Published - 27 May 2020 by Tractor Junction
किसान भाइयों का ट्रैक्टर जंक्शन में एक बार फिर स्वागत है। जैसा कि हम जानते है कि खरीफ की बुवाई का समय चल रहा है और इसके लिए किसान बीज व उर्वरक की व्यवस्था करने में लगा है। फसल के उत्पादन में बीज व उर्वरक का एक विशेष महत्व होता है। उन्नत बीज की बुवाई करने पर उत्पादन में वृद्धि होती है। और इसका लाभ किसान को अधिक मुनाफे के रूप में मिलता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने किसानों के लिए अनुदान पर उन्नत किस्म के प्रमाणिक बीज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है जिससे किसानों को उन्नत व प्रमाणिक बीजों बीजों की सहज उपलब्धता हो सके और वह समय पर खरीफ की बुवाई कर सके।
इस योजना में खास बात यह है कि इसमें किसान को घर बैठे उन्नत व प्रमाणिक बीज 50 प्रतिशत तक अनुदान (सब्सिडी) पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे किसानों को सहज ही उन्नत किस्म के प्रमाणिक बीजों की उपलब्धता हो सकेगी। आइए जानते है किस प्रकार किसान सरकार द्वारा चलाई जा रही बीज व्यवस्था का लाभ उठा सकते है।
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बिहार राज्य सरकार द्वारा किसानों को सभी प्रकार के बीजों पर 50 प्रतिशत अनुदान (सब्सिडी) दी जा रही है। अलग-अलग फसल के बीजों के मूल्य प्रति किग्रा हिसाब से निर्धारित किए गए है। इस निर्धारित मूल्य पर ही अनुदान (सब्सिडी) दी जाएगी। (RKVY N.F.S.M 2020) योजनांतर्गत विभिन्न खरीफ की फसलों के बीजों का मूल्य इस प्रकार निर्धारित है- धान का मूल्य 36 रुपए प्रति कि.ग्रा, संकर धान 280 – 325 रुपए प्रति कि.ग्रा, अरहर 110 प्रति कि.ग्रा, संकर मक्का 122 मूल्य प्रति कि.ग्रा, उरद 113 रुपए प्रति कि.ग्रा, महुआ 60 रुपए प्रति कि.ग्रा, जूट 70 रुपए प्रति कि.ग्रा, मूंगफली 90.00 रुपए प्रति कि.ग्रा, सोयाबीन 70 रुपए प्रति कि.ग्रा, तिल 120 रुपए प्रति कि.ग्रा है। इन सभी पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उदाहरण के लिए धान का मूल्य 36 रुपए निर्धारित है तो वह 50 प्रतिशत सब्सिडी के बाद 18 रुपए प्रति कि.ग्रा के भाव से किसानों को मिलेगा। इसी प्रकार अन्य फसलों के बीज 50 प्रतिशत छूट पर दिए जाएंगे।
इस समय वर्ष 2020-21 के लिए आवेदन चल रहे है। इस योजना के अंतर्गत अनुदान पर बीज प्राप्त करने के इच्छुक किसान को इसकी वेबसाइट https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर पंजीकरण कराना होगा।
इसके लिए किसान को होम डिलीवरी का आप्शन को भरना होगा। किसानों को बीज घर पर पहुंचाने के लिए प्रति किलो 5 रुपए का शुल्क लिया जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा बीज की होम डिलीवरी की जाएगी।
यदि किसान बीज की होम डिलीवरी नहीं चाहता है और दुकान से बीज खरीदना चाहता है, तब भी उसे सरकार द्वारा बीजों पर दी जा रही सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार को इस वर्ष अच्छी बारिश की संभावनाओं के चलते खेती का उत्पादन व रकबा बढऩे की उम्मीद है। इसे देखते सरकार ने किसानों की मांग के अनुपात से ज्यादा बीज का स्टाक किया हुआ जिससे किसानों को खरीफ सीजन में बीजों की कमी नहीं आए। बिहार के कृषि मंत्री के अनुसार विभिन्न फसलों की मांग तथा उपलब्धता इस प्रकार है- राज्य में खरीफ मौसम में धान कि खेती के लिए 4,89,600 क्विंटल बीज कि जरूरत है, जिसके विरुद्ध 4,95,925 क्विंटल बीज उपलब्ध है।
अरहर की 1,404 क्विंटल बीज कि जरूरत है, जिसके विरुद्ध राज्य सरकार के पास 6,096 क्विंटल अरहर के बीज उपलब्ध है। उड़द की 3,960 क्विंटल बीज कि जरूरत होगी, जिसके विरुद्ध राज्य सरकार के पास 12,521 क्विंटल बीज उपलब्ध है। सोयाबीन की 3960 क्विंटल बीज की जरूरत होगी , जिसके विरुद्ध 8,269 क्विंटल बीज बिहार सरकार के पास उपलब्ध है। इसी प्रकार मूंगफली 396 क्विंटल बीज की जरूरत होगी, जिसके विरुद्ध राज्य सरकार के पास 2,233 क्विंटल मूंगफली बीज उपलब्ध है। जूट की 3,072 क्विंटल बीज की जरूरत होगी, जिसके विरुद्ध में बिहार सरकार के पास राज्य के किसानों के लिए 1,873 क्विंटल जूट के बीज का स्टाक है। इस प्रकार बीजों की जरूरत से ज्यादा बीजों का स्टाक सरकार द्वारा रखा गया है। सरकार का लक्ष्य है कि किसी भी तरह से किसानों को राज्य में बीज की उपलब्धता में कमी नहीं आनी चाहिए।
राज्य में 33 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान, 4.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का, 1.10 लाख हेक्टेयर में दलहनी फसल एवं 50 हजार क्षेत्र में मोटे अनाजों कि खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्रकार बिहार में 39.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कुल खाद्यान्न कि खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा राज्य में 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसलों, 1.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जूट की खेती तथा 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मेस्ता की खेती की जायेगी। इस तरह बिहार में खरीफ, वर्ष 2020 में तेलाहनी फसलों को मिलाकर कुल 41.02 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की खेती की जाएगी।
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