Published - 26 Oct 2021
by Tractor Junction
फसल उत्पादन बढ़ाने को लेकर नित नए प्रयोग और अनुसंधान किए जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप देश में फसल उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन घटते कृषि क्षेत्र के कारण अब कम क्षेत्रफल में अधिक उत्पादन लेने की आवश्यकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से कृषि की उन्नत तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। इन तकनीकों का इस्तेमाल करके किसान फसल उत्पादन को बढ़ा कर अधिक मुनाफा कमा सकता है। इसी क्रम में हरियाणा राज्य सरकार की ओर से किसानों बांस या लोहे की स्टैकिंग में सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार का मानना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करके किसान कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन लेने में समक्ष हो सकेंगे जिससे किसानों की आय मेें बढ़ोतरी होगी।
स्टैंकिंग तकनीक से खेती करने के लिए बांस या लोहे के डंडे, रस्सी या तार की आवश्यकता होती है। इस तकनीक में बांस के सहारे तार और रस्सी का जाल बनाया जाता है। इस पर पौधों की लताएं फैलाई जाती हैं। स्टैंकिंग तकनीक के जरिये किसान बैंगन, टमाटर, मिर्च, करेला, लौकी समेत कई अन्य सब्जियों की खेती कर सकते हैं। इस विधि में फसल को नुकसान पहुंचने का खतरा न के बराबर होता है। इस तकनीक से खेती करने पर सब्जियों की फसल में सडऩ नहीं होती, क्योंकि वो जमीन पर जगह ऊपर लटकी होती हैं। इस विधि को अपनाकर किसान अधिक उत्पादन प्राप्त करने के साथ ही अच्छा मुनाफा भी प्राप्त कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार राज्य में किसानों को स्टैकिंग तकनीक से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान दे रही है। इसके तहत बांस स्टैकिंग व लोहे की स्टैकिंग का प्रयोग करने के लिए किसानों को 50 से 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। यह अनुदान बांस स्टैकिंग व लौह स्टैकिंग पर अलग-अलग प्रदान किया जा रहा है। जो इस प्रकार से हैं-
• बांस स्टैकिंग की 62,500 रुपए प्रति एकड़ लागत पर 31,250 से लेकर 56,250 रुपए अनुदान दिया जा रहा है।
• वहीं लौह स्टैकिंग की एक लाख 41 हजार रुपए प्रति एकड़ लागत पर 70,500 से लेकर एक लाख 26 हजार रुपए तक अनुदान किया जा रहा है।
• दोनों तरह की स्टैकिंग पर अधिकतम अनुदान क्षेत्र एक से 2.5 एकड़ है।
• हरियाणा राज्य का स्थाई निवासी होने का प्रमाण पत्र
• आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
• आवेदन करने वाले किसान का मोबाइल नंबर
• आवेदक का एक पासपोर्ट साइज का फोटो
• आवेदन करने वाले किसान का निवास प्रमाण पत्र
• आवेदक का पहचान पत्र
• जमीन के कागजात
• बैंक खाते से जुड़ी जानकारी (बैंक पासबुक के प्रथम पेज की फोटो कॉपी)
बांस स्टैकिंग व लोहे की स्टैकिंग का प्रयोग वाली इस योजना का क्रियान्वयन राज्य के उद्यानिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए विभाग के बागवानी पोर्टल http://hortharyanaschemes.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी जमीन और फसल का भी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
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