किसानों को अब सरकारी बसों में नहीं देना होगा सब्जी व दूध ढुलाई का किराया

Share Product प्रकाशित - 28 Nov 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

किसानों को अब सरकारी बसों में नहीं देना होगा सब्जी व दूध ढुलाई का किराया

राज्य सरकार ने किसानों के लिए शुरू की नई योजना, जानें, कैसे मिलेगा लाभ

Luggage Policy for Farmers and Suppliers: सरकार की ओर से किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी के साथ कई राज्यों में नई-नई योजना चलाकर किसानों को राहत प्रदान की जा रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से किसानों को राहत प्रदान करते हुए दूध और सब्जी की ढुलाई पर सरकारी बसों में किराया नहीं लेने का निर्णय लिया है। 

हालांकि सब्जी व दूध के साथ यदि कोई व्यक्ति साथ जा रहा है तो उसका किराया देना होगा यानी किसान या सप्लायर को अपना किराया देना हो, जबकि उसके साथ जो दूध व सब्जी का भार है, उसका सरकारी बसों में कोई किराया नहीं लिया जाएगा। राज्य सरकार का मानना है कि राज्य सरकार की इस पहल का किसानों व दूध–सब्जी सप्लायरों को लाभ होगा और उनके मुनाफे में बढ़ोतरी हो सकेगी।

किस योजना के तहत दिया जाएगा लाभ-

राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिये लाभार्थ लगेज पॉलसी (Luggage policy) की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत प्रदेश की सरकारी बसों में दूध व सब्जी सप्लायरों को नि:शुल्क सामान ढुलाई की सुविधा दी जाएगी। राज्य के उपमुख्यमंत्री के मुताबिक हम लगेज पॉलिसी (Luggage Policy) लेकर आए हैं, जब भी हम कुछ लागू करते हैं, तो हमें सुझाव मिलते हैं। जनता की मांग थी की दूध और सब्जी का उत्पादन करने वाले या सप्लाई करने वाले किसानों व सप्लायरों को हमारी बसों में रियायत दी जाए तो हमने अनकी मांग को स्वीकार करते हुए दूध और सब्जी सप्लायरों के लिए टिकट हटा दिए हैं। ऐसे में प्रदेश की सरकारी बसों में किसान या सप्लायरों को उनके सामान किराये में यह राहत प्रदान की जाएगी। 

किसे को मिलेगा योजना का लाभ-

यदि आप हिमाचल प्रदेश राज्य के किसान या दूध सब्जी सप्लायर हैं तो आप हिमाचल प्रदेश की सूक्खू सरकार द्वारा शुरू की गई इस लगेज पॉलिसी (Luggage policy) के तहत फ्री में अपने दूध, सब्जी जैसे सामान की ढुलाई कर सकते हैं। हिमाचल प्रदेश की सरकार ने हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) बसों में किसानों व सप्लायरों को फ्री लगेज की सुविधा (Free Luggage Facility) प्रदान की है। इस लगेज पॉलिसी को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) जन कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि हमने किसानों को अपनी उपज को बाजारों में लाने में मदद करने के लिए यह छूट शुरू की है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

किसानों को दूध के मिलेंगे अधिक दाम-

हिमाचल प्रदेश सरकार ने पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए दूध की कीमतों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। राज्य के पशुपालक किसान को गाय के दूध के लिए 45 रुपए प्रति लीटर के भाव दिया जाएगा जो पहले 38 रुपए प्रति लीटर था। वहीं भैंस के दूध के लिए पहले जो 47 रुपए प्रति लीटर का भाव दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 55 लीटर रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है। इस तरह पशुपालक किसानों को अब गाय व भैंस का दूध सहकारी डेयरियों पर विक्रय करने पर पहले से अधिक दूध का भाव मिलेगा। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने किसानों से गोबर की खरीद पर भी पैसे बढ़ा दिए हैं। किसानों से गोबर की खरीद करने के पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देना है।

प्राकृतिक खेती से प्राप्त उपज के लिए अधिक एमएसपी देने की भी घोषणा-

इसी के साथ प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती (Natural Farming) की तकनीक का इस्तेमाल करके उगाई गई फसलों के लिए अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने की घोषणा भी की है। इसके तहत राज्य सरकार ने किसानों के प्राकृतिक खेती से उगाई गई कुल फसलों पर एमएसपी बढ़ाई है। इस घोषणा के तहत प्रदेश सरकार की ओर मक्का की एमएसपी (MSP of Maize) 3000 रुपए प्रति क्विंटल तय की है जो सामान्य तरीके से उगाई गई मक्का की फसल पर मिलने वाले एमएसपी से अधिक है। जबकि केंद्र सरकार की ओर से फसल विपणन सीजन 2024-25 के लिए मक्का के लिए एमएसपी 2225 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। ऐसे में यहां के किसानों को अब मक्का की फसल के लिए 775 रुपए प्रति क्विंटल अधिक दाम मिल सकेगा।

बसों से हटाए जाएंगे गुटखा व शराब के विज्ञापन-

उन्होंने कहा कि हम यह भी देख रहे थे कि हमारी बसों में गुटखा और शराब के विज्ञापन थे, इसलिए हमने फैसला लिया है कि इन बसों में केवल कल्याणकारी विज्ञापन ही लगाए जाएंगे और गुटखा और शराब के ये विज्ञापन हटा दिए जाएंगे। यह फैसला हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) के निदेशक मंडल (बीओडी) की हाल ही में हुई बैठक में लिया गया। राज्य के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए बसों से गुटका और शराब के विज्ञापनों के हटाया जाएगा।

एचआरटीसी की बसों से प्रतिदिन 5 लाख यात्रियों को मिल रहा लाभ-

उपमुख्यमंत्री ने एचआरटीसी बसों में क्रेडिट, डेबिट, यूपीआई और नेशलन मोबिलिटी कार्ड सिस्टम सहित उन्नत तकनीकों की शुरुआत पर प्रकार डाला। उन्होंने कहा कि हिमाचल भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने इस तरह के उपायों को लागू किया है। इससे एचआरटीसी (HRTC)की बसों से प्रतिदिन करीब पांच लाख यात्रियों को लाभ मिल रहा है।   

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