प्रकाशित - 14 Apr 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
कभी गर्मी का कहर तो कभी आंधी, बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान। पिछले कुछ समय से मौसम का यही मिजाज चल रहा है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। इस तरह मौसम में परिवर्तन किसानों के लिए आफत बन गया हैं। हाल ही में हुई आंधी, बारिश व ओलावृष्टि से कई राज्यों में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से किसानों की फसलों में हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं ताकि किसानों को समय पर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके जिससे उनके नुकसान की भरपाई संभव हो सके।
मौसम के बिगड़ते मिजाज को देखते हुए हाल ही में राज्य के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न भागों में आई आंधी और असमय हुई बारिश के कारण किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। ऐसे में सभी जिलों के जिलाधिकारियों से भौतिक सत्यापन कर वास्तविक फसल क्षति का आंकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके आधार पर सरकार किसानों को मुआवजा और अन्य सहायता देने की व्यवस्था करेगी। जिलों से फसल क्षति की रिपोर्ट आते ही प्रभावित किसानों को आवश्यक सहायता देने की दिशा में शीघ्र कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रभावित क्षेत्रों का तुरंत सर्वेक्षण करें। नुकसान का विस्तार से आंकलन करके जल्द मुख्यालय को इसकी रिपोर्ट भेजें। इसके आधार पर सरकार की ओर से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजा व अन्य सहायता की व्यवस्था की जाएगी। मंत्री ने कहा कि हाल ही के दिनों में बिहार के विभिन्न भागों में आई आंधी व असमय बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
बिहार के कृषि मंत्री ने बताया कि अभी असयम बारिश और आंधी से गेहूं, गरमा मूंग, उड़द, तिल, मक्का, मूंगफली, अरहर, पान, केला, प्याज सहित कई बागवानी फसलों के प्रभावित होने की आशंका है। इसमें से कई फसलें कटाई के बिलकुल करीब थीं, इस कारण नुकसान अधिक हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति का गहनता से मूल्यांकन कर रही है। किसानों को आवश्यक राहत एवं सहायता कार्यों की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा और अवसर दोनों स्थिति में सरकार किसानों के साथ खड़ी है। किसी भी स्थिति में हम अन्नदाताओं का अहित नहीं होने देंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के सक्षम नेतृत्व में राज्य की सरकार किसानों को हर संभव सहायता पहुंचाएगी। सरकार की प्राथमिकता है कि किसानों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा मिले।
बिहार सरकार की ओर से फसल नुकसान से किसानों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना चलाई जा रही है। इसके तहत रबी या गरमा फसल में नुकसान होने पर भी किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाता है। योजना के तहत किसानों की फसल को बेमौसम आंधी, बारिश व ओलावृष्टि से कुल उपज के 20 प्रतिशत तक नुकसान होने पर 7500 रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाता है। वहीं 20 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान पर किसान को 10,000 रुपए प्रति हैक्टेयर मुआवजा दिया जाता है। यह मुआवजा किसानों को अधिकतम दो हैक्टेयर क्षेत्र के लिए दिया जाता है। योजना का लाभ रैयत व गैर रैयत दोनों तरह किसानों को दिया जाता है। यहां रैयत किसान वह होते हैं जिनके पास स्वयं का खेत है और वह उसमें खेती करते हैं, जबकि गैर रैयत किसान वह है जो दूसरे के खेत पर काम करके फसलोत्पादन करते हैं। ऐसे किसान किराये पर जमीन लेकर खेती करते हैं।
मौसम विभाग ने बिहार के 26 जिलों में बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में किसानों व लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है। प्रदेश के मध्य भागों से झारखंड होते हुए उत्तर तटीय ओडिशा तक एक द्रोणिका का प्रभाव बना हु्आ है। वहीं, 16 अप्रैल को पश्चिमी हिमालय क्षेत्रों में विक्षोभ की संभावना है। इन सभी मौसमी कारकों के कारण प्रदेश के मौसम में 19 अप्रैल 2025 तक गरज-तड़क के साथ कुछ स्थानों पर हल्की बारिश व तेज हवा चलने की संभावना है।
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