खुशखबर : 36,351 किसानों का ब्याज होगा माफ, मिल सकेगा नया ऋण

Share Product प्रकाशित - 17 Mar 2025 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

खुशखबर : 36,351 किसानों का ब्याज होगा माफ, मिल सकेगा नया ऋण

जानें, किन किसानों को मिलेगा एक मुश्त समझौता योजना का लाभ 

Ek Musht Samjhauta Yojana :  किसानों के लिए खुशखबर है। राज्य सरकार की ओर से किसानों को उनके द्वारा लिए गए पुराने ऋण पर लगने वाला ब्याज माफ करने की योजना बनाई गई है। सरकार की इस योजना का लाभ राज्य के 36,351 किसानों को मिल सकेगा। सरकार की ओर से उनके पुराने ऋण पर ब्याज माफ किया जा रहा है ताकि ये किसान दुबारा से बैंक से ऋण लेने के पात्र हो सकें। क्योंकि किसानों द्वारा ऋण नहीं चुकाने पर उन्हें बैंक डिफाल्टर घोषित कर देता है। ऐसे में इन किसानों को बैंक से दुबारा ऋण नहीं मिल पाता है। किसानों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से एक मुश्त समझौता योजना (Ek Musht Samjhauta Yojana) को लागू कर दी गई है ताकि राज्य के डिफाल्टर किसान पुराने ऋण से मुक्त होकर खेती–किसानी के लिए पुन: नया ऋण प्राप्त कर सकें। 

क्या है एक मुश्त समझौता योजना

राज्य सरकार की ओर किसानों के लिए एक मुश्त समझौता योजना (OTS) को लागू किया गया है। इसके तहत भूमि विकास बैंकों के एक जुलाई 2024 को अवधिपार हो चुके मध्यमकालीन व दीर्घकालीन लोन का मूलधन 100 प्रतिशत जमा कराने पर किसानों को ब्याज में 100 प्रतिशत राहत प्रदान की जाएगी यानी उनसे कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। ऐसे किसानों को केवल मूलधन जो उन्होंने बैंक से उधार लिया है, वही चुकाना होगा। बताया जा रहा है कि भूमि विकास बैंकों का अवधिपार ऋण करीब 760 करोड़ रुपए हो गया है। इस कारण मुख्यमंत्री की ओर से एक मुश्त समझौता योजना को लागू करने की घोषणा की गई है ताकि बैंकों की क्षतिपूर्ति की जा सके। सरकार की ओर से इसकी क्षतिपूर्ति के लिए 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसका लाभ किसानों को ब्याज मुक्त करने में किया जाएगा। 

किन किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

सहकारिता मंत्री के अनुसार पिछले कुछ सालों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण ऋणी किसानों द्वारा बैंक ऋण की किश्तें नहीं चुकाई जा सकी है। इसके कारण इन बैकों का अवधिपार ऋण करीब 760 करोड़ रुपए हो गया है। अब मुख्यमंंत्री की ओर से एकमुश्त समझौता योजना लागू करते हुए इसके लिए 200 करोड़ रुपए खर्च करना प्रस्तावित किया है। इससे भूमि विकास बैंकों के ऋणों की वसूली आसान होगी और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

किसानों को ब्याज पर मिलेगी 100 प्रतिशत की सब्सिडी/छूट

सहकारिता मंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार के “सुराज संकल्प” में किसानों की भूमि नीलाम नहीं होने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत भूमि विकास बैंकों द्वारा वसूली के लिए की जाने वाली नीलामी कार्यवाही को भी स्थगित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों का यह वर्ग आशान्वित था कि राज्य सरकार उन्हें राहत देते हुए एकमुश्त समझौता योजना लागू करेगी। सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस घोषणा के तहत भूमि विकास बैंक के एक जुलाई 2024 को अवधिपार हो चुके मध्यकालीन व दीर्घकालीन ऋण की मूलधन की 100 प्रतिशत राशि जमा करवाने पर अवधिपार ब्याज में 100 प्रतिशत की सब्सिडी यानी छूट प्रदान की जाएगी जिससे किसानों को राहत मिलेगी।

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किसान फिर से 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान पर ले सकेंगे ऋण

एक मुश्त समझौता (OTS) योजना लागू होने से प्रदेश के भूमि विकास बैंकों से जुड़े हुए 36,351 अवधिपार ऋणी किसानों को ब्याज में शत–प्रतिशत राहत प्रदान की जाएगी। इसके परिणामस्वरूप उक्त ऋणी किसानों को नवीन कृषि एवं अकृषि गतिविधिवियों के लिए राज्य सरकार की 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना (Interest Subsidy Scheme) के तहत नया ऋण मिल सकेगा। इस तरह बैंक की ओर से ऋण नहीं चुकाने पर डिफाल्टर हुए किसान दुबारा से नया ऋण प्राप्त करने के पात्र हो सकेंगे। 

कैसे उठाएं एक मुश्त समझौता योजना का लाभ

यदि आप राजस्थान के किसान हैं तो आप एक मुश्त समझौता योजना का लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि इस समय राजस्थान सरकार की ओर से ही मध्यकालीन व दीर्घकालीन बकाया ऋणों पर राज्य के किसानों को राहत प्रदान की जा रही है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको जिस भूमि विकास बैंक या इससे संबंधित वित्तीय संस्थान से आपने ऋण लिया है उससे संपर्क करना होगा। वहां से आपको इस योजना के नियमों व शर्तों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी। इसके बाद उनके बताए गए तरीके के अनुसार आपको आवेदन करना होगा। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप अपने निकटतम भूमि विकास बैंक की संबंधित शाखा पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। राजस्थान सरकार की एक मुश्त समझौता योजना का लाभ 31 मार्च 2025 तक उठाया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि भूमि विकास बैंक के तहत राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राज्य सहकारी बैंक, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक, वाणिज्यिक बैंक, राज्य कृषि विकास वित्त कंपनियां, अनुसूचित प्राथमिक शहरी सहकारी बैंक, उत्तर–पूर्व विकास वित्त निगम, गैर बैंकिंग वित्त कंपिनयां या गैर बैंकिंग वित्त कंपनी जिसके तहत सूक्ष्म वित्त संस्था व लघु वित्त बैंक आते हैं।

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