प्रकाशित - 17 Apr 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
गांव, गरीब और किसान को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने नए वित्तीय वर्ष 2026 में एक खास योजना को प्राथमिकता दी है। सरकार ने 5 हजार गांवों से गरीबी दूर करने का संकल्प लिया है। इन गांवों में बीपीएल परिवारों की गरीबी दूर करने के लिए उन्हें 93 सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। साथ ही 21,000 रुपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी और बिना गारंटी लोन उपलब्ध कराया जाएगा। अगर बीपीएल परिवार के पास पक्का मकान नहीं है तो सरकार उसे पक्का मकान भी देगी। सरकार इस योजना के पहले चरण में 300 करोड़ रुपए खर्च करेगी। योजना की सबसे खास बात यह है कि बीपीएल परिवारों को पहले की तरह पुरानी योजनाओं का लाभ भी मिलता रहेगा। अगर आप भी गांव में रहते हैं और गरीब किसान होने के साथ-साथ बीपीएल श्रेणी में है तो यह योजना आपके लिए बड़े काम की है। आइए, ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना में सबसे पहले किन बीपीएल परिवारों को शामिल किया जाएगा? इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। तो आपको बता दें कि योजना के तहत गांवों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे गांवों का चयन पहले चरण में किया जाएगा, जहां सबसे कम बीपीएल परिवार निवास करते हैं। अगर आपके गांव में भी बीपीएल परिवारों की संख्या कम है तो आपके गांव का नाम पहले चरण में शामिल किया जा सकता है।
योजना के तहत राज्य सरकार चयनित गांवों के बीपीएल परिवारों पर एक-एक लाख रुपए खर्च करेगी। ऐसे परिवारों की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को 15 हजार रुपए की वर्किंग कैपिटल दी जाएगी ताकि वे अपना स्वरोजगार शुरू कर सके। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान, शौचालय, उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर, बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्तियां आदि योजनाओं से इन परिवारों को जोड़ा जाएगा। खाद सुरक्षा में अनाज, राशन कार्ड, स्कूल छोड़ चुके बच्चों को कस्तूरबा विद्यालय में दाखिला दिलाया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण के साथ कौशल विकास के लिहाज से प्रशिक्षित करेंगे। इन परिवारों को ऐसी किसी भी सरकारी योजनाओं से वंचित नहीं किया जाएगा और जिन योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा था, वह जारी रहेगा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के तहत बीपीएल परिवारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के साथ-साथ आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर बीपीएल श्रेणी से बाहर निकाला जाएगा। इन परिवारों को आत्मनिर्भर कार्ड भी दिया जाएगा। बैंकों में खाते भी खुलवाए जाएंगे। बीपीएल परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 15 पैरामीटर तय किए गए हैं। इन्हीं के आधार पर आत्मनिर्भर परिवार घोषित किया जाएगा। राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बीपीएल परिवारों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा। उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की रोजगार व आजीविका सृजन से जुड़ी 14 योजनाओं के साथ महिला सशिक्तकरण की 16, वित्तीय समावेशन की 13 और सामाजिक सुरक्षा की 49 योजनाओं से फायदा पहुंचाया जाएगा।
राजस्थान में पंचायत राज व ग्रामीण विकास विभाग ने इस योजना को लागू करने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और एक अप्रैल से यह योजना प्रदेश भर में लागू कर दी गई है। योजना में सबसे पहले उन गांवों का चुना जाएगा, जहां बीपीएल परिवारों की संख्या कम है। अगर आप योजना में आवेदन करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, जो इस प्रकार है :
पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना की अधिकृत जानकारी और दिशा-निर्देशों के लिए राजस्थान सरकार के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आदेश और निर्देश देखें :
https://rdpr.rajasthan.gov.in/order/detail/961/0/202502
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