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सहजन, प्याज और सेब की खेती पर मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी

Share Product Published - 18 Jan 2022 by Tractor Junction

सहजन, प्याज और सेब की खेती पर मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी

जानें, क्या है बिहार सरकार की विशेष उद्यानिकी फसल योजना और इससे लाभ

सरकार की ओर से किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके तहत किसानों को सहायता प्रदान की जाती है। इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। खेती के लिए कृषि यंत्र खरीदने से लेकर खाद, बीज कीटनाशक खरीदने के लिए भी सरकार से सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष फसलों को प्रोत्साहन भी दिया जाता है। इस पर भी सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है। ऐसी ही एक योजना बिहार सरकार की ओर से किसानों के लिए चलाई जा रही है। इस योजना का नाम विशेष उद्यानिकी फसल योजना है। इसके तहत किसानों को विशेष प्रकार की फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को इस योजना की जानकारी दे रहे हैं ताकि वे इसका लाभ उठा सकें। 

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क्या है विशेष उद्यानिकी फसल योजना 

बिहार सरकार की ओर से राज्य के किसानों के लिए विशेष उद्यानिकी फसल योजना शुरू की गई है। इसके तहत किसानों को विशेष उद्यानिकी फसलों पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। अभी राज्य के प्याज, सहजन, सेब, मगही पान, रजनीगंधा तथा चाय की खेती करने वाले किसानों को इस योजना के तहत 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। बता दें कि पहले इस योजना में सब्सिडी के लिए आवेदन की तिथि 15 जनवरी 2022 थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 22 जनवरी 2022 कर दिया गया है। इच्छुक किसान इस योजना में आवेदन करके सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 

विशेष उद्यानिकी फसल योजना का उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में मदद करना है। इस योजना के तहत राज्य के किसानों को प्याज, सहजन, सेब आदि फसलों के उत्पादन पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। 

सहजन की खेती पर कितना मिलेगा अनुदान (सब्सिडी)

बिहार में 150 हेक्टेयर में सहजन की खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से प्रति हेक्टेयर 74 हजार में 50 प्रतिशत यानी 37 हजार रुपए का दो किस्तों में अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में औरंगाबाद, भागलपुर, बांका, बक्सर, भोजपुर, गया, जमुई, नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास और शिवहर में सहजन की खेती विस्तार का लक्ष्य रखा गया है। दक्षिण भारत की वेराइटी पीकेएम1 और पीकेएम 2 बिहार में सफल नहीं हुए। इस साल ओडिशा विकसित वेराइटी ओडिसी 3 के बीज किसानों को दिए जाएंगे। बता दें कि सहजन का प्रयोग भोजन, दवा, औषधीय कार्य में होता है। 

सेब की खेती के लिए कितना मिलेगा अनुदान (सब्सिडी)

सेब की खेती के लिए किसानों को 2 लाख 46 हजार 250 रुपए प्रति हेक्टेयर इसकी लागत रखी गई है। इसका 50 फीसदी अनुदान यानि एक लाख 23 हजार रुपए की सब्सिडी का लाभ किसानों को तीन चरणों में दिया जाएगा। इसके लिए भागलपुर, बेगूसराय, औरंगाबाद, वैशाली, कटिहार, समस्तीपुर मुजफ्फरपुर के किसान आवेदन कर सकते हैं।

प्याज की खेती के लिए कितना मिलेगा अनुदान (सब्सिडी)

राज्य की राजधानी पटना सहित बक्सर, भोजपुर, नालंदा और सारण जिलों में 100 हेक्टेयर में प्याज की खेती का लक्ष्य रखा गया है। प्याज की प्रति हेक्टेयर लागत 98 हजार रुपए निर्धारित की गई है। इसमें से किसान को 50 प्रतिशत यानी 49 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा। पहली बार प्याज की खेती के लिए एनएचआरडीएफ रेड 3 और एनएचआरडीएफ रेड 4 वेराइटी (किस्म) के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

रजनीगंधा की खेती पर कितना मिलेगी सब्सिडी  (अनुदान)

बिहार के भागलपुर, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, बक्सर, भोजपुर, गया, पटना और जहानाबाद में 50 हेक्टेयर में रजनीगंधा की खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रति हेक्टेयर लागत 1.85 लाख प्रति इकाई निर्धारित की गई है। इसमें से किसानों को सरकार की ओर से लागत इकाई का 50 प्रतिशत यानी 92 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा। बता दें कि रजनीगंधा का प्रयोग इत्र बनाने में होता है। इसके अलावा इस फूल को सजावट और बुके में उपयोग में लाया जाता है। इसकी बाजार में काफी मांग रहती है। 

मगही पान की खेती के लिए कितना मिलेगी सब्सिडी (अनुदान)

बिहार में मगही पान की खेती के लिए नवादा, गया, नालंदा और औरंगाबाद जिले को चुना गया है। इस योजना का लाभ एफपीसी (फामर्स प्रोड्यूसर कंपनी) को दिया जाएगा। प्रति यूनिट लागत 70,500 रुपए निर्धारित की गई है। इसमें से 50 प्रतिशत यानी 35,250 रुपए अनुदान दिया जाएगा। बता दें कि जीआई टैग मिलने के कारण खास इस वेराइटी के पान की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित दिया जा रहा है।

चाय की खेती पर मिलने वाला अनुदान (सब्सिडी)

बिहार सरकार की ओर से राज्य में करीब 90 हेक्टेयर में चाय की खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसमें किशनगंज में 75 हेक्टेयर और अन्य तीन जिलों कटिहार, अररिया और पूर्णिया में 5-5 हेक्टेयर में चाय की खेती कराई जाएगी। चाय की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लागत 4.94 लाख रुपए निर्धारित की गई है। इसमें से किसान को 50 प्रतिशत यानी 2.47 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा। 

किसान सब्सिडी का लाभ पाने के लिए कहां करें आवेदन

  • संबंधित जिले के किसान उपरोक्त फसलों पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन horticulture.bihar.gov.in कर सकते हैं। 
  • इसके लिए आपको horticulture.bihar.gov.in लिंक पर click करें। 
  • यहां Dash Board पर उपलब्ध विशेष उद्यानिक फसल योजना के आवेदन करें। 
  • लिंक पर जाएं एवं जरूरी विवरणों की भरते हुए आवेदन दर्ज कर सकते हैं। 

विशेष उद्यानिकी फसल योजना में आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

विशेष उद्यानिकी फसल योजना में आवेदन के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, ये इस प्रकार से हैं

•    आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
•    खेती की जमीन के कागजात
•    बैक खाता पासबुक का विवरण
•    किसान पंजीकरण, फोटो आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कहां करें संपर्क

विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत ऑन-लाइन आवेदन की तिथि को 22.01.2022 तक बढ़ाया गया है। विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिला के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क किया जा सकता है।


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