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कोविड वैक्सीन ओटीपी स्कैम : कोरोना वैक्सीन के नाम पर धोखाधड़ी

Share Product Published - 27 Jan 2021 by Tractor Junction

कोविड वैक्सीन ओटीपी स्कैम : कोरोना वैक्सीन के नाम पर धोखाधड़ी

जानें, कैसे जालसाज कर सकते हैं धोखाधड़ी और क्या बरते सावधानी?

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बनाई गई वैक्सीन भी अब जालसाजों के निशाने पर आ गई है। जालसाजों ने इसे भी नहीं छोड़ा और वैक्सीनेशन के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी का नया खेल शुरू कर दिया है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने देशभर के लोगों को कोविड वैक्सीन ओटीपी स्कैम से सर्तक रहने की सलाह दी है। जालसाज लोगों को फोन करके कोरोना वैक्सीन के नाम पर आधार कार्ड नंबर और ओटीपी मांग रहे हैं। सरकार का कहना है कि इस तरह की किसी भी कॉल पर भरोसा न करें।

 

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चेतावनी जारी कर लोगों को किया आगाह

पीआईबी फ्रेक्टचेक (PIB FactCheck) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने देश के लोगों को इस संबंध में चेतावनी जारी की है। इसमें बताया गया है कि कुछ जालसाज लोगों को (खासकर बुजुर्गों को) फोन करके खुद को ड्रग अथॉरिटी ऑफ इंडिया से बताते हैं। वे कोविड वैक्सीन वितरण के नाम पर वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड और एक ओटीपी मांगते हैं। आपकी इस जानकारी का इस्तेमाल ठगी के लिए किया जा सकता है। इसलिए किसी को भी फोन पर इस प्रकार की जानकारी न दें।

 


निजी जानकारी देने पर हो सकता है बैंक अकाउंट खाली

अगर आप ओटीपी जैसी जानकारी दे देते हैं, तो जालसाज आपके आधार से लिंक बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं। सरकार की मानें, तो ड्रग अथॉरिटी ऑफ इंडिया नाम का कोई विभाग ही नहीं है। यह पूरी तरह फर्जी है। हालांकि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) नाम का संगठन जरूर है जो देश में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की अनुमति और लाइसेंस के होता है।


ईमेल के जरिए भी हो रहे हैं फ्रॉड

सिर्फ फोन के जरिए ही नहीं, लोगों को ईमेल के जरिए भी चूना लगाया जा रहा है। कई जालसाज लोगों को ईमेल भेजकर वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक फॉर्म भरवा रहे हैं, जिसमें उनकी पर्सनल जानकारी मांग ली जाती है। सिर्फ केंद्र सरकार ही नहीं, कई राज्यों की सरकार और स्थानीय पुलिस भी लोगों को इस तरह के फ्रॉड से बचकर रहने की सलाह दे रही है।


तो फिर धोखाधड़ी बचने के लिए आप क्या करें

  • सबसे पहले आप अपने मोबाइल पर अनजान कॉल को रिसीव नहीं करें।
  • दूसरा यदि आप ऐसे कॉल को रिसीव करते हैं तो पहले उसके संबंध में पूरी जानकारी लें।
  • तीसरा अपनी निजी जानकारी शेयर करने से बचें। जैसे- आधार कार्ड नंबर, ओटीपी, बैंक एकाउंट नंबर आदि।
  • चौथा संदिग्ध कॉल आने पर उसकी सूचना संबंधित थाने को दें।

 

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इधर भारत के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी दी टीके को मंजूरी

भातर के बाद अब ऑस्टेलिया ने भी अपने यहां कोरोना वायरस के टीके के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के चिकित्सा नियामक ने देश में कोरोना वायरस के पहले टीके के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। इस मंजूरी से अगले महीने से देश में टीकाकरण की मुहिम शुरू होने का रास्ता खुल गया है। 'द थेरापेटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन ने 16 वर्ष एवं उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए फाइजर और बायोएनटेक द्वारा विकसित टीके के इस्तेमाल की सोमवार को मंजूरी दे दी। 

नियामक ने कहा कि टीकाकरण में वृद्धाश्रम में रहने वालों और वहां के कर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और पृथक-वास में कार्यरत कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने टीके को मंजूरी देने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया उन देशों में शामिल है जिन्होंने टीकाकरण के लिए आपातकालीन मंजूरी देने के बजाय व्यापक एवं गहन प्रक्रिया के बाद टीके के इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर तक टीकाकरण पूरा करने का लक्ष्य है। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस के 30,000 से कम मामले आये और संक्रमण से 900 से अधिक लोगों की मौत हुई। यहां की आबादी 2.6 करोड़ है।

 

 

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