प्रकाशित - 16 Mar 2023
किसानों के लिए कृषि यंत्रों का बहुत महत्व होता है। खेती की लागत घटाने और उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसान आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद कर रहे हैं। कृषि यंत्रों की खरीद पर सरकार की ओर से कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है, लेकिन कृषि यंत्रों की खरीद पर जो जीएसटी लगता है उसका भुगतान किसान को ही करना होता है। ऐसे में किसान भाइयों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि किस कृषि यंत्र पर कितनी जीएसटी उन्हें उसकी खरीद पर देनी होगी। बता दें कि कृषि यंत्रों में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, कल्टीवेटर, रोटावेटर, रीपर, रीपर कम बाइंडर जैसे कृषि यंत्रों की खरीद किसानों द्वारा सबसे अधिक की जाती है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको कृषि यंत्रों पर किस दर से जीएसटी लगती है इस बात की जानकारी दे रहे हैं।
जीएसटी का मतलब है, वस्तु एवं सेवा कर जो ग्राहक को वस्तुओं की खरीद करने या सेवाओं के इस्तेमाल करने पर चुकाना होता है। इसे इंग्लिश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स कहते हैं जिसे संक्षेप में जीएसटी कहा जाता है। सरकार की ओर से अलग-अलग वस्तुओं या सेवाओं के लिए अलग-अलग दर से जीएसटी का तय किया गया है। इस टैक्स का निर्धारण जीएसटी परिषद द्वारा किया जाता है। यह जीएसटी पूरे भारत में एक टैक्स के रूप में लागू किया गया है।
पिछले दिनों 13 मार्च को सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी ने लोकसभा में जीएसटी के दायरे में शामिल कृषि उपकरणों की सूची और उन पर लगने वाली जीएसटी की दर को लेकर सवाल पूछा था। इसके जबाव में वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि अभी कृषि उपकरणों को जीएसटी के दायरे से बाहर करने या इसमें परिवर्तन करने के लिए जीएसटी परिषद की ओर से कोई सिफारिश नहीं की गई है। अभी कृषि कार्योँ में उपयोग में आने वाले कृषि यंत्रों पर कार्यों के अनुसार अलग-अलग जीएसटी की दरें तय की गई हैं। कृषि यंत्रों की खरीद पर खरीददार को इसी दर से जीएसटी का भुगतान करना होगा।
जैसा कि जीएसटी परिषद् की ओर से अलग-अलग कृषि यंत्रों पर अलग-अलग जीएसटी निर्धारित की गई है। किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर उसी के अनुसार जीएसटी का भुगतान करना होता है। ये जीएसटी की दरें इस प्रकार से हैं
हाथ या पशुओं की सहायता से चलाए जाने वाले कृषि यंत्र जिसमें कुदाल, फावडे, खुरपी, पिक्स, कुदाली, कांटे और रेक: कुल्हाडी बिल हुक और इसी तरह के काटने के उपकरण, किसी भी प्रकार की दस्ती, कैंचियां सेकेटर्स और प्रूनर्स: घेमला के अलावा कृषि, बागवानी या वानिकी में उपयोग किए जाने वाली दराती, घास काटने का चाकू, हेज काटने वाली कैंचियां, लकड़ी की कीलें और इसी तरह के अन्य कृषि उपकरण पर जीएसटी की दर शून्य है यानि इन उपकरणों की खरीद पर किसी प्रकार का जीएसटी नहीं देना होगा।
मृदा तैयार करने या जुताई के काम में आने वाली कृषि मशीनरी, हार्वेस्टिंग या थ्रेसिंग मशीनरी, इसमें पुआल या चारा बेलर शामिल है, घास या झाडि़यों को काटने की मशीन; यांत्रिक या तापीय उपकरणों से युक्त अंकुरण संयंत्र सहित अन्य कृषि मशीनरी पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा।
फलों या अन्य कृषि उपज की सफाई, छटाई या ग्रेडिंग की मशीनें; बीज, अनाज या सूखी फलीदार सब्जियों की सफाई, छटाई या ग्रेडिंग की मशीनों पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा।
ट्रैक्टर और इसके पार्ट्स पर 12 से लेकर 18 प्रतिशत तक की दर से जीएसटी लगती है। यदि किसान 5 लाख रुपए का ट्रैक्टर खरीदता है पर उसे 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देनी होगी। इस तरह किसान को 5 लाख रुपए के ट्रैक्टर पर 60,000 रुपए की जीएसटी देनी होती है। वहीं ट्रैक्टर के पार्ट्स की खरीद पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगती है।
ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की खरीद पर सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। यदि बात करें मध्यप्रदेश सरकार की तो मध्यप्रदेश कृषि अभियांत्रिकी विभाग की ओर से किसानों को ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की खरीद पर 20 से लेकर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। वहीं यूपी में किसान को ट्रैक्टर की खरीदने के लिए एक लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है।
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