ड्रैगन फ्रूट की खेती पर सरकार से मिलेगी 35 हजार रुपए की सब्सिडी

Share Product Published - 12 Jan 2022 by Tractor Junction

ड्रैगन फ्रूट की खेती पर सरकार से मिलेगी 35 हजार रुपए की सब्सिडी

जानें, क्या है सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा लाभ

केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को कई योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा रहा है। सरकार चाहती है कि किसान परंपरागत खेती की जगह बाजार की मांग पर आधारित खेती करने पर जोर दे ताकि उन्हें अच्छा मुनाफा मिल सके। इसी क्रम में हरियाणा सरकार की ओर से किसानों को बागवानी फसलों पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जा रहा है। इसके उत्पादन के लिए राज्य सरकार की ओर से 35 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

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Dragon Fruit Farming : क्या है सरकार की योजना

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किन्नू, अमरूद, अनार, स्ट्राबेरी के बाद अब सिरसा में ड्रैगन फ्रूट और अंजीर की खेती पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए जिला बागवानी विभाग की ओर से बागवानी करने वाले किसानों को ड्रैगन फ्रूट व अंजीर की खेती के लिए अनुदान दिया जाएगा। जिले में ड्रैगन फ्रूट और अंजीर का उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का जोर हैं, क्योंकि इनकी बाजार मांग अच्छी रहती है और इसके भाव भी अन्य फलों की अपेक्षा ऊंचे मिलते हैं जिससे किसानों को फायदा होगा। 

ड्रैगन फ्रूट की खेती से कितना लाभ

बता दें कि ड्रैगन फ्रूट मानसून में तैयार होता है। इसके फल मानसून के 4 महीने में हर 40 दिनों के अंतराल में पकते हैं। इसका एक फल का वजन औसतन 100 से 300 ग्राम तक होता है। इसका एक बार पेड़ 40 साल तक फल देता है। ड्रैगन फ्रूट यूनिटी बूस्टर है, इसलिए यह 500 रुपए किलो तक बिकता है। किसान इसकी खेती कर सालाना लाखों रुपए कमा सकते हैं। 

बागवानी विभाग देगा 30 हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान

जिला बागवानी विभाग द्वारा अंजीर व ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 30 हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान राशि देगा। किसानों को अंजीर व ड्रैगन फ्रूट को लगाने, पालन पोषण इत्यादि के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 

फल और सब्जी बेचने के लिए दी जाएगी रेहडिय़ां

बागवानी विभाग की ओर से छोटे किसानों को अपने फल सब्जियां बेचने के लिए रेहडिय़ां उपलब्ध कराई जाएंगी जिससे किसानों को मंडी के मुकाबले खुदरा बिक्री में फल सब्जियों के अच्छे दाम मिल सकेंगे जिससे उनकी आय में इजाफा होगा। इस योजना के तहत बागवानी विभाग किसानों को रेहडियां उपलब्ध करवाएगा। 30 हजार रुपए की रेहड़ी के लिए विभाग 15 हजार रुपए का अनुदान देगा।

क्या कहते हैं अधिकारी

झोरड़, जिला बागवानी अधिकारी रघुबीर सिंह ने मीडिया को बताया कि बागवानी विभाग द्वारा जिले में फलों की पैदावार को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले में ड्रैगन फ्रूट व अंजीर की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 30 हजार रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही किसानों को फल सब्जियां बेचने के लिए रेहडियां उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें भी छोटे किसानों को 30 हजार रुपए कीमत की रेहडियां पर विभाग 15 हजार रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।  

ड्रैगन फ्रूट और अंजीर की खेती पर सब्सिडी के लिए कहां करें आवेदन

हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट और अंजीर की खेती पर सब्सिडी के लिए किसानों को जिला बागवानी विभाग से संपर्क करना होगा। इसके लिए किसानों को बागवानी विभाग की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। 

फलों की खेती पर सब्सिडी के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

ड्रैगन फ्रूट और अंजीर की खेती के लिए किसानों को बागवानी विभाग की ओर से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके लिए किसानों को बागवानी विभाग में आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार से हैं- 

  • किसान का भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र
  • स्थाई निवासी प्रमाण पत्र
  • लाभार्थी के पास सिंचाई के साधन के दस्तावेज
  • आधार कार्ड एवं आधार लिंक मोबाइल नंबर
  • बैंक पास बुक की कॉपी
  • आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो
  • लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र, यदि लागू होता है।  

यूपी में भी किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती पर मिल रही है सब्सिडी

यूपी में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत जिले में 2 हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती कराने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत यानी ढाई लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा जिले में 7 हेक्टेयर में अमरूद और 10 हेक्टेयर में आम और 4 चार हेक्टेयर में गेंदा लगाने का लक्ष्य तय हुआ है। इसके लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा, इसके लिए किसान संबंधित विभाग से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं


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