अब किसानों को आसानी से मिलेंगे किराए पर कृषि यंत्र, सरकार ने बनाई योजना

Share Product Published - 30 Sep 2020 by Tractor Junction

अब किसानों को आसानी से मिलेंगे किराए पर कृषि यंत्र, सरकार ने बनाई योजना

आप भी खोल सकते हैं कस्टम हायरिंग सेंटर, जानें कैसे? 

अब किसानों के लिए कृषि यंत्र किराए पर लेना और आसान हो जाएगा। क्योंकि अब सरकार गांव में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सब्सिडी दे रही है। इस साल हरियाणा राज्य में करीब 1500 कस्टमर हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे। जानकारी के अनुसार कस्टम हायरिंग केंद्र की महत्ता को देखते हुए हरियाणा सरकार ने कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित करने के अपने वार्षिक लक्ष्य को बढ़ा दिया है। इस वर्ष हरियाणा राज्य में 1,500 सीएचसी, जो निर्धारित लक्ष्य से लगभग दोगुने हैं, को परियोजना लागत के 80 प्रतिशत की वित्तीय सहायता के साथ स्थापित किए जाएंगे। इससे किसानों को काफी लाभ होगा। वहीं गांव के बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलेगा। 

 

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इस कस्टम हायरिंग सेंटर में सभी प्रकार के कृषि यंत्र किसानों को एक जगह पर उपलब्ध हो सकेंगे और वो भी किराये पर। जिससे उसे यंत्र खरीदना नहीं पड़ेगा। जब भी उसे जरूरत होगी वह इसे कस्टम हायरिंग सेंटर से किराये पर लेकर अपना काम कर सकेगा। इससे किसानों को काफी लाभ होगा। हाल ही में हरियाणा सरकार ने राज्य में किसानों द्वारा पराली जलाने पर रोक लगाते हुए पराली प्रबंधन के लिए किसानों को कृषि यंत्र मुहैया कराने शुरू कर दिए हैं।

 


हरियाणा में पराली जलाने से रोकने के लिए निशुल्क दिए जा रहे हैं कृषि यंत्र

हरियाणा राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि पहले 820 सीएचसी स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था, जबकि इस बार किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए 1,500 ऐसे केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पिछले साल हरियाणा सरकार ने 1,300 सीएचसी के लक्ष्य के विरुद्ध 1,685 सीएचसी की स्थापना की थी, जोकि लक्ष्य के मुकाबले 129.61 प्रतिशत की उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि सीएचसी से मशीनरी किराए पर लेने के लिए छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। 

यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे किसान कृषि यंत्रों को आसानी से उपयोग करने में सक्षम हों और वे अवशेष जलाने के विरुद्ध राज्यव्यापी अभियान में भाग लें। विभाग द्वारा पिछले साल पराली जलने वाले किसानों पर कार्रवाई करते हुए फसल अवशेषों की घटनाओं के आधार पर लाल और पीले / नारंगी जोनों में प्राथमिकता के आधार पर आवंटन किया जाएगा।

 

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कितनी लगाई गई हैं मशीनें

हरियाणा राज्य में वर्ष 2018 व 2019 के दौरान 24,705 मशीनें लगाई गई हैं, जिनमें से 8,777 मशीनें व्यक्तिगत हैं और 15,928 मशीनें 2,879 सीएचसी के साथ हैं। सरकार ने बिना किसी कीमत पर सीएचसी की स्थापना के लिए ग्राम पंचायतों को भी शामिल किया था। ग्राम पंचायतों की सहायता से सबसे कमजोर गांवों में स्थापित 851 सीएचसी छोटे और सीमांत किसानों को नि:शुल्क फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी मुहैया करा रहे हैं। 


कृषि उपकरणों के लिए आवेदन करने वाले किसानों को मिलेगी सरकार से मदद

सब्सिडी पर कृषि यंत्र एवं कस्टम हायरिंग केंद्र हेतु लक्ष्य हरियाणा सरकार ने ‘फसल के लिए कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना’ योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन उपकरणों के वितरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य का 95 प्रतिशत से अधिक हासिल किया था। इस वर्ष, राज्य सरकार ने उन सभी 11,311 व्यक्तिगत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने वर्तमान सीजन में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत कृषि उपकरणों के लिए आवेदन किया है, जिस पर 50 प्रतिशत की दर से लगभग 155 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।


आवेदन करने वाले किसानों को दिए जाएंगे कृषि यंत्र 

इस वर्ष विभाग द्वारा 454 बेलर, 5,820 सुपर सीडर, 5,418 जीरो टिल सीड ड्रिल, 2,918 चौपर्स / मल्चर्स, 260 हैप्पी सीडर, 389 स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, 64 रोटरी स्लैशर्स / श्ररब मास्टर्स, 454 रिवर्सेबल मोल्ड प्लॉवर्स और 288 रीपर लाभार्थियों को प्रदान किए जाएंगे। 21 अगस्त तक व्यक्तिगत किसानों और समितियों से कृषि उपकरणों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिनमें व्यक्तिगत श्रेणी में 2,741 के लक्ष्य के विरुद्ध 16,647 उपकरण के लिए 11,311 किसानों ने आवेदन किया है।

 


आप भी खोल सकते हैं कस्टम हायरिंग सेंटर

आप चाहे तो अपना स्वयं का कस्टम हायरिंग सेंटर खोल सकते हैं। इसके लिए आपको आवेदन करना होगा। कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कृषि यंत्र खरीदने पर सरकार 80 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है। किसानों को अनुदान प्राप्त करने के लिए अपने क्षेत्र के ई-मित्र कियोस्क पर निर्धारित लागू शुल्क देकर आवेदन करना होगा। सभी श्रेणी के किसान कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए आवेदन पत्र पर कृषक की स्वयं द्वारा प्रमाणित फोटो, स्व हस्ताक्षरित बिल की प्रति, भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड की प्रति, अनुदान क्लेम विभाग के स्थानीय अधिकारियों के द्वारा प्रमाणित, बचत खाते की पास बुक की फोटो प्रति तथा अन्य आवश्यक दस्तावेजों की सेकंड प्रतियाँ लगाया जाना अनिवार्य है। 

इसके बाद उप निर्देशक, कृषि जिला परिषद कार्यालय द्वारा प्राप्त आवेदनों को रजिस्टर में इंद्राज कर भौतिक सत्यापन उपरांत कृषकों को बजट की उपलब्धता की अनुरूप वरीयता की क्रम में नियमानुसार अनुदान से लाभान्वित किया जाता है।


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