Published - 29 Sep 2021 by Tractor Junction
सरकार की ओर से डेयरी उद्योग को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र के लोग जिनमें किसान शामिल हैं जो खेती के साथ ही पशुपालन भी करते हैं।
किसान चाहे तो डेयरी खोलकर खेती के साथ ही इस व्यवसाय से अच्छा- खासा लाभ कमा सकते हैं। इसके लिए वे छोटे स्तर से भी शुरुआत कर सकते हैं। वे चाहे तो दो गाय या भैंस खरीदकर (buffalo farming) इस व्यवसाय को छोटे स्तर से शुरू कर सकते हैं। इसके लिए भी सरकार की ओर से उन्हें सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। वहीं बड़े स्तर पर शुरुआत के लिए अधिक धन की आवश्यकता होगी। किसानों को डेयरी व्यवसाय खोलने में आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से इसके लिए 2.5 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
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डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने डेयरी उद्यमिता विकास योजना शुरू की हुई है। इस योजना का मकसद आधुनिक डेयरी तैयार करना है। इस योजना का मकसद यह भी है कि किसान और पशुपालक डेयरी फार्म खोल सकें और अपनी आय को बढ़ा सकें। इस योजना के तहत किसानों को बैंक से लोन भी मुहैया कराया जाता है। खास बात ये है कि इस लोन पर सब्सिडी मिलती है। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की तरफ से भी डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) के तहत पशु खरीदने, डेयरी कारोबार के लिए लोन दिया जाता है।
यदि आप 10 गाय या भैंस की डेयरी खोलना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 10 लाख रुपए की जरूरत होगी। कृषि मंत्रालय की (डीईडीएस) योजना में आपको लगभग 2.5 लाख रुपए की सब्सिडी मिल जाएगी। यह सब्सिडी नाबार्ड की तरफ से दी जाती है। डीईडीएस योजना के तहत प्रोजक्ट की लागत पर 25 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। अगर आप आरक्षित वर्ग से आते हैं तो यह सब्सिडी 33 फीसदी तक हो सकती है। उक्त सब्सिडी का लाभ 10 पशुओं तक की डेयरी पर ही दिया जाएगा इससे कम पर नहीं।
अगर आप छोटे स्तर पर काम शुरू करना चाहते हैं तो आप 2 गाय या भैंस से डेयरी की शुरूआत कर सकते हैं। दो पशुओं में आपको 35 से 50 हजार रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है।
हर जिले में नाबार्ड का कार्यालय होता है। यहां आप अपनी डेयरी का प्रोजक्ट बनाकर दे सकते हैं। इस काम में आपकी मदद जिले का पशुपालन विभाग कर सकता है।
हरियाणा सरकार की ओर से राज्य में पशुपालन एवं डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के हाईटेक मिनी डेयरी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य में छोटे तथा बड़े डेयरी फार्म आधुनिक तरीके से डाले जा सकते हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा हाईटेक मिनी डेयरी योजना के तहत सामान्य वर्ग के पशुपालक 4, 10, 20 तथा 50 दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापित कर सकते हैं। विभाग द्वारा 4 व 10 दुधारू पशुओं (भैंस/गाय) की डेयरी स्थापित करने वाले व्यक्तियों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इसी प्रकार 20 व 50 दुधारू पशुओं की डेयरी पर ब्याज की सब्सिडी देने का प्रावधान दिया गया है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति से जुड़े व्यक्यिों के लिए 2/3 दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापित करने तथा सूअर पालन के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इसी प्रकार भेड़ तथा बकरियों की डेयरी करने वाले किसानों को भी योजना का लाभ दिया जाएगा। इस योजना के तहत भेड़ तथा बकरियों की डेयरी करने वाले पशुपालकों को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।
राज्य के किसान जो पशुपालन एवं डेयरी का व्यवसाय करना चाहते हैं और सब्सिडी का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें इसके लिए सरल हरियाणा पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी भी कार्य दिवस में विभाग के निकटतम कार्यालय से संपर्क कर योजना के विषय में जानकारी ले सकते हैं।
सरल पोर्टल पर पंजीकरण करते समय आवेदक के पास कुछ होना आवश्यक है इनमें आवेदक का परिवार पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक के प्रथम पेज की कॉपी देनी होगी। इसके अलावा एक कैंसल चैक तथा बैंक की एनओसी अपलोड करनी होगी।
विश्व में भैंसों की सबसे अधिक आबादी भारत में है। यहां प्रमुख 12 नस्ले हैं जो ज्यादा दूध देती है। इनमें मुर्रा, जाफराबादी, पंढरपुरी, नीलीरावी, नागपुरी, बन्नी, भदावरी, चिल्का, सुर्ती, तोड़ा, मेहसाणा जैसी भैंसे शामिल है। भारत में भैंस की कीमत 50 हजार से रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक हो सकती है। सबसे ज्यादा दूध देने के लिए प्रचलित मुर्रा भैंस की कीमत सबसे ज्यादा होती है।
भैंस का दूध उत्पादन उसकी खुराक पर निर्भर करता है। पशुओं की दैनिक खुराक में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज लवण (मिनरल) एवं विटामिन अनिवार्य रूप से होना चाहिए। एक साधारण भैंस को दाने का मिश्रण 1 किलो, सूखा चारा 8 किलो तथा हरा चारा 10-20 किलो प्रतिदिन मिलना चाहिए। इसके साथ ही प्रति 2 लीटर दूध के लिए 1 किलो दाना खिलाना चाहिए। वहीं आपको बता दें कि दुधारू भैंस सामान्य भैंस से डेढ़ गुणा अधिक चारा खाती है।
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