राजस्थान में 617 एग्रो प्रोजेक्ट्स पर 1255 करोड़ का होगा निवेश, 119 करोड़ रुपए की सब्सिडी को दी मंजूरी

Share Product Published - 24 Jul 2021 by Tractor Junction

राजस्थान में 617 एग्रो प्रोजेक्ट्स पर 1255 करोड़ का होगा निवेश, 119 करोड़ रुपए की सब्सिडी को दी मंजूरी

जानें क्या है प्रदेश सरकार की योजना और इससे किसानों को लाभ

कोविड-19 की विपरित परिस्थितियों के बीच राजस्थान में 617 एग्रो प्रोजेक्ट्स पर 1255 करोड़ का निवेश किया जाएगा और इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 119 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने को मंजूरी दी गई है। यह निवेश राज्य की महत्वाकांशी कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत किया जाएगा। कृषि विभाग के प्रमुख सचिव भास्कर ए सावंत ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्तमान राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर दिसंबर, 2019 में यह नीति लॉन्च की थी। इसमें पूंजीगत, ब्याज, विद्युत प्रभार एवं भाड़ा अनुदान प्रोत्साहन तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि के रूपान्तरण जैसी सहूलियतों की वजह से किसान एवं उद्यमी इसमें खासी रूचि दिखा रहे हैं। वेयर हाउस एवं केटल फीड उद्यमों के साथ तिलहन, दलहन, मसाले, मूंगफली, कपास, दूध एवं अनाज प्रोसेसिंग की इकाइयां स्थापित की गई हैं। इससे किसानों को काफी लाभ होगा।

Buy Used Tractor

 

क्या है राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति

राजस्थान सरकार की इस नीति के तहत राज्य में कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए श्रंृखलाबद्ध इकाइयां स्थापित की जा रही है। इन इकाइयों में प्रसंस्करण, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज के साथ अन्य की स्थापना की जाएगी। इन इकाइयों की स्थापना के लिए अपेक्स बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंकों से वित्त पोषण की योजना लागू की गई है। इस व्यवसाय के तहत इकाई स्थापित करने वाले किसानों और उद्यमियों को 500 करोड़ रुपए के ऋण उपलब्ध करवाएं जाएंगे। इसके लिए सहकारिता विभाग ने योजना शुरू की है। इस योजना को गहलोत सरकार की ओर से वर्ष 2019 में जारी किया गया था। इस योजना का शुरू करने के पीछे सरकार मंशा है कि किसानों को बढ़ाया जाए और उन्हें उनके उत्पाद का पूरा मूल्य मिल सके। 

 

किसे कितनी सब्सिडी स्वीकृत

इस नीति के तहत राज्य में 88 किसानों को 39 करोड़ 60 लाख रुपए की सब्सिडी स्वीकृत की गई है। इन किसानों ने 89 करोड़ रुपए का निवेश किया है। वहीं गैर-कृषक उद्यमियों ने 496 करोड़ रुपए निवेश कर 250 इकाइयां स्थापित की गई हैं। इन इकाइयों पर राज्य सरकार द्वारा 79 करोड़ 69 लाख रूपए सब्सिडी दी गई है। शेष अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए बैंकों से लोन स्वीकृत होकर कार्य चालू हो गया है और इन्हें जल्द ही सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। गौरतलब है कि इस नीति के तहत एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगाने और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए किसान और उनके संगठनों को परियोजना लागत का 50 फीसदी  या अधिकतम एक करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है वहीं, अन्य पात्र उद्यमियों को 25 प्रतिशत  या अधिकतम 50 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। इसके साथ ही संचालन लागत कम करने के लिए सावधि ऋण लेने पर किसानों और उनके समूहों को 6 फीसदी की दर से 5 साल तक ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। किसानों के लिए ब्याज अनुदान की अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपए तय की गई है।

 

वेयरहाउस स्थापना में ज्यादा दिलचस्पी

कृषि विभाग के प्रमुख सचिव भास्कर ए. सावंत का कहना है कि राज्य में वेयर हाउस स्थापना में सबसे ज्यादा रूचि दिखाई जा रही है। प्रदेश में 226 वेयरहाउस स्थापित हो रहे हैं। एग्रो प्रोसेसिंग क्षेत्र में सबसे अधिक अनाज प्रोसेसिंग की 82 और तिलहन प्रोसेसिंग की 76 इकाइयां लगाई गई है। इसके अलावा दलहन की 46, मसाले की 43, मूंगफली की 36, कपास की 33, केटल फीड की 16, दूध प्रोसेसिंग की 15, शॉर्टिंग-ग्रेडिंग की 13 और 31 अन्य इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।

 

महिला किसानों को भी मिल रहा है नीति का फायदा

राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 की राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति की पिछले साल 2020 में हुई पहली बैठक में 8 परियोजनाओं के लिए 4.32 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत किया गया था। इसमें से ढाई करोड़ रुपए से अधिक का अनुदान तीन महिला किसानों की परियोजनाओं के लिए मंजूर किया गया। इस नीति के तहत तीन परियोजनाएं जोधपुर जिले की महिला किसानों की ओर से स्थापित की जा रही हैं। महिला काश्तकार गोमीदेवी को वेयरहाउस के लिए 87.50 लाख, नारायणी देवी को मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के लिए 75.97 लाख एवं मुन्नी सांखला को लहसुन-प्याज डिहाइड्रेशन प्लांट के लिए एक करोड़ रुपए का अनुदान मंजूर किया जा चुका है। ये स्वीकृत की गई परियोजनाएं वेयरहाउस, क्लीनिंग, ग्रेडिंग, दुग्ध प्रसंस्करण, प्याज सुखाने आदि से संबंधित है। राज्य सरकार मानना है कि इस नीति से कृषि प्रसंस्करण एवं संबंद्ध क्षेत्रों यथा डेयरी, पोल्ट्री, शहद प्रसंस्करण, क्रय-विक्रय सहकारी समितियों व ग्राम सेवा सहकारी समितियों के स्तर पर कृषकों को भंडारण, क्लीनिंग, ग्रेडिंग, पैकिंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।    

 

किसानों को बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत बैंक ऋण पर आदिवासी क्षेत्रों, पिछड़े जिलों में स्थित इकाइयों, अनुसूचित जाति व जनजाति, महिला एवं 35 वर्ष से कम आयु के उद्यमियों को भी 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जाएगा। सरकार की इस नीति से कृषि उद्योगों का विकास होगा। वहीं किसानों को आपूर्ति एवं मूल्य संवर्धन श्रृंखला का भी विकास होगा। इससे राज्य में कृषि निर्यातकों को बढ़ावा एवं बिचौलियों से किसानों को मुक्ति मिलेगी। किसान एवं किसान संगठनों के जरिये इकाइयां स्थापित होने पर ऋण एवं पूंजीगत लागत के रूप में 2 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इसी के साथ राज्य की विशिष्ट फसलों जैसे- जीरा, धनिया, मेंथी, सौंफ, अजवायन, गवार, इसबगोल, दलहन, तिलहन, मेहंदी, ताजा सब्जियां, किन्नूर, अनार आदि के मूल्य संवर्धन के साथ ही निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। 


अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back