पंप उपलब्ध हाे सकेंगे। यदि आप यूपी से हैं और आप भी अपने खेत में सिंचाई के लिए सोलर पंप लगवाना चाहते हैं तो आपके लिए ये खबर काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए इस खबर को अंत तक पढ़े और इसे आगे भी शेयर करें ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित हो सकें। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में सोलर पंप योजना यूपी की जानकारी दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से सौर ऊर्जा नीति- 2022 के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। यह नीति जारी होने की तिथि से प्रभावी होगी। इसका लाभ किसानों को 5 वर्ष की अवधि तक अथवा राज्य सरकार द्वारा नई नीति अधिसूचित करने की अवधि से जो भी पूर्व हो, तक लागू रहेगी। मंत्रिपरिषद ने ( कुसुम सी -2) पृथक कृषि फीडर के सौरकरण हेतु 2,000 मेगावाट क्षमता संयंत्रों की स्थापना पर 50 लाख रुपए प्रति मेगावाट की दर से राज्य वी.जी.एफ. एवं (कुसुम सी-1) निजी ऑन ग्रिड पम्प के सोलरराइजेशन पर राज्य सरकार द्वारा मुसहर, वनटांगिया, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को 70 प्रतिशत सब्सिडी एवं अन्य कृषकों को 60 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने एवं नीति काल अवधि में 05 वर्षों में कुल 1,000 करोड़ रुपए के अनुदान की स्वीकृत दी है।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम योजना के घटक सी-1 में किसानों को उनके अपने द्वारा स्थापित नलकूपों पर सोलर उर्जीकरण करने पर केंद्र सरकार की ओर से 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इस योजना को प्रदेश में प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश में आवासित मुसहर, वनटांगिया तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों को केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित अनुदान के अलावा 70 प्रतिशत और अनुदान दिया जाएगा। इस प्रकार इस श्रेणी के किसानों के नलकूपों को नि:शुल्क सौर उर्जीकृत किया जाएगा। वहीं राज्य के अन्य किसानों को केंद्र सरकार की ओर से 30 प्रतिशत अनुदान के अलावा राज्य सरकार की ओर से 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इस तरह अन्य श्रेणी के किसानों के नलकूपों को सौर उर्जीकरण करने के लिए राज्य सरकार की ओर से 90 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
कुसुम योजना के तहत किसानों के खेतों में लगे नलकूपों को सोलर पंप में बदला जाएगा। इसके लिए यूपी सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य में रह रहे मुसहर, वनटांगिया तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों को केंद्र सरकार की ओर से 30 प्रतिशत और राज्य सरकार की ओर से 70 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। इस प्रकार से इन किसानों को 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा यानि ऐसे किसानों को निशुल्क में सोलर पंप योजना का लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा अन्य श्रेणी के किसानों को राज्य सरकार से 60 प्रतिशत अनुदान देगी और 30 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार से मिलेगा। इस तरह अन्य श्रेणी के किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी और उन्हें सिर्फ 10 प्रतिशत अंशदान देना होगा यानि 10 प्रतिशत राशि ही खर्च करनी होगी जो अनुमानत: अधिकतम करीब 55000 रुपए होगी।
इस योजना के तहत पावर कारपोरेशन की ओर से एग्रीकल्चर फीडर अलग चिह्नित कर लिए हैं। इन फीडरों के सौर ऊर्जीकरण की यह योजना केंद्र सरकार की ओर से संचालित हैं जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 1.05 करोड़ प्रति मेगावॉट की दर से अनुदान दिया जाता है। इस योजना को वाणिज्यिक रूप से वायबल बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान के अलावा राज्य सरकार द्वारा 50 लाख रुपए प्रति मेगावॉट की दर से बायबिलिटी गैप फंडिग के लिए अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था की गई है।
केंद्र सरकार की ओर से कुसुम योजना शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलन पंप उपलब्ध कराए जाते हैं। इस योजना के तहत राज्य में लग रहे डीजल पंपों को सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा। इसके लिए यूपी सरकार की ओर से काम किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार की ओर से ऐसे किसानों को जिनके खेत में बिजली /डीजल से चलने वाले पंप लगे हुए उनके स्थान पर सोलर पंप लगाए जाएंगे इसके लिए किसानों को सब्सिडी दी जाएगी जिससे किसान बहुत ही कम खर्च में सोलर पंप स्थापित कर पाएंगे। बता दें कि कुसुम योजना मुख्य 2022 तक देश में तीन करोड़ डीजल से चलने वाले पंपों को सौर ऊर्जा से चलाना, जिससे डीजल और बिजली की खपत कम हो और सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके।
कुसुम योजना के तहत किसानों को आवेदन करने के लिए जिन दस्तावेजाें की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार से हैं-
कुसुम योजना के तहत सोलर पंप कृषि कनेक्शन पर अनुदान प्राप्त करने के लिए किसानों सर्वप्रथम अपने तहसील से अपने खतौनी की प्रमाणित नकल लेनी होगी। इसके साथ ही योजना के तहत मांगे सभी दस्तावेजों के साथ अपने जिले के उप कृषि निदेशक कार्यालय में जाना होगा। वहां उप कृषि निदेशक को बैंक ड्राफ्ट सहित अपने सभी दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रपत्र को भर कर जमा करना होगा। यहां किसान फार्म जमा करते समय बैंक ड्राफ्ट की रसीद जरूर लें। कृषि निदेशक आपसे बैंक ड्राफ्ट के साथ प्राप्त प्रपत्र को एक सप्ताह के अंदर ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर देगा। फिर आपके द्वारा दिए गए दस्तावेजों सहित खेत में लगे डीजल पंप का सत्यापन एक सप्ताह के अंदर कर लिया जाएगा। यदि आप सभी पात्रताएं पूरी करते हैं तो कंपनी की ओर से आपके द्वारा बताई गई लोकेशन पर सोलर पंप कनेक्शन कर दिया जाएगा।
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