Published - 31 Jul 2021 by Tractor Junction
बायोगैस उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे है। पर्यावरण मित्र होने केे कारण इस गैस की उपयोगिता अधिक बढ़ जाती है। यह गैस गंधहीन और धुंआ रहित होती है और इससे पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। आने वाले समय में इसकी उपयोगिता को देखते हुए हरियाणा सरकार की ओर से बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए अनुदान देने की व्यवस्था की है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार राज्य में बायोगैस को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दे रही है। इसके तहत डेयरी किसान तथा गौशाला संचालक बायोगैस प्लांट बनाकर बायोगैस तथा जैविक खाद का उत्पादन कर सकते हैं। इसके तहत राज्य सरकार की ओर से 40 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
हरियाणा सरकार की योजना गोशालाओं और डेयरियों में संस्थागत बायोगैस प्लांट लगाने की जिससे राज्य में बायोगैस का पर्याप्त उत्पादन हो सके। इसके लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग एवं हरेडा ने इसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना के तहत 25 क्यूबिक मीटर, 35 क्यूबिक मीटर, 45 क्यूबिक मीटर, 60 क्यूबिक मीटर व 85 क्यूसिक मीटर क्षमता तक के संस्थागत बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए सरकार की ओर से लागत का 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
हरियाणा में बायोगैस उत्पादन की काफी अच्छी संभावना है। इसका एक प्रमुख कारण यहां दुधारू पशुओं की अच्छी खासी संख्या है जिनसे गोबर प्राप्त कर गैस का निर्माण किया जा सकता है। हरियाणा में लगभग 7.6 लाख पशु है, जिनसे 3.8 लाख क्यूबिक मीटर बायोगैस उत्पन्न कर सकते हैं। इस 3.8 लाख क्यूबिक मीटर बायोगैस से 300 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है। 100 पशुओं से लगभग 10 क्विंटल गोबर प्राप्त होता है, जिससे लगभग 50 क्यूबिक मीटर गैस प्राप्त हो सकती है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जिस गोशाला व डेयरी का संचालक संस्थागत बायोगैस प्लांट लगवाना चाहता है, वह अपने जिले के अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में आवेदन कर सकता है। योजना का लाभ पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।
सरकारी नियमों के अनुसार व न्यू नेशनल बायोगैस एवं आर्गेनिक मैन्योर प्रोग्राम के तहत जिले के जिन किसानों के पास 2 पशुओं से अधिक हैं वे किसान गोबर की उपलब्धता के आधार पर बायोगैस संयंत्र लगवा सकते हैं। इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को 12 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है। इस योजना के तहत बायोगैस संयंत्र के साथ शौचालय से जोडऩे पर 16 सौ रुपए का अतिरिक्त अनुदान अलग से दिया जाता है। किसान 2 से 6 घन मीटर क्षमता के बायोगैस संयंत्र लगवा सकते हैं।
बायोगैस एक साफ, प्रर्यावरण हितैषी धुंआ रहित गैस है। इसमें 55 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक मिथेन गैस होती है, जो ज्वलनशील है। बायोगैस पशुओं के गोबर मानवीय मल से तैयार होती है। बायोगैस प्लांट को सामान्य रूप से गोबर गैस प्लांट के रूप में जाना जाता है।
25 क्यूबिक मीटर क्षमता के बायोगैस प्लांट पर करीब 318000 रुपए का खर्चा होता है तथा इस पर 127200 रुपए का अनुदान दिया जाता है। इसी प्रकार 35 क्यू. मी., 45 क्यू. मी., 60 क्यू. मी. 85 क्यू. मी. क्षमता तक के संस्थागत बायोगैस प्लांट स्थापित किए जा सकते हैं। इन पर भी 40 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध है।
बायोगैस संयंत्र लगवाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे किसानों को उत्तम खाद के साथ-साथ ईंधन भी आसानी से मिल मिलता है। इसके अलावा बायोगैस संयंत्र के प्रयोग करने से प्रदूषण भी नहीं होता है क्योंकि यह धुआं रहित संयंत्र है। बायोगैस के कारण लकड़ी की भी बचत होती है। इसलिए किसान बायोगैस प्लांट लगाकर और ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।