Published - 15 Jan 2022 by Tractor Junction
किसानों को कृषि कार्यों के लिए ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है। सभी किसानों के लिए महंगे कृषि यंत्र व उपकरण खरीदना संभव नहीं हो पाता है। खासकर छोटे किसान जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है, वे इन कृषि यंत्रों को खरीदने में समर्थ नहीं होते हैं। ऐसे किसानों के लिए सरकार की ओर से कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है। इससे किसानों को आवश्यकता के अनुसार बहुत ही कम किराये पर कृषि कार्यों के लिए ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे। इस क्रम में राजस्थान में तीन वर्ष में 1000 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए जाने की योजना है। इससे किसानों को लाभ होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेंटर की शुरुआत से किसान को अब सस्ती दर पर ट्रैक्टर, हल, रोटावेटर, ट्रॉली, थ्रेसर, सहित अन्य यंत्र बाजार से कम दरों पर किराए पर उपलब्ध होंगे। इससे गांव के किसानों को दर-दर नहीं भटकना होगा। किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से तीन वर्ष में 1000 कस्टम हायरिंग की स्थापना की जा रही है।
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बीते दिनों जयपुर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की ओर से जयपुर जिले की 17 ग्राम सेवा सहकारी समितियों भैंसावा, बोबास, दूधली, रूण्डल, धवली, नवलपुरा, कालवाड, दुर्जनियावास, धानक्या, पचार, झो. भोजपुरा, चांदमाकंला, बजरंगपुरा, सांगटेडा, हांसियावास, भैसलाना एवं शुक्लाबास में कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कृषि यंत्र ट्रैक्टर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि जोत का आकार कम होता जा रहा है। ऐसे में किसान के पास कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं हो पाते है। सरकार के इस प्रयास से किराए पर किसानों को कम दरों पर कृषि यंत्र स्थानीय स्तर पर मिल सकेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा चुकी है। इस वर्ष 285 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में एवं 17 एफपीओ में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की गई है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश, अतिरिक्त रजिस्ट्रार श्याम लाल मीणा, प्रबंध निदेशक सीसीबी इद्रराज मीणा, अधिशासी अधिकारी अदिति गोठवाल सहित अन्य अधिकारियों ने 17 समितियों के लिए खरीदें गए ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कस्टम हायरिंग सेंटर में ट्रैक्टर से लेकर कृषि कार्यों के उपयोग में आने वाले सभी यंत्र व उपकरण होते हैं। जो किसान कृषि उपकरण नहीं खरीद सकते वे किसान इन केंद्रों से इन्हें किराये पर लेकर अपना खेतीबाड़ी का काम आसानी कर सकते हैं। इसमें कार्य के घंटे के हिसाब से किराया वसूला जाता है। इसके अलावा जो किसान आर्थिक रूप से संपन्न हैं वे किसान अपने क्षेत्र में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार की ओर से 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इस तरह कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार से अधिकतम 8 लाख रुपए का अनुदान मिल सकता है।
किसानों को कृषि यंत्र किराये पर लेने के लिए टोल फ्री कॉल सेंटर या मोबाइल एप पर एडवांस बुकिंग करवानी होगी। इसके बाद किसान के खेत में कस्टम सेंटर की ओर से कृषि यंत्र किसान के खेत में भेज दिया जाएगा।
कृषि मंत्रालय ने FARM- फार्म मशीनरी सॉल्यूशंस ऐप शुरू किया है। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से किसान घर बैठे खेती-किसानी के यंत्र और मशीनें किराए पर लेकर खेती-बाड़ी का काम कर सकते हैं। इस ऐप को किसान अपने एंड्रॉयड मोबाइल फोन से गूगल प्ले स्टोर पर जाकर इस ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं।
इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले यहां अपना रजिस्ट्रेशन करना होता है। रजिस्ट्रेशन दो तरह से होता है। यदि किसान कृषि यंत्र व मशीनें किराए पर लेना चाहते हैं तो यूजर श्रेणी में और अगर मशीनरी किराए पर देना चाहते हैं तो सर्विस प्रोवाइडर की श्रेणी में जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
• ऐप डाउनलोड करने के बाद किसान को अपने बारे में पूरी जानकारी देनी होती है। जैसे- नाम, प्रदेश, जिला, तहसील, ब्लॉक और गांव का नाम उसमें दर्ज करना होता है। इनके अलावा किसान की पास खेती की कितनी जमीन है, उसका भी ब्योरा भरना होता है।
• इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद आपके सामने भाषा चुनने का विकल्प आएगा। इसमें आप अपनी पसंद की भाषा का चुनाव कर सकते हैं।
• इसके बाद आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराकर एक पासवर्ड तैयार करना होगा।
• पासवर्ड का इस्तेमाल करके आप इस ऐप पर अपनी पसंद की मशीनरी के बारे में जानकारी लेकर उसे किराये पर ले सकते हैं।
• इस ऐप पर कस्टम हायरिंग सेंटर में उपलब्ध कृषि यंत्रों की सूची और किराया भी देखा जा सकता है।
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