प्रकाशित - 03 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है, जिनका किसानों को लाभ मिल रहा है। किसानों को इन योजनाओं के माध्यम से कई तरह के लाभ प्रदान किए जाते हैं। जैसे- केंद्र सरकार की महत्वाकांशी योजना पीएम किसान योजना के तहत किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके तहत किसानों को हर साल 6 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी तरह राज्य स्तर पर मध्यप्रदेश सरकार की ओर से किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को साल में दो बार 2-2 हजार रुपए कुल 4 हजार रुपए की राज्य सरकार की ओर से उनके खाते में दिए जाते हैं। यह राशि पीएम किसान सम्मान निधि से अलग है। इसी क्रम में किसान की आय बढ़ाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार की ओर से किसानों के लिए सामूहिक खेती योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत जो किसान समूह बनाकर खेती करेंगे, उन्हें सरकार की ओर से कई प्रकार के लाभ प्रदान किए जाएंगे। सामूहिक खेती करने वाले किसानों को राज्य सरकार 90 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान करेगी।
जब कुछ किसान मिलकर समूह बनाकर कृषि से संबंधित गतिविधियों में शामिल होते हैं तो उसे सामूहिक खेती कहा जाता है। ये खेती बाहर के कई देशों में प्रचलन में है। भारत में भी इस तरह की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि छोटी जोत वाले किसान मिलकर खेती करें तो उन्हें काफी लाभ हो सकता है। इस विचार को लेकर सामूहिक खेती को किसानों के लिए बेहतर माना जा रहा है। हाल ही में हरियाणा सरकार की ओर से राज्य के किसानों से सामूहिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। संक्षेप में कहे तो सामूहिक खेती वह है जिसमें गांव के कई परिवार मिलकर सहकारी नीतियों के अनुसार खेती करते हैं, जो एक सबके लिए और सब एक के लिए के सिद्धांत पर आधारित है।
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों से कहा है कि सामूहिक खेती करके वे अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। यदि किसान समूह बनाकर खेती का कार्य करते हैं तो राज्य सरकार ऐसे किसानों को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान करेगी। इस संबंध में हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने इसके लिए फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) का गठन करने का आह्वान किया है। एफपीओ के माध्यम से किसानों को तकनीकी, मार्केटिंग, लोन, प्रोसेसिंग और सिंचाई आदि जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इस योजना के माध्यम से किसान लोन भी ले सकते हैं। किसान अपने उत्पाद बेचना सीख लेगा तो आमदनी स्वयं बढ़ जाएगी। कृषि मंत्री दलाल रोहतक में आयोजित जय किसान कार्यक्रम में फसल विविधीकरण को अपनाकर अच्छा काम करने वाले किसानों को सम्मानित करवाने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि किसानों के कल्याण एवं उनकी आमदनी को बढ़ाने के उद्देश्य से हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण में राज्य के मंत्री, आईएएस अधिकारी व विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शामिल किया गया है। प्राधिकरण में अलग-अलग फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 5 से 6 किसानों का एक ग्रुप बनाया जाएगा। इस प्रकार से लगभग 6-6 किसानों के अलग-अलग ग्रुप बनाए जाएंगे। यह किसानों के ग्रुप कृषि क्षेत्र में सुधार व आय बढ़ाने संबंधी सुझाव सरकार को देंगे और सरकार उनके सुझाव को क्रियान्वित करने का काम करेगी। दलाल ने कहा कि प्राधिकरण का मकसद कृषि को बढ़ावा देना और किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है। भविष्य में किसानों द्वारा साझा किए गए सभी प्रमुख सुझावों को राज्य की योजनाओं में शामिल किए जाएंगे।
कृषि मंत्री दलाल ने कहा कि किसानों के लिए हित में राज्य सरकार दूसरे राज्यों की अच्छी नीतियों को भी लागू करेगी। यदि किसी राज्य में किसानों के लिए लाभकारी योजना चलाई जा रही है तो किसान इसकी जानकारी सरकार को दें। हम अधिकारियों को भेजकर इस का अध्ययन कराएंगे। इसके बाद इसे प्रदेश में लागू किया जाएगा। हम दूसरे राज्य की अच्छी नीतियों को भी लागू करने को तैयार हैं।
प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को बीज से लेकर बाजार तक सहायता प्रदान की जा रही है। इसमें सूक्ष्म सिंचाई के तरीके अपनाने वाले किसानों को सरकार की ओर से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। वहीं खेत में तालाब के निर्माण पर भी सहायता प्रदान की जाती है। बता दें कि सब्जियों व फलों का बीमा करने वाला देश का पहला राज्य हरियाणा है। इसके तहत सब्जियों के लिए भावांतर भरपाई योजना का लागू की गई है। इन सब योजनाओं को चलाने के पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य किसानों को कृषि में होने वाले जोखिम से मुक्त रखना है।
जय प्रकाश दलाल के अनुसार हरियाणा में 8 से 10 लाख एकड़ खारे पानी की भूमि है। इस भूमि में झींगा मछली पालन करके किसान लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से ट्रेनिंग व सब्सिडी दी जा रही है। वहीं सरकार ने सेमग्रस्त भूमि पर पानी निकाल कर उसे ठीक करने की योजना भी शुरू कर दी है। इसके लिए सरकार ने एक साल में एक लाख एकड़ भूमि को ठीक करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। किसान पशुपालन करके भी अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
किसानों को फसल का बेहतर भाव मिले। इसके लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार चाहती है कि किसान की उपज खरीदने के लिए एक से अधिक खरीददार मिले ताकि उन्हें मंडियों में टैक्स नहीं देना पड़े और उन्हें फसल का अच्छा भाव भी मिल जाए। किसान अपनी मर्जी से कहीं भी अपनी फसल बेचने के लिए पूर्णरूप से स्वतंत्र है।
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