Published - 14 Jul 2020 by Tractor Junction
केंद्र सरकार अब बांस की खेती को प्रोत्साहन दे रही है। इसके लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत बांस की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को सरकार की ओर से अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के किसानों को उन्नत किस्म के बांस के पौधे अनुदान पर दे रही है जिससे किसान इसकी खेती की ओर आकर्षित हो और प्रदेश में बांस का उत्पादन बढ़े ताकि किसानों को अतिरिक्त आय होने के साथ ही उसकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके। वहीं प्रदेश में बांस का उत्पादन बढऩे से बांस आधारित शिल्पकारों और बांस उद्योग को पर्याप्त मात्रा में कच्चे माल की आपूर्ति हो सकेगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा 14वें वित्त आयोग (2018-19 तथा 2019-20) की शेष अवधि के दौरान सतत् कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन (National Mission for Sustainable Agriculture - NMSA) के अंतर्गत केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission - NBM) को स्वीकृति दी गई है। मिशन संपूर्ण मूल्य श्रृंखला बनाकर और उत्पादकों (किसानों) का उद्योग के साथ कारगर संपर्क स्थापित करके बांस क्षेत्र का संपूर्ण विकास सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने एनबीएम के दिशा-निर्देशों को तैयार करने तथा दिशा-निर्देशों में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की स्वीकृति के साथ राज्यों की विशेष सिफारिशों के अनुसार समय-समय पर उठाए गए कदमों के लिए लागत के तौर-तरीकों सहित अन्य परिवर्तन करने हेतु कार्यकारी समिति को शक्तियां प्रदान करने को भी अपनी मंजूरी दी गई।\
14वें वित्त आयोग (2018-19 तथा 2019-20) की शेष अवधि के दौरान मिशन लागू करने के लिये 1290 करोड़ रुपए का (केंद्रीय हिस्से के रूप में 950 करोड़ रुपए के साथ) प्रावधान किया गया है।
इस योजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों, स्थानीय दस्तकारों और बांस क्षेत्र में काम कर रहे अन्य लोगों को लाभ होगा। पौधरोपण के अंतर्गत लगभग एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र को लाने का प्रस्ताव किया गया है। इसलिये यह आशा की जाती है कि पौधरोपण को लेकर प्रत्यक्ष रूप से लगभग एक लाख किसान लाभान्वित होंगे।
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत उन सीमित राज्यों में जहां बांस के सामाजिक, वाणिज्यिक और आर्थिक लाभ हैं वहां बांस के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, विशेषकर पूर्वोत्तर क्षेत्र में और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रेदश, तेलंगाना, गुजरात, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में।
बांस मिशन वर्ष 2020 मध्यप्रदेश के वन विभाग द्वारा में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में बांस रोपण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 2400 हेक्टेयर वन क्षेत्र और 1600 हेक्टेयर कृषकों की निजी भूमि शामिल है। प्रदेश में इस वित्त वर्ष में 17 लाख 56 हजार बांस के पौधे लगाए जाएंगे, जिस पर करीब 25 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जानी है।
इस योजना से लाभ लेकर किसान अपनी कृषि भूमि, खेत की मेड़ आदि पर अपनी इच्छानुसार बांस की प्रजातियां लगाने के लिए स्वतंत्र हैं। किसान चाहे तो खेत की मेड़ पर इसे लगा सकते हैं जो खेत में बाडबंदी का काम भी करेगा और इससे उसे अतिरिक्त आमदनी भी होगी।
राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत प्रदेश के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उन्नत गुणवत्ता वाले बांस के पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रति पौधा 240 रुपए लागत वाला यह पौधा किसानों को 120 रुपए में मिलेगा। राशि अनुदान का वितरण तीन वर्षों तक किया जाएगा। पहले साल में 60 रुपए प्रति पौधा, दूसरे में 36 रुपए और तीसरे साल में किसानों को 24 रुपए प्रति पौधा अनुदान मिलेगा। पहले वर्ष में रोपित सभी पौधों पर अनुदान दिया जाएगा। दूसरे साल 80 प्रतिशत पौधों की जीवितता पर (मृत पौधा बदलाव सहित) और तीसरे साल शत-प्रतिशत पौधों की जीवितता (मृत पौधा बदलाव सहित) सुनिश्चित करने पर अनुदान दिया जाएगा।
योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान संबंधित वनमंडलाधिकारी को आवेदन कर सकते हैं। अधिकारी बांस मिशन द्वारा आवंटित भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों के सीमा के अनुसार हितग्राही का चयन करेंगे। चयन में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी। न्यूनतम रोपण 375 से 450 पौधे प्रति हेक्टेयर लगाने का प्रावधान है। पौधों का अन्तराल किसान खुद तय करेंगे। बांस पौधों के बीच कृषि फसलों की अन्तरवर्ती फसलें भी ली जा सकेगी। किसानों को यह पौधे मध्यप्रदेश राज्य बांस मिशन द्वारा मान्यता प्राप्त रोपणियों या भारत सरकार के बायोटेक्नोलोजी विभाग से एन.सी.एस.-टी.सी.पी. प्रमाण पत्र प्राप्त टिश्यू कल्चर प्रयोगशालाओं से गुणवत्ता पूर्ण पौधों को क्रय कर लगाना होगा। पौधा क्रय का भुगतान किसान द्वारा रोपणी/लेब को किया जाएगा।
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