प्रकाशित - 17 Jun 2024
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसान मानसून की बारिश के साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर देंगे। इसमें प्रमुख रुप से किसान धान की बुवाई करते हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार की ओर से किसानों को सस्ती पर धान के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। खास बात यह है कि धान के बीजों पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। ऐसे में किसान काफ़ी कम कीमत पर धान के बीज प्राप्त कर सकते हैं। राज्य के जो किसान सब्सिडी पर धान के बीज प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
इस साल के लिए राज्य सरकार द्वारा धान की खेती 36.54 लाख हैक्टेयर के अनुपात में 3.65 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बिचड़ा गिराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा खरीफ की अन्य फसलों के लिए भी बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें मक्का का 2.93 लाख हैक्टेयर, अरहर का 0.56 लाख हैक्टेयर, मूंग का 0.17 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। वहीं मोटे अनाज में बाजरा का 0.15 लाख हैक्टेयर, ज्वार का 0.16 लाख हैक्टेयर, मडुआ का 0.29 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य है। इसके अलावा दलहन का 0.11 हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत 5069.52 क्विंटल धान का बीज किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के तहत आधा एकड़ भूमि के लिए धान व गेहूं के बीजों पर 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, ऐसे में हर एक किलोग्राम बीज पर 40 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा ¼ एकड़ भूमि पर दलहनी फसलों की खेती के लिए उन्नत बीजों की खरीद पर 108 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से सब्सिडी देने का प्रावधान है। इसके अलावा राज्य के किसानों को ज्वार, मुडुआ, सांवा आदि के एडवां बीजों की खरीद पर भी 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
यदि आप बिहार के किसान है और आप अनुदान पर धान का बीज लेना चाहते हैं तो आप इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले बीज अनुदान योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://brbn.bihar.gov.in/ पर जाना होगा।
बिहार में किसानों को बागवानी फसलों की खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत अनुदान का लाभ प्रदान किया जाता है। हाल ही में राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि खरीफ मौसम में राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत सूबे में 7079 हैक्टेयर में फलदार वृक्षों का क्षेत्र विस्तार किया जाएगा। इस योजना के तहत 5379 हैक्टेयर में टिश्यू कल्चर केला, 800 हैक्टेयर में आम, 50 हैक्टेयर में लीची, 400 हैक्टेयर में अमरूद, 450 हैक्टेयर में आंवला का नया बागान लगाने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर पौध सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा शुष्क बागवानी के माध्यम से 2000 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर फलदार वृक्ष के पौधे और सामग्री उपलब्ध कराने का लक्ष्य विभाग का है। वहीं विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत 100 हैक्टेयर में चाय की खेती के क्षेत्र विस्तार के लिए भी किसानों को अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत सरकार की ओर 4.94 लाख प्रति हैक्टेयर ईकाई लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि खरीफ सीजन में फसल उत्पादन अच्छा हो, इसके लिए किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए भूमि संरक्षण निदेशालय तथा बिहार जलछाजन विकास समिति द्वारा भूमि एवं जल संरक्षण से संबंधित योजनाओं पर कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही सात निश्चय-2 योजना के तहत हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने हेतु छोटी-छोटी नदियों से निकलने वाले नाले पर 30 फीट तक का 212 चेक डैम का निर्माण किया जाएगा। वहीं जिन जगहों पर चेक डैम काे नहीं बनाया जा सकेगा उन स्थानों पर राज्य योजना मद से तालाब एवं कुएं का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए 207 तालाब और 100 कुओं के निर्माण की योजना अलग से स्वीकृत की जाएगी।
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