Published - 05 Mar 2021 by Tractor Junction
छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने बजट 2021-22 में राज्य के किसानों को कई राहत प्रदान की है। बजट में मजदूरों के लिए न्याय योजना की घोषणा भी की गई है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य का वार्षिक बजट पेश कर दिया। इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 97 हजार 106 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। हालांकि राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में अलग से किसानों के लिए किसी नई योजना की घोषणा नहीं की है। एक तरह से पुरानी योजना को ही विस्तारित करके नई तरह से पेश किया गया है। सरकार ने किसान न्याय योजना एवं कृषि पम्पों एवं फसली ऋण योजना के विस्तार की बात कही है। वहीं सरकार ने मत्स्य पालन पर भी कृषि की तरह ही जोर दिया है।
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राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान एवं अन्य फसलों को शामिल करके बोये गए रकबे के आधार पर किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इस वर्ष 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक है। इस वर्ष वन अधिकार मान्यताधारी 32 हजार 23 कृषकों से भी 10 लाख 70 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है।
सिंचाई हेतु कृषि पम्प कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत कृषि पंपों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। योजना में लगभग साढ़े 5 लाख किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। कृषि पंपों के ऊर्जीकरण के लिए डेढ़ सौ करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है। सौर सुजला योजना अंतर्गत वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिये 530 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
किसानों को शून्य ब्याज दर पर 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। ब्याज अनुदान के भुगतान हेतु वर्ष 2021-22 में 275 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। बजट में किसानों के लिए अन्य मुख्य योजनायें फसल बीमा योजना में 606 करोड़, कृषक समग्र विकास योजना में 81 करोड़, कृषि यंत्र सेवा केन्द्र की स्थापना एवं कृषि यंत्रों पर अनुदान एवं नि:शुल्क वितरण हेतु 95 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं शाकम्बरी योजना में 123 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
इस वर्ष 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान, 4 हजार 500 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन तथा 13 सौ हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती हेतु अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है। कुल उद्यानिकी फसलों के लिए 2021-22 में 495 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा गया है।
बस्तर संभाग के 7 आदिवासी बहुल जिले एवं मुंगेली जिले के चयनित 14 विकास खंडों में पोषण सुरक्षा तथा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग योजना के लिए बजट में 150 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
गोठानों को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है। गोठान समितियों द्वारा पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर क्रय हेतु 80 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। वर्तमान में 7 हजार 841 स्व-सहायता समूह गोठान की गतिविधि संचालित कर रहे हैं। गोठान योजना के लिए वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
राज्य में मत्स्य पालन हेतु उपलब्ध जल क्षेत्रों में से 95 प्रतिशत क्षेत्र को विकसित करके 2 लाख से अधिक मछुआरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण कर मत्स्य पालन की योजना राज्य में काफी लोकप्रिय है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नील क्रांति योजना एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत निजी तालाबों का निर्माण करवाया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 79 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु इसे कृषि के समान दर्जा दिए जाने की कार्रवाई की जाएगी। वर्ष 2021-22 के बजट में मत्स्य पालन की गतिविधियों के लिये 171 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।
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