Published - 21 Jan 2022 by Tractor Junction
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने और खेती की लागत कम करने के साथ ही फसल विविधीकरण पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत किसानों को एक साथ दो या तीन फसलें बोने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से इनपुट सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। हरियाणा, बिहार, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में किसानों को इनपुट सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। अब इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ राज्य का नाम भी जुड़ गया है। यहां किसानों को धान के साथ गन्ना और मक्का जैसी फसलों को उगाने पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपए इनपुट सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छत्तीसगढ़ में किसानों को खरीफ सीजन 2021-22 से धान के अलावा गन्ना और मक्का फसलों की खेती के लिए सरकार की ओर से 10,000 रुपए प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी देने की घोषणा की गई है। किसानों को इस सब्सिडी का लाभ राजीव गांधी न्याय योजना के तहत प्रदान किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में धान के अलावा अन्य फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे का विस्तार करने और अगले सीजन से सभी प्रमुख खरीफ फसलों जैसे मक्का, सोयाबीन, गन्ना, दाल सहित धान को इसके तहत शामिल करने का निर्णय लिया है। सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे का विस्तार करने से यहां के करीब 20 लाख से ज्यादा किसानों को इसका फायदा होगा जिन्होंने धान के साथ गन्ना या मक्का की फसल ली है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में करीब 43 लाख किसान परिवार हैं और धान यहां की मुख्य फसल है। छत्तीसगढ़ में करीब 3.7 मिलियन हेक्टेयर में धान की खेती होती है। जिसमें ज्यादा एरिया वर्षा की खेती पर आधारित है। धान यहां की मुख्य फसल है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार भी धान के प्रति कुंतल पर 200 रुपए प्रति कुंतल का बोनस देती थी। हालांकि लगातार जलदोहन के चलते और कई जिलों में 2017-18 में सूखे जैसे हालातों के चलते पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार ने गर्मियों के धान पर प्रतिबंध भी लगाया था। उस समय कांग्रेस विधायक और अब वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार को आड़े हाथ लिया था, उनका कहना था कि जब तक किसानों को वैकल्पिक फसलें, नई तरह की खेती न बताई जाए धान लगाने से नहीं रोका जाना चाहिए। सत्ता में आने के बाद से ही राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के लिए लाभकारी योजनाएं शुरू की जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। इसी क्रम में अब मुख्ययंत्री ने धान किसानों फसल विविधीकरण अपनाने पर 10 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने का फैसला किया है। इससे किसानों को लाभ होगा।
पिछले साल 2021 में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ओर से मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत खाली पड़े खेतों में पेड़-पौधे लगाने वाले किसानों को इस योजना के तहत 10 रुपए सालाना इनपुट अनुदान के रूप में दिया जाएगा। इस योजना की शुरुआत के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना को छत्तीसगढ़ की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के साथ भी जोड़ा गया है। अब जिन किसानों ने इस 2020 के खरीफ वर्ष में धान की फसल ली है, अगर वो धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आने वाले 3 सालों तक 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना के तहत वन विभाग ने इस साल 99 लाख से अधिक पौधे रोपने की तैयारी की है, 2 करोड़ 27 लाख पौधे आम लोगों को बांटे जाएंगे। इस योजना के तहत निजी क्षेत्र, कृषकों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर इमारती, गैर इमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत ग्राम पंचायतें अगर अपने पास मौजूद राशि से वृक्षारोपण करती है। तो एक साल बाद उन्हें 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, इससे पंचायतों की आय में वृद्धि होगी। इसी प्रकार संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि कॉर्मशियल तौर पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है, तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को भी 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
किसान न्याय योजना में इनपुट सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को इस योजना के तहत आवेदन करना होगा। इसके लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार से हैं-
राजीव गांधी किसान न्याय योजना में आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको नीचे दी गई प्रक्रिया अपनानी होगी।
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