Published - 24 Aug 2021 by Tractor Junction
इस साल देश के कई राज्यों में असामान्य मानसून के कारण किसानों की फसल को नुकसान हुआ है। कहीं कम बारिश तो कहीं अधिक बारिश से किसानों की फसल खराब हुई है। राजस्थान में इस दौरान हुई अति बारिश से कई जिलों में बाढ़ के की जैसी स्थिति पैदा हुई जिससे किसानों की बुवाई प्रभावित हुई। यही नहीं जिन किसानों ने बुवाई की थी उनकी फसलें बाढ़ से बर्बाद हो गई। ऐसे में राजस्थान सरकार ने प्रभावित जिलों के किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कंपनी को निर्देश दिए है। वहीं राज्य के किसानों को बीमा क्लेम का भुगतान करने के लिए राज्य सरकार ने बीमा कंपनी को 61 करोड़ रुपए की राशि भी जारी है। ताकि किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा बीमा कंपनी के माध्यम से शीघ्र दिलवाया जा सके।
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मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर राजस्थान सरकार ने निष्फल बुवाई से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के राज्यांश प्रीमियम के 61 करोड़ 45 लाख रुपए जारी किए हैं। वहीं कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने बीमा कंपनियों को किसानों को अतिशीघ्र बीमा क्लेम देने के निर्देश दिए हैं। कटारिया ने बताया कि कोटा, बूंदी, धौलपुर एवं करौली जिले के विभिन्न हिस्सों में अतिवृष्टि एवं गंगानगर जिले के कुछ इलाकों में कम बारिश के कारण अधिसूचित फसल की बुवाई प्रभावित हुई है। कहीं बुवाई हो नहीं पाई तो कहीं निष्फल हो गई। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधान 21.3 के तहत जिला कलक्टरों से निष्फल बुवाई के प्रस्ताव प्राप्त हुए।
अभी तक राज्य सरकार के पास आए फसल नुकसान के सर्वे के अनुसार गंगानगर जिले के 29, करौली के 12, बूंदी के 223, धौलपुर के 19 एवं कोटा जिले के 204 पटवार सर्किल में 75 फीसदी से अधिक क्षेत्र में बुवाई प्रभावित होना सामने आया है, जिनकी राज्य सरकार की ओर से क्षति अधिसूचना जारी की गई है। करौली एवं धौलपुर जिले के लिए 1 करोड़ 24 लाख, बूंदी के लिए 31 करोड़ 20 लाख, कोटा के लिए 7 करोड़ 71 लाख एवं श्री गंगानगर जिले के लिए 21 करोड़ 28 लाख रुपए का राज्यांश प्रीमियम संबंधित बीमा कंपनियों को हस्तांतरित किया गया है। बारां एवं झालावाड़ जिले में ज्यादा बरसात से किसानों के व्यक्तिगत फसल खराबे के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के बाद शीघ्र ही राज्यांश प्रीमियम जमा करा दिया जाएगा।
इस प्रावधान अनुसार किसान को बीमित राशि का 25 प्रतिशत मुआवजा दिया जाता है। उसके बाद बीमा पॉलिसी समाप्त हो जाती है। बता दें कि फसल बीमा प्रीमियम के तीन भाग होते हैं। पहला किसान जमा करता है, दूसरा राज्य और तीसरा हिस्सा केंद्र के जिम्मे आता है। वहीं सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। भले ही शेष प्रीमियम 90 प्रतिशत हो, यह सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की स्थिति राजस्थान इस वर्ष खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसके तहत राज्य के 26,77,609 किसानों ने 55,55,360 हेक्टेयर के लिए बीमा कराया है। इसके लिए किसानों ने 302.15 करोड़ रुपए का प्रीमियम अदा किया है। राज्य में फसल बीमा योजना के तहत 7 कंपनियों ने किसानों का बीमा किया है।
फसल बीमा योजना के तहत किसानों ने जिस बीमा कंपनी से बीमा करवाया है उस फसल बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर फसल नुकसानी के दिन से 72 घंटे के अंदर सूचित करना होता है। इसके अलावा किसान लिखित में 7 दिनों के अंदर अपने बैंक अथवा बीमा एजेंट अथवा कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित कर अपनी फसलों का सर्वे करवा सकते हैं।
किसान पहले ये याद रखें कि उसने किस बीमा कंपनी द्वारा फसल का अपनी बीमा कराया है। इसके बाद उसको नुकसान की सूचना दें और नुकसान का सर्वे कराए ताकि नुकसान का आकलन हो सके। किसानों की सुविधा के लिए राजस्थान राज्य में फसल बीमा से जुड़ी कंपनियों के संपर्क सूत्र यहां दिए जा रहे हैं ताकि किसानों को फसल नुकसान की सूचना देने में कोई परेशानी नहीं हो-
बीमा कंपनी का नाम | संपर्क सूत्र |
किसान एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड | 1800116515 |
एचडीएफसी एर्गो जनरल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 18002660700 |
बजाज एलाईंस जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड | 18002095959 |
एसबीआई जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड | 18001232310 |
फ्यूचर जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड | 18002664141 |
यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योंरेस कम्पनी लिमिटेड | 18002005142 |
रिलायंस जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड | 18001024088 |
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