Published - 22 Dec 2020 by Tractor Junction
कृषि में लगातार नए प्रयोग हो रहे हैं। कम भूमि में कम पानी से ज्यादा पैदावार, फसलों की नई प्रजातियां, सिंचाई की नई तकनीक, नए खाद-बीजों से नवाचार किए जा रहे हैं। कई देशों में खेती की तकनीक भारत से अच्छी है। कई शिक्षित किसान दूसरे देशों के किसानों से सीखकर नई तरीके से खेती कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। किसान खेती ने नई तकनीक अपनाएं, इसी सोच के साथ मध्यप्रदेश सरकार ने कई योजनाएं संचालित कर रखी है। ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको मध्यप्रदेश सरकार की ऐसी ही दो योजनाओं मुख्यमंत्री विदेश अध्ययन यात्रा और मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना के बाद में बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री विदेश अध्ययन यात्रा में मध्यप्रदेश सरकार किसानों को खेती में नवाचार सीखने के लिए बाहर के देशों में भेजती है और अधिकांश खर्चा स्वयं वहन करती है। जबकि मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना में चयनित किसानों को दूसरे शहर या राज्यों के किसानों के पास भेजा जाता है। इसका खर्चा भी सरकार ही वहन करती है। इन दोनों योजनाओं का लाभ उठाकर किसान कृषि की नई उन्नत तकनीकों को जान सकते हैं। आईए, जानते हैं दोनों योजनाओं के बारे में।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रैक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
उन्नतशील किसानों में परस्पर देखकर सीखने की प्रवृत्ति पाई जाती है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अपने अनुभव और ज्ञान से उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को अन्य उन्नतशील किसानों के प्रक्षेत्र पर, अनुसंधान केंद्रों तथा राज्य के अंदर तथा राज्य के बाहर भी अध्ययन भ्रमण के अवसर दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री विदेश अध्ययन यात्रा के तहत किसानों को विकसित देशों में प्रचलित कृषि तकनीकों का प्रत्यक्ष अवलोकन कराने तथा प्रायोगिक जानकारी दिलवाने के लिए तकनीकी रूप से अग्रणी देशों में भेजा जाता है।
मध्यप्रदेश के सभी लघु और सीमांत किसानों को विदेश अध्ययन यात्रा में चयनित होने पर कुल व्यय का 90 प्रतिशत अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है। वहीं अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को 75 प्रतिशत तथा अन्य किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान किसान कल्याण और किसान विकास विभाग मध्यप्रदेश द्वारा दिया जाता है। इस योजना के माध्यम से किसानों को उन्नत कृषि, उद्यानिकी, कृषि अभियांत्रिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि के लिए प्रतिष्ठित तकनीक के अध्ययन के लिए विदेश भेजा जाता है।
इजरायल, जर्मनी और हालैंड की 10 दिवसीय यात्रा के लिए अनुमानित खर्च एक लाख 80 हजार रुपए होता है। सरकार लघु और सीमान्त किसानों को यात्रा खर्च का 90 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराती है।
कृषि विभाग विज्ञापन जारी कर विदेश जाकर अध्ययन करने के इच्छुक किसानों से आवेदन आमंत्रित करता है। अहर्ताएं पूरी करने वाले किसान को निर्धारित फॉर्मेट पर आवेदन करना होता है। आवेदनों को स्क्रूटनी के बाद प्रदेश शासन को भेजा जाता है। विदेश यात्रा के लिए हर जिले के किसानों का चयन किया जाता है। सरकार की ओर से समय-समय पर आवेदन मांगे जाते हैं। योजना की अधिक जानकारी के लिए http://mpkrishi.mp.gov.in/hindisite_New/indexhindi_New.aspx पर लॉगिन कर सकते हैं।
इस योजना का उद्देश्य किसानों को खेती की नई तकनीक का जानकारी देना है। इससे एक तरफ जहां कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल रही है वही किसानों की कमाई भी बढ़ रही है। इस योजना से किसानों का सशक्तिकरण हो रहा है। योजना के तहत प्रदेश के किसानों को नवीन कृषि शोध का प्रत्यक्ष अनुभव कराने के लिए राज्य के अंदर अथवा बाहर शासकीय कृषि प्रक्षेत्र, कृषि विज्ञान केंद्र, अनुसंधान केंद्र तथा कृषि विश्वविद्यालय तथा जिले के किसानों के चयनित खेत तीर्थों पर भ्रमण कराया जाता है। ताकि प्रगतिशील किसान प्रत्यक्ष अनुभव लेकर इसका लाभ अन्य किसानों तक पहुंचा सके। इसके अलावा शासकीय और अद्र्धशासकीय प्रक्षेत्रों को भी रबी, खरीफ और जायद फसलों के आदर्श मॉडल प्रक्षेत्र विकसित करने के लिए सहायता दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत प्रोगेसिव फार्मर्स को चारागाह विकास योजना, रेशम पालन, पशुपालन की उत्तम व्यवस्था के साथ बीज पैदावार की उन्नत तकनीकों से अवगत कराया जाता है।
आधार कार्ड
पहचान पत्र
आय का प्रमाणपत्र
मध्यप्रदेश में कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए संबंधित जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते है। इसके अलावा http://mpkrishi.mp.gov.in/ पर अधिक जानकारी ले सकते हैं।
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