चाय की खेती के लिए मिलेगी 50  प्रतिशत सब्सिडी, यहां करें आवेदन 

Share Product प्रकाशित - 29 May 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

चाय की खेती के लिए मिलेगी 50  प्रतिशत सब्सिडी, यहां करें आवेदन 

जानें, कैसे करें चाय की खेती, कैसे मिलेगा सब्सिडी का लाभ 

जब भी चाय की खेती की बात होती है तो बहुत सारे किसानों का मानना होता है कि चाय की खेती तो असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, केरल और दार्जिलिंग में ही होती है। लेकिन ऐसा नहीं है भारत के बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब एवं अन्य राज्यों में भी चाय की खेती को बढ़ावा मिल रहा है और किसान अनुकूल वातावरण में इसकी खेती कर रहे हैं। चाय भारत का एक प्रसिद्ध पेय है। चाय की बढ़ती मांग किसानों के लिए एक बड़ा मौका है, जिससे वे अपनी आमदनी बढ़ा सकें। चाय के बढ़ती मांग और कीमतों को देखते हुए देश के और कई राज्यों में भी चाय के बागान लगाए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए बिहार के किशनगंज में लगभग 25 हेक्टेयर में चाय का बागान लगा हुआ है। राज्य सरकार की ओर से इस बागान से उत्पादित होने वाली चाय को ‘बिहार का चाय” का टैग दिया गया है। किशनगंज में उत्पादित होने वाली चाय कि मांग देश के विभिन्न हिस्सों में तो बढ़ी ही है, साथ ही विदेशों में भी इसकी मांग ज्यादा है। बिहार सरकार द्वारा राज्य के किसानों को चाय की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बिहार सरकार किसानों को चाय की खेती के लिए कुल इकाई लागत का 50 प्रतिशत अनुदान देगी । 

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ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में हम चाय की खेती पर मिलने वाले अनुदान, पात्रता शर्तें, आवेदन प्रक्रिया आदि की जानकारी दे रहे हैं। 

किन किसानों को मिलेगी चाय पर सब्सिडी 

बिहार एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत चाय की खेती पर सब्सिडी पाने के लिए किसान का बिहार का स्थायी निवासी होना जरूरी है। जो किसान चाय की खेती पर अनुदान लेना चाहते हैं उनका डीबीटी पंजीयन होना जरूरी है। ताकि योजना के समय रजिस्ट्रेशन करते समय किसान पंजीयन संख्या का विवरण भर सकें। 

कितना मिलेगा अनुदान 

बिहार के किसानों को चाय के खेती पर सब्सिडी के तौर पर कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। चाय की खेती के लिए कुल इकाई लागत 4 लाख 94 हजार रुपए तक निर्धारित की गई है। जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान यानी अधिकतम 2 लाख 47 हजार रुपए का अनुदान किसानों को दिए जाने का प्रावधान है। बता दें कि किसानों को 2 लाख 47 हजार रुपए की एक मुश्त किश्त नहीं दी जाएगी। बल्कि 75:25 के अनुपात में किश्तें दी जाएगी। पहली किश्त में किसानों को 1 लाख 85 हजार 250 रुपए ( 1,85,250/- ) रुपए दिए जाएंगे। वहीं दूसरी किश्त में 61 हजार 750 रुपए दिए जाएंगे। इस तरह कुल दो किश्तों में किसान को सब्सिडी की राशि जारी की जाएगी।

किन-किन जिलों के किसानों को मिलेगा अनुदान

चाय की खेती के लिए किशनगंज, कटिहार, अररिया, पूर्णिया जिले के किसानों को इस योजना के अंतर्गत लाभ प्रदान किया जाएगा। बता दें कि बिहार के किशनगंज जिला में चाय की खेती साल 1992 से शुरू हुई। यहां छोटे से लेकर बड़े किसान सभी चाय की खेती में जुटे हुए हैं। भारत में सबसे ज्यादा चाय की खेती करने वाला राज्य असम है। असम के बाद पश्चिम बंगाल, सबसे ज्यादा चाय की खेती करने वाला राज्य है।

चाय की खेती पर अनुदान पाने के लिए आवश्यक दस्तावेज

बिहार में चाय की खेती पर मिलने वाले 50% अनुदान प्राप्त करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों का होना अनिवार्य है। ये दस्तावेज कुछ इस प्रकार हैं।

  • किसान का आधार कार्ड
  • किसान का डीबीटी पंजीकरण संख्या
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक
  • मोबाइल नंबर
  • ईमेल आईडी ( यदि हो )

कैसे मिलेगा अनुदान का लाभ / आवेदन की प्रक्रिया 

बिहार सरकार द्वारा विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत किसानों को दिए जाने वाले चाय की खेती पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान बिहार कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अपना डीबीटी पंजीयन कर लें। डीबीटी पंजीकरण जिन किसानों का पूरा हो चुका है, उन्हें डीबीटी पंजीकरण करने की कोई जरूरत नहीं है। डीबीटी पंजीकरण करने के लिए बिहार कृषि विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट www.dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

  • डीबीटी पंजीकरण करने के बाद डीबीटी पंजीकरण संख्या को नोट कर लें। और इस योजना में आवेदन के लिए बिहार बागवानी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट www.horticulture.bihar.gov.in पर जाएं।
  • विभाग की वेबसाइट पर जाने के बाद आप इस योजना में अप्लाई कर योजना का लाभ उठा सकते हैं।
  • किसी भी प्रकार की जानकारी और योजना से संबंधित अन्य जानकारियों के लिए नज़दीकी जिले के सहायक निदेशक उद्यान या प्रखंड उद्यान कार्यालय में संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।

कैसे करें चाय की खेती

भारत में चाय का पेय के रूप में बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी खेती के सभी महत्वपूर्ण जरूरतों जैसे मिट्टी, किस्में, खेत की तैयारी आदि की जानकारी लेकर चाय की खेती आसानी से की जा सकती है। चाय की खेती करने से पहले अपनी जलवायु, मिट्टी आदि को लेकर अपने नजदीकी कृषि सलाहकार से संपर्क करते हुए, एक बार जरूर जानकारी लें। तभी खेती की शुरुआत करें।

मिट्टी एवं जलवायु

चाय की खेती के लिए हल्की अम्लीय भूमि की जरूरत होती है। अम्लीय भूमि में चाय की खेती ज्यादा अच्छी होती है। पीएच मान की बात करें तो यह मान 5.4 से 6 के बीच होना चाहिए। वहीं तापमान की बात करें तो पौधों को विकास के लिए न्यूनतम 20 से 30 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। हालांकि चाय के पौधों की सहनशीलता 15 डिग्री से 45 डिग्री तक होती है।

पैदावार और कमाई

चाय की उन्नत किस्मों और बेहतर प्रबंधन के साथ अगर खेती की जाए तो प्रति हेक्टेयर 600 से 800 किलोग्राम चाय का उत्पादन हो जाता है। इससे किसान भाई 2 से 3 लाख रुपए रुपए तक की सालाना आमदनी कर सकते हैं।

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