फसल नुकसान मुआवजा : 17 जिलों के किसानों को 86.96 लाख रुपए की मुआवजा राशि जारी

Share Product प्रकाशित - 06 May 2025 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

फसल नुकसान मुआवजा :  17 जिलों के किसानों को 86.96 लाख रुपए की मुआवजा राशि जारी

जानें, किन जिलों के किसानों को मिला जली फसल का मुआवजा

Crop loss compensation : केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में हाल ही में हरियाणा सरकार की ओर से राज्य के किसानों के लिए महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए आगजनी की घटनाओं से प्रभावित फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा राशि जारी की है। इसके तहत 17 जिलों के किसानों को करीब 86.96 लाख रुपए की मुआवजा राशि किसानों के खाते में भेजी है। इससे राज्य के उन किसानों को राहत मिली है जिनकी फसल आग के कारण जल गई थी। 

मुख्यमंत्री ने की मुआवजे की औपचारिक घोषणा

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा सिविल सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किसानों को जारी किए फसल नुकसान मुआवजे की औपचारिक घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि प्रदेश के 17 जिलों के 151 किसानों को करीब 324 एकड़ क्षेत्र में आग से जली फसल के नुकसान की भरपाई के लिए कुल 86.96 लाख रुपए की मुआवजा राशि उनके खातों में ट्रांसफर की गई है। इस मुआवजे को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से समान अनुपात में प्रदान किया गया है।

राज्य के किन जिलों के किसानों को मिला मुआवजा 

आग से जली फसल नुकसान के मुआवजे में 17 जिलों के किसानों को ही शामिल किया गया। जिसमें भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर के प्रभावित किसानों को मुआवजा दिय गया है। वहीं इस मुआवजा योजना में अंबाला, मेवात (नूंह), पलवल, फरीदाबाद और पंचकूला जिलों को शामिल नहीं किया गया है। ऐसा इसलिए कि इन क्षेत्रों में नुकसान नहीं हुआ जबकि 17 जिलों में किसानों की फसलें आग से जल गई थीं। इन किसानों को आर्थिक सहायता दी गई है। यह पहली बार है जब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने भी मुआवजा देने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। पहले केवल राजस्व विभाग ही इस प्रकार के मुआवजे देता था। 

किसानों को मिलेगा फ्री में बीज और खाद

मुआवजा राशि जारी करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की, जिन किसानों की रबी की फसल आगजनी की घटनाओं के कारण जल गई हैं, उन्हें अगली फसल की बुवाई के लिए सरकार की ओर से फ्री में बीज और खाद भी उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे किसानों को नए सिरे से खेती शुरू करने में सहायता मिलेगी और वे आर्थिक रूप से खेती करने में अपने को सक्षम महसूस कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अन्नदाता है। उनकी भलाई और उन्नति के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।

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मुआवजा देने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और सरल

हरियाणा में किसानों को मुआवजा देने की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन और सरल बनाया गया है ताकि कोई भी प्रभावित किसान इसका आसानी से लाभ प्राप्त कर सके। फसल नुकसान का मुआवजा वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए सरकार ने “ई–फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल” की शुरुआत की है और इसे “मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल” से जोड़ा गया है। इस पोर्टल के जरिये किसान खुद स्वयं फसल को हुए नुकसान का दावा कर सकते हैं। इसके बाद संबंधित क्षेत्र के राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर दावों का सत्यापन करते हैं और रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करते हैं। बता दें कि इस पोर्टल को पहली बार रबी सीजन 2023 में प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को हुए नुकसान के दावों के लिए शुरू किया गया था। अब इसका इस्तेमाल फसल जलने जैसे मामलों में भी किया जा रहा है। फसल नुकसान मुआवजे की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से समय की बचत हो रही है और किसानों को समय पर सहायता मिल रही है। 

किसान कहां कर सकते हैं फसल नुकसान मुआवजे के लिए दावा

राज्य के किसान जिनकी फसल आग से नष्ट हुई है और जो किसी कारण दावा नहीं कर पाएं हैं, वे अब भी पोर्टल पर इसके लिए दावा कर सकते हैं। इस संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में खेतों में बड़ी संख्या में आग की घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिसमें रबी सीजन 2025 की फसलों को भारी नुकसान हुआ। इसे देखते हुए सरकार ने तत्काल “ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल” को फिर से खोला और किसानों से नुकसान के दावे आमंत्रित किए। इसके साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तुरंत मौके पर जाकर जांच करें और रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करें।

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