Published - 24 Nov 2021
by Tractor Junction
इस साल बिहार में अति बारिश और बाढ़ के कारण खेती में बहुत नुकसान हुआ है। अधिकांश किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा और कई किसानों के खेतों में पानी भर गया। इतना ही नहीं कई किसानों की धान फसल बाढ़ के चलते बह गई। जहां धान की पछेती बुवाई की गई वहां भी बाढ़ के कारण भी किसानों को दुबारा बुवाई करनी पड़ी। वहीं जिन किसानों की धान की फसल खेत में तैयार खड़ी थी वहां भी किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। किसानों की इस पीड़ा को समझते हुए राज्य के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की सरकार ने किसानों को प्रति हैक्टेयर इनपुट सब्सिडी का लाभ प्रदान करने का फैसला किया। बिहार सरकार के इस फैसले से राज्य के लाखों किसानों को राहत मिलेगी।
बता दें कि इनपुट सब्सिडी देने के लिए बिहार में कृषि विभाग की ओर से किसानों से आवेदन मांगे गए थे जिसकी अंतिम तिथि 25 नवंबर 2021 थी। लेकिन राज्य के कई ऐसे किसान शेष रह गए थे जिन्होंनें अब तक इनपुट सब्सिडी के लिए आवेदन नहीं किया था। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से इनपुट सब्सिडी के लिए आवेदन की तिथि को बढ़ा दिया गया है ताकि राज्य के सभी किसानों को सरकारी सहायता मिल सके। अब इनपुट सब्सिडी या अनुदान पाने के लिए किसान 30 नवंबर 2021 तक आवेदन कर सकते हैं।
जिन किसानों की अति बारिश या बाढ़ से प्रभावित हुई है उनके लिए बिहार सरकार की ओर से किसानों को राहत पहुंचाने का कार्य शुरू किया जा रहा है। इनपुट सब्सिडी का लाभ उन्हें प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए राज्य के रैयत और गैर रैयत दोनों तरह के किसान पात्र होंगे। बता दें कि रैयत किसान वे है जो अपनी जमीन पर खेती करते हैं यानि खेत के कागज किसान के नाम होते हैं। गैर रैयत किसान वे है जिनके पास खेती की जमीन नहीं होती है बल्कि वे दूसरे के खेत में खेती कार्य करते हैं।
इसके अलावा जिन किसानों की परती भूमि है उन्हें भी इनपुट सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। इसके अंतर्गत वे किसान शामिल होंगे जिन्होंने परती भूमि, जिस पर पिछले तीन वर्षों में वहां फसल लगाई थी लेकिन बाढ़/अतिवृष्टि के कारण इस साल भी फसल नहीं लगा पाएं हो। ऐसे किसानों को भी कृषि इनपुट अनुदान का लाभ प्रदान किया जाएगा।
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार अब तक राज्य के 30 जिलों पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, भभुआ, गया, जहानाबाद, सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, खगडिय़ा, भागलपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णियां, अररिया तथा कटिहार में बाढ़/अतिवृष्टि से फसल को नुकसान हुआ है। सरकार की ओर से इन किसानों को इनपुट अनुदान का लाभ प्रदान किया जाएगा।
इसी प्रकार राज्य के 17 जिलों जिनमें नालंदा, बक्सर, सारण, गोपालगंज मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगडिय़ा, सहरसा, अररिया तथा कटिहार में विभिन्न कारणों से कुछ भूमि परती भी रह गई है। उन्हें भी इनपुट सब्सिडी/अनुदान के तहत मुआवजा दिया जाएगा।
राज्य में किसानों के नुकसान का आकलन कर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से देय इनपुट सब्सिडी का निर्धारण कर दिया गया है। जो इस प्रकार से है-
• बाढ़/अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के लिए वर्षाश्रित (असिंचित) फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाएगा।
• सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा।
• शाश्वत फसल (गन्ना सहित) के लिए 18,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से कृषि इनपुट अनुदान का लाभ प्रदान किया जाएगा।
• परती भूमि के लिए भी 6,800 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से कृषि इनपुट अनुदान दिया जाएगा।
• यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए ही दिया जाएगा तथा किसान को इस योजना के तहत फसल क्षेत्र के लिए न्यूनत्तम 1,000 रुपए अनुदान दिया जाएगा।
किसान ऑनलाइन आवेदन डी.बी.टी. के माध्यम से सुबह 7.00 बजे से लेकर रात्रि 8.00 बजे तक कर सकते हैं। पहले यह आवेदन सुबह 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक ही किए जा सकते थे। इसके अलावा ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रमंडलवार डी.बी.टी. पोर्टल पर अलग से लिंक की व्यवस्था की जा रही है, ताकि कम समय में अधिक से अधिक किसानों को आवेदन करने में आसानी हो सके तथा सर्वर पर लोड भी कम किया जा सके।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार खरीफ सीजन-2021 में परती भूमि तथा बाढ़ एवं अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना चलाई जा रही है। इसके तहत 30 जिलों के 11,45,745 किसानों ने कृषि इनपुट अनुदान का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है तथा परती भूमि के कारण हुई क्षति से प्रभावित 17 जिलों के 93,699 किसानों ने अभी तक ऑनलाइन आवेदन किया है।
किसान कृषि इनपुट अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन 30 नवंबर 2021 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसान के पास 13 नंबर की पंजीयन संख्या होना आवश्यक है। अगर किसी किसान के पास यह नंबर नहीं है तो वह https://dbtagriculture.bihar.gov.in/RegFarmer/ पर जाकर पंजीयन करा सकते हैं। इससे किसानों को 13 नंबर की एक पंजीयन संख्या मिलेगी। किसान उस पंजीयन संख्या के 24 घंटे के बाद कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिस किसान के पास पहले से 13 नंबर का पंजीयन संख्या है वह किसान http://dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
इनपुट अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसान चाहे तो सीएससी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यदि आप स्वयं आवेदन करना चाहते हैं तो आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया इस प्रकार से है-
• कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत आवेदन करने के लिए सबसे पहले प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, कृषि विभाग, बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर dbtagriculture.bihar.gov.in जाएं।
• अब आपकी स्क्रीन पर वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
• होम पेज पर पंजीकरण करे का ऑप्शन पर क्लिक करें।
• अब खुले हुए नए पेज में यदि आप आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आधार कार्ड का नंबर अपनी स्क्रीन पर दर्ज करें।
• फिर प्रमाणीकरण के बटन पर क्लिक कर दें।
• अब आपके मोबाइल नंबर पर ओटीपी व रजिस्ट्रेशन नंबर आ जाएगा।
• आपको अब वापस होम पेज पर जाना है। वहां ऑनलाइन आवेदन करें के ऑप्शन पर क्लिक करें।
• अब आपके सामने लिस्ट खुल जाती है वहां कृषि इनपुट अनुदान योजना 2020-21 के ऑप्शन पर क्लिक करें।
• अब आपकी स्क्रीन पर ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म का पेज खुलेगा।
• फिर आपको खुले हुए पेज में पंजीकरण संख्या दर्ज करनी है जो आपके फोन नंबर पर आई होगी।
• फिर आपकी स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाता है।
• फार्म में पूछी गई जानकारी दर्ज करें।
• सभी जानकारी को भरने के बाद मांगे गए दस्तावेजों को अपलोड करें।
• और फॉर्म की जांच करने के बाद फॉर्म को सबमिट कर दें।
• इस तरह इनपुट अनुदान के लिए आपके आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
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